MahatmaPolitalks.News/Delhi. 2 अक्टूबर यानि आज महात्मा गांधी की जयंती है और पूरा देश बापू को नमन कर रहा है. मगर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आज उनकी जयंती के मौके पर सोशल मीडिया पर ‘गोडसे जिंदाबाद’ ट्रेंड करवा रहे हैं. ट्विटर पर ‘ नाथूराम गोडसे जिंदाबाद’ ट्रेंड होने पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि , ‘ऐसे ही लोग देश को शर्मसार कर रहे हैं’. वरुण गांधी ने राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी की 152वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. बता दें कि 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी. गांधी वादी तबका इस सोशल मीडिया के ट्रेंड को शर्मनाक बता रहा है.
गोडसे जिंदाबाद ट्वीट करने वाले देश को कर रहे शर्मसार- वरुण गांधी
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने ट्वीट किया- ‘भारत हमेशा एक आध्यात्मिक महाशक्ति रहा है, लेकिन यह महात्मा हैं जिन्होंने हमारे देश के आध्यात्मिक आधार को अपने अस्तित्व के माध्यम से व्यक्त किया और हमें एक नैतिक अधिकार दिया, जो आज भी हमारी सबसे बड़ी ताकत है, गोडसे जिंदाबाद ट्वीट करने वाले देश को गैर-जिम्मेदाराना शर्मसार कर रहे हैं’
ट्विटर की भी हो रही है आलोचना
हालांकि सोशल मीडिया पर एक तबका ऐसा भी है, जो इस ट्रेंड का जमकर विरोध कर रहा है. ट्विटर पर गोडसे जिंदाबाद के हैशटैग के साथ 81 हजार से ज्यादा ट्वीट किए गए हैं. जबकि महात्मा गांधी के हैशटैग के साथ 1 लाख 12 हजार ट्वीट किए गए हैं. लेकिन इसके बावजूद ट्विटर पर गोडसे जिंदाबाद ट्रेंड कर रहा है, जिस वजह से लोग ट्विटर की भी आलोचना कर रहे हैं.
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वरुण गांधी के ट्वीट को मिल रहे जमकर लाइक्स
ट्विटर पर नाथूराम गोडसे जिंदाबाद हैशटैग के साथ कई ट्वीट किए जा रहे हैं. वरुण गांधी ने अपने ट्वीट में इस हैशटैग का इस्तेमाल नहीं किया. वरुण गांधी के पोस्ट पर 15 हजार से अधिक लाइक्स आ चुके हैं और काफी रीट्वीट भी किए जा चुके हैं. आपको बता दें कि बापू की जयंती पर पीएम मोदी, अमित शाह, सोनिया गांधी से लेकर कई दिग्गज नेताओं ने श्रद्धांजलि दी है.
पीएम मोदी ने भी किया ‘महात्मा’ को नमन
पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि. पूज्य बापू का जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा, गांधी जयंती पर मैं बापू को नमन करता हूं. उनके आदर्श सिद्धांत दुनियाभर में प्रासंगिक हैं और लाखों लोगों को मजबूती देते हैं.’ साथ ही प्रधानमंत्री राजधानी के राजघाट स्थित बापू के समाधि स्थल भी गए और उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस अवसर पर वहां सर्व धर्म प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया.
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कौन था नाथूराम गोडसे?
जब भी नाथूराम गोडसे का नाम आता है तो राष्ट्रपिता की दुखद हत्या याद आ जाती है. गांधीजी के हत्यारे गोडसे को 15 नवंबर, 1949 को फांसी की सजा दी गई थी. शुरू में वह महात्मा गांधी का पक्का अनुयायी था. गांधीजी ने जब नागरिक अवज्ञा आंदोलन छेड़ा तो उसने न सिर्फ आंदोलन का समर्थन किया बल्कि बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लिया. बाद में वह गांधीजी के खिलाफ हो गया. उसके दिमाग में यह बात बैठ गई कि गांधीजी ने अपनी ‘आमरण अनशन’ नीति से हिंदू हितों का बार-बार गला घोंटा है.
महात्मा गांधी की हत्या क्यों की? चर्चा जारी है!
महात्मा गांधीजी की हत्या के बारे में बहुत सी थ्योरियां दी जाती हैं. उस पर कई आर्टिकल लिखे गए हैं और कोर्ट की कार्यवाहियों में भी बार-बार हत्या का जिक्र हुआ है. लेकिन हत्या के पीछे असल कारण क्या था, उसके बारे में अब तक कुछ ठीक-ठीक पता नहीं चल पाया है. किस राजनीतिक पार्टी के इशारे पर ऐसा हुआ, लिखने के लिए काफी स्याही बर्बाद की गई लेकिन कोई भी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सका है. वैसे कहा जाता है कि उसने कई बार पहले भी गांधीजी की हत्या की कोशिश की थी लेकिन कामयाब नहीं हुआ. 30 जनवरी को वह अपने मकसद को पूरा करने में सफल रहा.