भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में होगा उपचुनाव की हार पर महामंथन, आलाकमान सख्त- गिरेगी गाज?

7 नवम्बर को होगी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक, उपचुनाव में मिली हार को लेकर आलाकमान चिंतिंत! राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में शिकस्त से बढ़ीं धड़कनें, पार्टी परफॉर्मेंस से खफा है नेतृत्व, गुटबाजी को लेकर आलाकमान सख्ती के मूड में, हार की जिम्मेदारी तय कर गाज गिरना तय! इधर मैडम राजे का खेमा हार के बाद सक्रिय

उपचुनाव की हार पर महामंथन !
उपचुनाव की हार पर महामंथन !

Politalks.News/Rajasthan. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की रविवार 7 नवंबर को बैठक बुलाई गई है. जानकारों की मानें तो हाल ही में राज्यों में हुए उपचुनाव में पार्टी को लगे आघात को देखते हुए इसमें पांच राज्यों के आगामी उपचुनाव के लिए नई रणनीति पर विचार होने की संभावना है. यह एक दिनी बैठक राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के भाषण से शुरू होगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के साथ समाप्त होगी. बैठक में भाग लेने के लिए भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे धौलपुर से दिल्ली पहुंच रही हैं. बैठक में पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में पार्टी के मसलों को लेकर भी नए सिरे से विचार होगा.

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक का पूरा फोकस राजस्थान पर रहने वाला है. वल्लभनगर और धरियावद उपचुनाव में पार्टी को मिली करारी हार की चर्चा जयपुर से दिल्ली तक हो रही है. हिंदी बैल्ट के किसी राज्य में पार्टी के प्रत्याशी की जमानत जब्त होना गंभीर माना जा रहा है. पार्टी को गुटबाजी के चलते मिली हार पर आलाकमान काफी नाराज हैं और इसको लेकर सख्त एक्शन लेने की तैयारी में भी है. वहीं पूर्व सीएम मैडम राजे का खेमा भी इस बैठक के पहले सक्रिय हो गया है और इस हार को मैडम राजे को साइड लाइन करने का साइट इफेक्ट बता चुका है. खेमे ने अपनी ये बात आलाकमान तक पहुंचा दी है. अब गाज किस पर गिरती है ये देखने वाली बात होगी.

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उपचुनाव की हार पर महामंथन !

रविवार को भाजपा के राष्ट्रीय और राज्यों के नेताओं की वर्चुअल उपस्थिति में दिवाली से पहले देश के कई राज्यों में हुए उपचुनाव के परिणामों में मिले खट्टे-मीठे अनुभवों पर ‘महामंथन’ होना है. हालांकि कहने को आने वाले चुनावों की रणनीति पर मंथन होने की बात कही जा रही है, लेकिन पोस्टमार्टम तो उपचुनाव में मिली हार पर होना है. वहीं राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की तारीख घोषित होने के साथ ही राजस्थान के पार्टी पदाधिकारियों की धड़कनें बढ़ी हुई है. भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विधानसभा उपचुनाव में करारी हार और पंचायत चुनाव में खराब प्रदर्शन ने खूब किरकिरी कराई है. हिंदी बैल्ट के राज्य में ऐसी हार से आलाकमान काफी खफा हैं. पार्टी को मिली हार की बाकायदा रिपोर्ट भी तलब की गई है. गुटबाजी, स्टार प्रचारकों का रुचि नहीं लेना, एकजुट होकर काम नहीं करने जैसी बातें दिल्ली तक पहुंच चुकी हैं.

राजस्थान बीजेपी में इस बैठक की सूचना मिलते ही चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है. प्रदेश में वल्लभनगर उपचुनाव में चौथे और धरियावद में पार्टी प्रत्याशी के तीसरे पायदान पर रहने की चिंता आलाकमान को ज्यादा सता रही है. इस हार को पार्टी नेतृत्व गम्भीरता से ले रहा है. प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह और संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर से पार्टी ने हार के कारणों की एक रिपोर्ट भी ली है. राजस्थान समेत जिन राज्यों में उपचुनाव हुए हैं, उनके रिजल्ट पर खास तौर पर बैठक में रिव्यू के संकेत मिल रहे हैं.

