Politalks.News/NewDelhi. शनिवार का दिन देश की सियासत में बड़ी हलचल पैदा कर गया. दो अलग-अलग पार्टियों के बुजुर्ग दिग्गजों ने शनिवार को देश की सियासत ‘जवां‘ कर दिया. एक पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में महाराष्ट्र सरकार को चला रहे हैं तो दूसरे कर्नाटक के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं. एक की आयु 80 तो दूसरे की 78 होने के बावजूद दोनों की हसरतें अभी सियासत में उफान’ मार रही हैैं. एक अब राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति की पारी खेलना चाहते हैं तो वहीं दूसरे अभी अपने राज्य पर अपना एकाधिकार बरकरार रखना चाहते हैं. जी, हम बात कर रहे हैं एनसीपी प्रमुख और महाराष्ट्र के साथ देश के दिग्गज नेता शरद पवार और कर्नाटक बीजेपी के दिग्गज और मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की.
शनिवार को राजधानी दिल्ली में हुई बड़ी सियासी मुलाकातों के बाद सुबह से ही ‘राजनीतिक अटकलोंं‘ का बाजार गरम हो गया. पहले एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक घण्टे लम्बी चली मुलाकात ने देशभर में चर्चाओं का दौर चला दिया. वहीं, उसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकातें की तो कर्नाटक में बड़े बदलाव की चर्चाओं ने प्रदेश का सियासी माहौल गरमा दिया.
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बात करें पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार की, तो 80 साल की आयु में भी शरद पवार आए दिन अपनी बड़ी सियासी मुलाकातों से राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा देते हैं’. पिछले दिनों चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से हुई पवार की मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे कि शरद पवार अब राजनीति में कुछ बड़ा करने जा रहे हैं. खैर, प्रशांत किशोर से हुई गुप्त बैठक की बात अभी भी पवार के मन में ही ‘दबी‘ हुई है. अब एक बार फिर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की एक घंटे तक हुई लम्बी मुलाकात ने सियासी हलचल मचा दी.
पीएम मोदी और पवार की मुलाकात के बाद महाराष्ट्र के सियासी भविष्य को लेकर भी तमाम तरह की अटकलें शुरू हो गई हैं. आपको याद दिला दें, पिछले दिनों ही शरद पवार को विपक्ष की ओर राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाए की चर्चा जोर-शोर से आई थी. हालांकि बाद में शरद पवार ने खुद इस तरह की खबरों का स्पष्ट रूप से खंडन कर दिया था. पवार ने कहा कि यह बिल्कुल गलत है कि मैं राष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार बनूंगा. वहीं प्रधानमंत्री मोदी से हुई शरद पवार की मुलाकात पर शिवसेना ने कहा है कि शरद पवार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं, तभी उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की हैै’.
हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात पर दोपहर बाद एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने सफाई भी दे दी है. नवाब मलिक ने कहा कि, ‘राजनीति विचारों के आधार पर होती है., जबकि संघ के राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादी पार्टी के राष्ट्रवाद में जमीन आसमान का अंतर है, नदी के दो छोर कभी नहीं मिल सकते, ये सच्चाई है‘. मलिक ने कहा कि भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का एक साथ आना असंभव है. नवाब मलिक ने पवार की पीएम के साथ हुई मुलाकात पर कहा कि बैंक नियामक प्राधिकरण में हुए परिवर्तन को लेकर दोनों के बीच चर्चा हुई है.
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नवाब मलिक ने बताया कि शरद पवार ने आज पीएम मोदी से मुलाकात का समय मांगा गया था, फिर आज का समय आवंटित किया गया और बैठक हुई. मलिक ने कहा कि पीएम मोदी के साथ मुलाकात के दौरान लिखित रूप में कहा गया कि बैंक नियामक अधिनियम में किए गए परिवर्तन और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को अधिक अधिकार देने से सहकारी बैंक की कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही है. हालांकि आपको बता दें, भले ही मलिक ने सफाई दे दी हो लेकिन फिलहाल सियासी गलियारों में अटकलों का दौर जारी है.
कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन होना माना जा रहा है तय
वहीं, बात करें ऑपेरशन लोटस के बाद बीजेपी के हाथ में आई कर्नाटक की सियासत की, तो पिछले कई दिनों से चर्चा थी कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री और 78 साल की आयु पार कर चुके बीएस येदियुरप्पा को जल्द ही ‘कुर्सी‘ से हटाया जा सकता है. इन्हीं अटकलों के बीच येदियुरप्पा ने आज भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की. आपको बता दें शुक्रवार को येदियुरप्पा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. मुख्यमंत्री येदियुरप्पा की दिल्ली में पार्टी दिग्गजों के साथ हुई इन मुलाकातों ने कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को और ‘बल‘ दे दिया है.
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हालांकि आज ही दिल्ली में ही मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने अपने इस्तीफे की खबरों का खंडन किया है. कर्नाटक सीएम ने ऐसी खबरों को अफवाह करार देते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात कर राज्य के विकास से जुड़ी बातें की. इस्तीफा देने की खबरों में कोई भी सच्चाई नहीं है. बीएस येदियुरप्पा इस्तीफे की बात से भले ही नकार रहे हैं, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी आलाकमान उनकी सेहत और उम्र को देखते हुए इस्तीफा चाहती है. दूसरी ओर कर्नाटक में काफी समय से येदियुरप्पा का कई भाजपा नेता खुलकर विरोध भी कर रहे हैं. भले ही मुख्यमंत्री येदियुरप्पा नेतृत्व परिवर्तन को लेकर मना कर रहे हों लेकिन भाजपा हाईकमान कर्नाटक में पार्टी का नेता तय कर दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि 26 जुलाई को बीजेपी द्वारा कर्नाटक में बुलाई गई विधायक दल की बैठक में पार्टी आलाकमान यह फैसला सुना सकता है.