यूपी में बेरोजगार युवाओं की पिटाई, लातमार SDM की ‘विदाई’ दोनों ने गहलोत सरकार किरकिरी कराई

निशाने पर गहलोत सरकार और कांग्रेस!, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो बने गले की फांस, लखनऊ में प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे राजस्थान के बेरोजगारों की कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पिटाई और सांचौर का लातमार एसडीएम का कारनामा, लातमार SDM का ट्रांसफर सांचौर से जोधपुर करना माना जा रहा 'प्रमोशन', अब बीजेपी के दिग्गजों ने छोड़े शब्दों के बाण, दोनों की घटनाओं पर पक्ष विपक्ष के लोग आमने-सामने, लेकिन पिटते किसान और बेरोजगार युवाओं की तकलीफ सुनने वाला नहीं है कोई !

यूपी में राजस्थानी बेरोजगारों की पिटाई, बीजेपी ने की 'खिंचाई'
यूपी में राजस्थानी बेरोजगारों की पिटाई, बीजेपी ने की 'खिंचाई'

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की गहलोत सरकार और कांग्रेस पिछले दो दिन से दो घटनाओं को लेकर सोशल मीडिया पर निशाने पर है. लखनऊ में प्रियंका गांधी से मिलने पहुंचे बेरोजगार युवाओं की कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा की गई मारपीट की घटना हो या जालोर के सांचौर में एक एसडीएम द्वारा किसान को लात मारने का वीडियो, दोनों ही घटनाओं को लेकर सरकार और कांग्रेस सोशल मीडिया पर सवाल किए जा रहे हैं. वहीं बीजेपी भी दोनों मामलों को लेकर हमलावर दिख रही है. हालांकि दिखाने के लिए गहलोत सरकार ने एसडीएम साहब का जालोर से जोधपुर तबादला तो कर दिया, लेकिन इस पर भी सवाल उठ रहे हैं. उधर, राजस्थान के आंदोलित बेरोजगार युवाओं की लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा पिटाई पर तो कोई बयान भी जारी नहीं किया गया है. दोनों की घटनाओं के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हैं और यूजर्स पक्ष और विपक्ष में अपनी राय रख रहे हैं.

रोजगार मांगने गए युवाओं को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पीटा
दरअसल कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से गुहार लगाने लखनऊ पहुंचे राजस्थान के बेरोज़गार युवाओं के साथ देर रात कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर मारपीट की. बताया जा रहा है कि शुक्रवार रात करीब 8:30 बजे प्रियंका गांधी के कांग्रेस कार्यालय से निकलने के बाद उन्हें जमकर पीटा गया. करीब पांच से छह युवाओं को चोटें भी आईं हैं. इस पूरे घटनाक्रम का एक वीडियो फुटेज भी सामने आया है. इसमें कांग्रेस के कार्यकर्ता बेरोज़गार युवाओं को मार-मार के कांग्रेस कार्यालय से बाहर निकालते हुए दिखाई दे रहे हैं.

कंप्यूटर अनुदेशकों की संविदा नहीं नियमित भर्ती की मांग
बता दें कि ये ये बेरोज़गार युवा राजस्थान में कंप्यूटर अनुदेशकों की संविदा भर्ती को लेकर विरोध कर रहे थे. युवकों का कहना है कि संविदा भर्ती उनके अधिकार का हनन है. संविदा की जगह नियमित भर्ती किये जाने की मांग को लेकर प्रदेश के कई बेरोज़गार युवा राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली पर भी पड़ाव डाले हुए हैं. दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर भी संविदा भर्ती का विरोध जताया जा रहा है. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव का कहना है कि, ‘गहलोत सरकार ने संविदा आधार पर 10,453 पदों पर कंप्यूटर अनुदेशकों की भर्ती निकाली थी. जबकि युवाओं की मांग है कि संविदा पदों को नियमित रूप से भरा जाए’.राजस्थान के इन बेरोज़गार युवा अपनी मांगों को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी से मिलना चाहते थे. ये युवा प्रियंका गांधी से मिलने के लिए लखनऊ स्थित कांग्रेस पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पहुंच गए. बताया जा रहा है कि यहां राजस्थान के ही कुछ कांग्रेस नेताओं ने उन्हें प्रियंका गांधी से मिलवाने का आश्वासन दिया था. लेकिन काफी इंतज़ार के बाद भी उन्हें मिलने नहीं दिया गया, बल्कि वहां मौजूद पार्टी कार्यकर्ताओं ने उन्हें पीटकर और धक्के मारकर बाहर निकाल दिया.