मैडम राजे का खेमा सक्रिय, आलाकमान तक पहुंचाई अपनी बात!
इधर हार के बाद राजस्थान में भाजपा की आंतरिक राजनीति तेज हो गई है. पहले पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव और अब विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव में हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमा सक्रिय हो गया. उनके समर्थकों ने पार्टी आलाकमान तक संदेश पहुंचा दिया है कि वसुंधरा को साइडलाइन करने का ही नतीजा है कि विधानसभा उपचुनाव में वल्लभनगर में पार्टी प्रत्याशी चौथे और धरियावद में तीसरे स्थान पर रहे हैं. वल्लभनगर में तो पार्टी प्रत्याशी की जमानत तक जब्त हो गई. धरियावद पिछले पांच दशक से भाजपा की परंपरागत सीट थी. सूत्रों की मानें तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, पूर्व मंत्री युनूस खान, प्रताप सिंह सिंघवी, पूर्व संसदीय सचिव भवानी सिंह राजावत ने प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह तक संदेश पहुंचाया है कि राज्य में पार्टी की कमान वसुंधरा को देनी चाहिए. 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिना किसी देरी के वसुंधरा को आगे कर पार्टी को मजबूत करना चाहिए.

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मैडम राजे को कमान देने की उठ रही मांग!
इन नेताओं ने कहा कि, ‘उपचुनाव में दोनों विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी तय करते समय प्रदेश नेतृत्व ने वसुंधरा से सलाह तक नहीं ली. मजबूत नेताओं को दरकिनार कर चहेतों को टिकट दिया गया, जिससे पार्टी की बुरी तरह हार हुई’. मैडम राजे के गृह जिले धौलपुर में पंचायत चुनाव के टिकट तय करते समय उनसे चर्चा तक नहीं की गई. मैडम राजे के कट्टर समर्थक पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत ने कहा कि, ‘अगर वसुंधरा को प्रदेश की कमान देने में देरी हुई तो उपचुनाव की तरह 2023 में पार्टी टक्कर में नहीं आ सकेगी. आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की दुर्गति होगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिस तरह से पार्टी चलाई जा रही है, वह संगठन और कार्यकर्ता दोनों के लिए घातक है. राजावत ने कहा कि, ‘अब तक स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भाजपा हमेशा आगे रही है, लेकिन इस बार बुरी तरह से हार की जिम्मेदारी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां की है, वसुंधरा राजे के नेतृत्व में एक बार विधानसभा की 200 सीटों में से 120 और दूसरी बार 163 भाजपा को मिली थी’.

मैडम राजे दिल्ली में बैठक में रहेंगी मौजूद, राजस्थान से वर्चुअल जुड़ेंगे पदाधिकारी
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सभी प्रदेशों से राष्ट्रीय पदाधिकारियों को जुड़ने के निर्देश दिए गए हैं. यह सेमी वर्चुअल बैठक होगी. दिल्ली में मौजूद पदाधिकारी पार्टी मुख्यालय में मौजूद रहेंगे. राजस्थान सहित प्रदेशों से आने वाले प्रदेश अध्यक्ष, संगठन महामंत्री और राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य प्रदेश बीजेपी मुख्यालयों से वर्चुअली जुड़ेंगे. इनके साथ ही राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, विपक्ष के उप नेता राजेंद्र राठौड़, विशेष आमंत्रित सदस्य पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, सांसद जसकौर मीणा, ओम प्रकाश माथुर वर्चुअली जुड़ सकते हैं. बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंच रही हैं. राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर, प्रवक्ता और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी वीसी के माध्यम से बैठक में जुड़ सकते हैं. राजस्थान से तीनों केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी दिल्ली में ही बैठक में मौजूद रह सकते हैं.

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