Politalks.News/Uttarpradesh. अपने आप में रोचक हो चले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में दिग्गजों के चुनाव लड़ने को लेकर अब तक संशय बना हुआ था, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर ठहरे हुए पानी में कंकर डाल दिया है. आपको बता दें कि यूपी में लगभग सभी पार्टियों के सियासी दिग्गज इस बार खुद न लड़कर दूसरे नेताओं को विधानसभा चुनाव लड़वाने पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. फिर चाहे वो अखिलेश यादव हों या मायावती या फिर प्रियंका गांधी, सभी ने विधानसभा चुनाव लड़ने से मना कर दिया है, या गोल मोल जवाब देते आ रहे हैं. इन सबके बीच यूपी के ‘महाराज’ योगी की चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद सबके सियासी समीकरण बदलना तय है. इधर योगी की चुनाव लड़ने की घोषणा पर अखिलेश यादव ने जोरदार तंज भी कसा है. सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चाएं तेज हैं कि ‘महंत’ योगी क्या राम की नगरी अयोध्या से चुनाव मैदान में उतरेंगे?
पार्टी जहां से कहेगी वहां से उतरूंगा विधानसभा चुनाव में- योगी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले तीखी हो चली सियासी बयानबाजी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ऐलान किया कि, ‘पार्टी जहां से कहेगी, वो वहां से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. योगी के इस बयान पर अब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए पलटवार किया है. अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘बीजेपी सरकार जाने वाली है. उन्हें (सीएम योगी को) चुनाव नहीं लड़ना चाहिए‘.
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अखिलेश का यू टर्न- पार्टी करेगी तय कौन लड़ेगा चुनाव
मुख्यमंत्री योगी के चुनाव लड़ने वाले बयान पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘बीजेपी की सरकार सत्ता से जाने वाली है. सीएम योगी आदित्यनाथ चुनाव नहीं लड़ना चाहिए,’ तो वहीं सपा प्रमुख अखिलेश ने खुद के चुनाव लड़ने के सवाल पर हल्का सा यूटूर्न लेते हुए कहा कि ‘सब लोग चुनाव में लगे हुए हैं तो सभी लोग चुनाव लडे़ंगे, बाकी पार्टी तय करेगी की चुनाव कौन लड़ेगा. यादव ने कहा कि राजभर के साथ हमारा गठबंधन है, कौन चुनाव लड़ेगा ये अभी आने वाले समय में तय किया जाएगा’.
आपको याद दिला दें, हाल ही में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ऐलान करते हुए कहा था कि वो चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं, बल्कि वो चुनाव लड़वाएंगे. मायावती पहले भी विधानसभा के चुनाव नहीं लड़ी हैं. वहीं प्रियंका गांधी ने भी पत्ते नहीं खोले हैं. वैसे आपको बता दें, गांधी परिवार के किसी भी सदस्य ने आज तक कोई भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है.
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आखिर किस सीट से मैदान में उतरेंगे योगी?
दरअसल, गोरखपुर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार खुद के चुनाव लड़ने वाला बयान दिया है. योगी ने कहा कि, ‘वह 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. पार्टी जहां से भी कहेगी, वहां से चुनावी मैदान में उतरेंगे‘. सीएम योगी ने कहा कि, ‘किसको कहां से लड़ाना है, ये फैसला पार्टी का संसदीय बोर्ड करता है. जब पत्रकार ने योगी से पूछा कि, ‘क्या अयोध्या से लड़ेंगे? इस पर सीएम योगी ने कहा कि, ‘मैं हमेशा चुनाव लड़ा हूं, इस बार पार्टी जहां से कहेगी, वहां से चुनाव लड़ूंगा‘.आपको ये भी बता दें कि ‘महाराज’ योगी 5 बार सांसद रह चुके हैं लेकिन एक बार भी विधानसभा के रण में नहीं उतरे हैं.
अखिलेश पहले ही कर चुके हैं चुनाव लड़ने से ना!
वहीं कुछ दिनों पहले ही न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने खुद के चुनाव नहीं लड़ने की बात कही. अखिलेश ने कहा था कि, ‘मैं उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में खुद नहीं लडूंगा. राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे. हमारे बीच सीटों का बंटवारा हो गया है’. बता दें, अखिलेश फिलहाल आजमगढ़ सीट से सांसद हैं. पिछली बार भी विधानपरिषद सदस्य के तौर पर ही वह मुख्यमंत्री बने थे.
प्रियंका गांधी ने नहीं खोले अपने पत्ते!
आपको बता दें, इससे पहले 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने के सवाल पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था, ‘वह निर्णय मैंने अब तक नहीं लिया है. आगे-आगे चीज़ें जैसे होती हैं उसे देखेंगे’. यूपी में प्रियंका गांधी जहां भी जाती हैं. वहां कार्यकर्ताओं की यही डिमांड होती है कि प्रियंका गांधी को चुनाव में उतरना चाहिए.
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बसपा सुप्रीमो की विधानसभा चुनाव को ना!
बसपा सुप्रीमो मायावती ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का पहले ही ऐलान कर रखा है. इससे पहले मायावती के लिए राजनीति का केन्द्र आंबेडकरनगर जिला रहा है . मायावती आंबेडकर नगर से लोकसभा चुनाव लड़ती रही हैं. सबसे पहले मायावती वर्ष 1989 में बिजनौर लोकसभा सीट जीत कर संसद में पहुंची थीं. उसके बाद वर्ष 1998, 1999 और वर्ष 2004 में मायावती अकबरपुर (वर्तमान में आंबेडकर नगर) सीट से चुनाव जीतकर सांसद बनीं थीं. मायावती जब यहां से चुनाव नहीं लड़ी उसके बाद भी वर्ष 2009 और 2019 में आंबेडकर नगर लोकसभा सीट से बसपा उम्मीदवार ने जीत हासिल की. इससे जाहिर होता है कि आंबेडकर नगर बसपा की राजनीति के एक बड़ा केंद्र हैं. आंबेडकर नगर लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें आती हैं.
क्या अब बदलने वाले हैं समीकरण?
सियासी जानकारों का कहना है कि, ‘अखिलेश यादव, मायावती और प्रियंका गांधी जैसे नेताओं के विधानसभा चुनाव न लड़ने के पीछे एक और कारण यह हो सकता है कि उन्हें फिर एक ही विधानसभा में फोकस करना पड़ेगा. ऐसे में वह दूसरी सीटों पर प्रचार नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा अगर अपनी विधानसभा चुनाव में जाति या धर्म की बहुसंख्यकता को देखते हुए कोई बयान दिया तो उसका असर दूसरी सीटों पर होगा. इन्हीं कारणों से ये पार्टी प्रमुख नेता चुनाव लड़ने से बचते हैं. लेकिन अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने का ऐलान कर दिया तो अखिलेश यादव के सुर बदलने लगे है. इस तरह योगी के इस सियासी दांव के बाद चुनावी समीकरण बदलने के पूरे संकेत हैं.