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बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष पूनियां ने की कड़ी आलोचना-
अब इस घटना को लेकर लगातार सोशल मीडिया पर कमेंट आ रहे हैं.बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बेरोजगारो युवाओं की पिटाई किए जाने की आलोचना की है. पूनियां ने कहा कि- ‘संविदा के स्थान पर नियमित कंप्यूटर शिक्षक की नौकरी मांगने वाले प्रदेश के युवा जो दिल्ली में आंदोलनरत थे, उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी
से न्याय मांगने पहुंचे तो वहां भी उनके साथ अत्याचार-अन्याय हुआ, मैं हिंसा की कड़े शब्दों में आलोचना करता हूं.

कांग्रेस का दोहरा चरित्र आया सामने- राजेन्द्र राठौड़
बीजेपी के दिग्गज नेता और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने घटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि, ‘नियमित कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर उत्तरप्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलने कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे प्रदेश के युवाओं के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जो हिंसात्मक व्यवहार किया और धक्का-मुक्की और मारपीट की, वह बेहद निंदनीय तथा दुर्भाग्यपूर्ण है, इस घटना से कांग्रेस के दोहरे चरित्र का पर्दाफाश हो गया है, कांग्रेस नेता यूपी और राजस्थान दोनों राज्यों में नियमित भर्ती को लेकर अलग-अलग रवैया क्यों अपना रहे हैं? राजस्थान, दिल्ली और यूपी में बैठे कांग्रेस नेताओं का रोजगार युवाओं के प्रति कैसा व्यवहार व आचरण है वो अब जगजाहिर हो चुका है.

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लातमार SDM का तबादला या ‘मेहरबानी’ !
वहीं जालोर के सांचौर में किसानों को लात मारने को लेकर चर्चा में आए एसडीएम भूपेंद्र कुमार यादव का राज्य सरकार ने देर रात तबादला कर दिया. सियासी गलियारों में चर्चा है कि लातमार एसडीएम को राज्य सरकार ने भूपेंद्र कुमार को जोधपुर विकास प्राधिकरण में उपायुक्त के पद पर लगाकर ‘मेहरबानी’ ही की है. बीती रात कार्मिक विभाग ने इस बात के आदेश जारी कर दिए हैं. दरअसल, किसान एसडीएम को हटाने की मांग कर रहे थे. जालौर कलेक्टर ने किसानों से वार्ता भी की थी, लेकिन किसान वार्ता से संतुष्ट नहीं हुए. किसानों की मांग थी कि एसडीएम को हटाया जाए. राज्य सरकार ने देर रात किसानों की मांग स्वीकार कर ली और सांचौर एसडीएम का तबादला कर दिया गया है.आपको बता दें कि सांचौर क्षेत्र के प्रतापपुरा में गांव में गुरुवार को एसडीएम भूपेंद्र यादव ने एक किसान नरसिंह राम चौधरी को लात मार दी. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एसडीएम साहब और राज्य सरकार निशाने पर थे. घटना का वीडियो वायरल होते ही एसडीएम भूपेंदर यादव सोशल मीडिया ट्रोल हो गए. सोशल मीडिया पर किसानों के समर्थन में लोग अपनी दलीलें दे रहे हैं. तो कुछ आईएएस और आरएएस अफसरों ने भूपेन्द्र यादव का बचाव भी किया.

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‘SDM का अन्नदाता के साथ ये कैसा व्यवहार- सेवकों का मालिकों पर प्रहार?’- राजे
सांचोर में हुई इस घटना के बाद गहलोत सरकार और एसडीएम सरकार सोशल मीडिया पर तो निशाने पर हैं ही, लेकिन पूर्व मुख्यंमत्री वसुंधरा राजे ने भी ट्विटर पर लिखा कि- ‘सांचौर में किसान ने मांगा मुआवजा, मिली लात!, SDM का अन्नदाता के साथ ये कैसा व्यवहार- सेवकों का मालिकों पर प्रहार? वहीं, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि, ‘जालोर के सांचौर में जमीन मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे एक किसान पर SDM के द्वारा लात मारने की घटना निंदनीय है, मैं इसकी कड़ी शब्दों में भर्त्सना करता हूं, जब उच्च पद पर बैठे हुए सरकार के नुमाइंदे किसानों के साथ इस तरह का व्यवहार करेंगे, तो किसान अपनी बात कहने कहां जाएंगे?, कांग्रेस के राज में जनता त्रस्त है, प्रदेश में किसानों का शोषण होना ये कोई पहली घटना नहीं है, यह वहीं किसान है जिसकी बदौलत कांग्रेस सत्ता में आई है लेकिन यह दुर्भाग्यूपर्ण है कि कांग्रेस शासन में उसी की आवाज को आला अधिकारी अपनी मनमानी के चलते सुनने को तैयार नहीं हैं’

 

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