महाराष्ट्र की राजनीति में घमासान: उद्धव को नहीं भाया शरद पवार द्वारा शिंदे का सम्मान

प्रदेश की अंदरुनी राजनीति में एक बार फिर आमने सामने हुए शरद पवार और उद्धव गुट के नेता, बीजेपी ने ली चुटकी, शिंदे के बयान ने फिर से बो दिए संदेह के बीज

maharashtra politics
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महाराष्ट्र की राजनीति एक बार फिर हिलोले मार रही है. वजह है एनसीपी एसपी के वरिष्ठ नेता एवं मुखिया शरद पवार द्वारा पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे का सम्मान. यह बात उद्धव ठाकरे के गले नहीं उतर रही है. उन्होंने न केवल इस पर नाराजगी जाहिर की है, बल्कि पवार सहित शिंदे पर भी अपना गुस्सा जाहिर किया. वहीं शरद पवार ने इसे उद्धव की निजी राय बताते हुए सफाई देते हुए हर बात को राजनीति से न जोड़ने का मशवरा दिया है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी आग में घी डालने का काम करते हुए इसे पवार द्वारा शिंदे को स्वीकार किए जाने की बात कह रही है.

इधर प्रदेश के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने यह कहकर भी हलचल मचा दी कि शरद पवार से सीखने वाली बात है कि राजनीतिक क्षेत्र से परे जाकर अच्छे संबंध कैसे बनाकर रखे जा सकते हैं. मेरे शरद पवार के साथ अच्छे संबंध हैं, लेकिन उन्होंने मुझे कभी गुगली नहीं फेंकी. मुझे पूरा भरोसा है कि वह भविष्य में भी मुझे गुगली नहीं फेंकेंगे.

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दरअसल 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवेसना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे को 11 फरवरी को ‘महादजी शिंदे राष्ट्र गौरव पुरस्कार’ से सम्मानित किया था. यह सम्मान शरद पवार ने अपने हाथों से शिंदे को दिया. इस पर महाविकास अघाड़ी (एमवीए) में सहयोगी पार्टी शिवसेना (UBT) ने नाराजगी जताई है. इस पर बयान देते हुए पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘शिंदे ने ही अमित शाह की मदद से शिवसेना को तोड़ा था. उनका सम्मान करना भाजपा नेता का सम्मान करने के जैसा है. जिसे हम महाराष्ट्र का दुश्मन समझते हैं उसे ऐसा सम्मान देना, महाराष्ट्र के गौरव पर आघात है.’ उद्धव गुट के नेता राउत ने ये भी कहा कि शरद पवार को इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए, क्योंकि शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए की सरकार गिरा दी थी.

पार्टी की अन्य सांसद एवं नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी अपनी राय जाहिर करते हुए कहा, ‘शिंदे ने बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना को तोड़ने का काम किया है. वे गद्दार हैं. अगर शरद पवार, शिंदे को सम्मानित कर रहे हैं तो सवाल उठता है कि क्या वे उनकी गद्दारी को सम्मानित करना चाहते हैं.’

इसमें कुछ गलत नहीं है – पवार गुट

उद्धव गुट की नाराजगी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए पवार गुट के सांसद अमोल कोल्हे ने कहा कि यह राजनीति नहीं बल्कि साहित्य का कार्यक्रम था. यह अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन का हिस्सा था. उन्होंने ये भी कहा कि राउत अपनी निजी राय जाहिर कर सकते हैं लेकिन पवार ने स्टेट्समैनशिप को दिखाया है. हर चीज में राजनीति को नहीं लानी चाहिए. मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है.

पवार ने शिंदे को स्वीकार किया – बीजेपी

इस पूरे प्रकरण पर बीजेपी भी शामिल हो गयी है. बीजेपी नेता चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि एनसीपी एसपी अध्यक्ष एक तरह से यह जाहिर कर रहे थे कि उद्धव ठाकरे की तुलना में एकनाथ शिंदे ने बतौर सीएम अच्छा काम किया है. पवार ने स्वीकारा है कि शिंदे अच्छे सीएम थे. बावनकुले ने ये भी कहा कि शरद पवार ने महसूस किया कि उद्धव ने राज्य को नुकसान पहुंचाया है.

विस चुनाव में ढेर हो गया गठबंधन

2024 में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना (UBT), एनसीपी (शरद गुट) और कांग्रेस के गठबंधन महाविकास अघाड़ी गठबंधन की करारी हार हुई थी. एमवीए केवल 46 सीटों पर सिमट गया था. शिवसेना (UBT) 20, कांग्रेस 16 और शरद पवार की NCP को 10 सीटों पर जीत मिली थी. वहीं महायुति में बीजेपी को 132, शिवसेना को 57 और अजित पवार वाली एनसीपी को 41 सहित कुल 230 सीटें हासिल हुई थी.

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