जनता के लिए कौन है उपयोगी और कौन अनुपयोगी? यूपी के चुनावी सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े आये सामने

यूपी का सियासी दंगल, 5 जनवरी के बाद कभी भी हो सकती है चुनाव की घोषणा, यूपी के दिल में क्या? न्यूज चैनल एबीपी और सी वोटर का सर्वे, चैनल के सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े, भाजपा का सपा से सीधा मुकाबला तो कांग्रेस और बसपा में तीसरे नंबर की लड़ाई!

जनता के लिए कौन है उपयोगी और कौन अनुपयोगी?
जनता के लिए कौन है उपयोगी और कौन अनुपयोगी?

Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (UttarPradesh Assembly Election) में सभी राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से आगे बढ़ रहे हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) जहां सत्ता में वापसी के लिए पुरजोर कोशिश में लगी है. वहीं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सत्ता हासिल करने के लिए धुआंधार रैलियां कर रहे हैं. तो कांग्रेस (Congress) महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) इस बार ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ के नारे के साथ प्रदेश की आधी आबादी को अपने साथ लाने की जुगत में है. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati) फिलहाल इतनी एक्टिव नहीं है लेकिन इस बार बसपा सुप्रीमों को दलितों के साथ साथ ब्राह्मणों से भी बहुत ज्यादा आस है. बीजेपी और सपा अपनी अपनी रैलियों में उमड़े जन सैलाब के सहारे जीत का दावा ठोक रही है. लेकिन ये भीड़ वोट में कितनी तब्दील होगी कुछ कहा नहीं जा सकता. इस लेकर जब एक चुनावी सर्वे किया गया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये.

हाल ही में चुनाव आयोग ने उत्तरप्रदेश के सभी राजनीतिक दलों से मुलाकात कर तय समय पर चुनाव करवाने की बात कही है. सूत्रों का कहना है कि, ‘5 जनवरी के बाद कभी भी चुनावी तारीखों का एलान हो सकता है. लेकिन तारीखों के एलान से पहले उत्तरप्रदेश में चुनावी माहौल अपने चरम पर पहुंच चुका है. भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति जनता के मन में क्या है. एबीपी सी वोटर के एक सर्वे के अनुसार प्रदेश कि, ’49 प्रतिशत जनता चाहती है कि पुनः योगी सरकार सत्ता में आये’.

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जब एबीपी-सी वोटर की ओर से 29 दिसंबर को जनता की राय ली गई, तो प्रदेश की 49 फीसदी जनता ने दावा किया कि, ‘भाजपा सत्ता में वापसी कर सकती है.’ जब जनता से इसके पीछे का कारण पूछा गया तो मिलजुल जवाब नजर आये. वहीं अगर अवध क्षेत्र की बात की जाये तो 44 प्रतिशत जनता भाजपा की वापसी चाहती है. तो वहीं पश्चिमी यूपी, पूर्वांचल, और बुंदेलखंड क्षेत्र की बात की जाये तो क्रमशः 40, 41, और 42 प्रतिशत जनता का मन बीजेपी के साथ बताया जा रहा है.

वहीं अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो प्रदेश कि 30 प्रतिशत जनता सपा के पक्ष में दिखाई दे रही है. बढ़ती महंगाई, बढ़ता अपराध, कोरोना के दौरान हुई अनियमितता के कारण प्रदेश की 30 प्रतिशत जनता सपा के साथ जाती दिखाई दे रही है. अगर हम बात करें अवध, पश्चिमी यूपी, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र की तो क्रमशः 31, 33, 36, 33, प्रतिशत जनता सपा के साथ जा रही है. अगर कांग्रेस और बसपा की बात करें तो प्रदेश की 6 प्रतिशत जनता कांग्रेस के साथ नजर आ रही है तो वहीं 8 प्रतिशत जनता मायावती को मजबूत दावेदार के रूप में पेश कर रही है.

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वहीं अगर दोनों ही पार्टियों के लिए अवध, पश्चिमी यूपी, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र की बात करें तो अवध की 8 प्रतिशत जनता कांग्रेस के साथ है तो वहीं बसपा को 10 प्रतिशत जनता का साथ मिला. बात करें पश्चिमी यूपी की तो बसपा को जहां 15 प्रतिशत जनता का साथ मिल रहा है तो वहीं कांग्रेस के पक्ष में 7 प्रतिशत जनता दिख रही है. पूर्वांचल और बुंदेलखंड में बसपा के साथ क्रमशः 12 और 11 प्रतिशत जनता है तो वहीं कांग्रेस को क्रमशः 7 और 9 प्रतिशत जनता का साथ मिलता दिख रहा है. बाकी जो आंकड़ें बचे हैं वो त्रिशंकु सरकार बनाने की कवायद कर रहे हैं.

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