Eknath Shinde on Opposition Parties of Maharashtra: महाराष्ट्र में आज से बीजेपी और शिंदे गुट वाली शिवसेना की गठबंधन सरकार का पहला विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है. वहीं बजट सत्र की पूर्व संध्या पर रविवार को परंपरा के अनुसार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सूबे के सभी सियासी दलों को चाय पार्टी पर आमंत्रित किया था. लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा आमंत्रित की गई पारंपरिक चाय पार्टी का सभी विपक्षी दलों ने बहिष्कार कर दिया. ऐसे में सीएम एकनाथ शिंदे ने बहिष्कार करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि अच्छा हुआ कि आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध रखने वाले इस पार्टी में शामिल नहीं हुए.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र राज्य विधानमंडल का बजट सत्र जो आज से शुरू हो रहा है, 25 मार्च को समाप्त होगा. बजट सत्र की पूर्व संध्या पर विपक्षी दलों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और कांग्रेस ने पारंपरिक चाय पार्टी का बहिष्कार किया. इस पर पार्टी के बाद पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि, “एक तरह से, यह अच्छा था कि विपक्ष हाई टी के लिए नहीं आया, क्योंकि उनमें से कुछ के आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के साथ संबंध थे. हमारे (शिवसेना-भारतीय जनता पार्टी) गठबंधन को महाराष्ट्र विरोधी बुलाने के बजाए, क्या आप ऐसे लोगों को देशद्रोही नहीं कहेंगे? विपक्षी दलों में कुछ ऐसे लोग हैं, जिनके संबंध दाऊद इब्राहिम की बहन हसीन पारकर से संबंध रहे हैं.’
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आपको बता दें कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यहां स्पष्ट रूप से एनसीपी नेता और राज्य के पूर्व मंत्री नवाब मलिक पर निशाना साध रहे थे, जो दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं. इसके साथ ही मुख्यमंत्री शिंदे ने एनसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर भी निशाना साधा. शिंदे ने कहा कि, “अजीत पवार कह रहे हैं कि मैंने अपनी निष्ठा (उद्धव ठाकरे से भाजपा में) बदल दी, लेकिन उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि मैं अभी भी वही कर रहा हूं जो दिवंगत बालासाहेब ठाकरे ने हमें सिखाया था. यहां तक कि चुनाव आयोग द्वारा हमें नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने का फैसला भी (धनुष और बाण का) यह साबित करता है.”
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मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, एकनाथ शिंदे ने आगे कहा कि, “अजीत पवार ने देवेंद्र फडणवीस के साथ (नवंबर 2019 में) शपथ ली और कुछ दिनों के भीतर पाला बदल दिया. आपको कोई भी आरोप लगाने के लिए बुद्धिमान होने की आवश्यकता नहीं है. शिंदे ने कहा कि अजीत पवार पानी से बाहर मछली की तरह हैं, चूंकि अभी वह सत्ता से बाहर हैं, इसलिए वह इस तरह से काम कर रहे हैं.