हरियाणा विधानसभा चुनाव के मतदान में अब चार दिन ही शेष रह गए हैं. चुनाव प्रचार अंतिम चरण में है. इस बीच प्रदेश में ‘खर्ची-पर्ची सिस्टम’ खासा चर्चा में रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी रैलियों में इसकी चर्चा कर कई बार कांग्रेस पर हमला कर चुके हैं. पीएम ने दावा किया है कि उनकी सरकार आने के बाद इस खर्ची पर्ची सिस्टम पर ताला लग गया है. वहीं कांग्रेस का दावा है कि हरियाणा में खर्ची और पर्ची जैसा कुछ नहीं है. अब सवाल ये है कि आखिर यह खर्ची और पर्ची सिस्टम आखिर है क्या?
हरियाणा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र है. पार्टी ने वादा किया है, ‘हम दो लाख युवाओं को ‘बिना पर्ची बिना खर्ची’ पक्की सरकारी नौकरियां देंगे.’ पीएम मोदी ने भी कहा था कि बीजेपी सरकार ने इस खर्ची पर्ची के सिस्टम को खत्म कर दिया था और पारदर्शी तरीके से 1.5 लाख सरकारी नौकरियां दी थी.
क्या है खर्ची-पर्ची सिस्टम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस के शासन में रोजगार व्यवस्था ‘पर्ची और खर्ची’ के जरिए चली थी. यहां पर्ची का मतलब – सत्ता में बैठे लोगों की सिफारिश के आधार पर और खर्ची का मतलब – नौकरी के लिए रिश्वत देना. बीजेपी ने दावा किया है कि हरियाणा में कांग्रेस की सत्ता के समय यह व्यवस्था इतनी संगठित थी कि अलग-अलग पदों के लिए रेट तय थे.
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इस पर प्रदेश बीजेपी के एक प्रवक्ता ने कहा था, ‘पार्टी ने पर्ची और खर्ची सिस्टम पर रोक लगा दी है और पारदर्शी तरीके से 1.43 लाख सरकारी पदों पर नियुक्ति की है. बीजेपी ने कांग्रेस से ज्यादा नौकरियां दी है.’ वहीं तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी दावा किया था कि भाजपा ने पर्ची-खर्ची सिस्टम खत्म कर दिया है.
कांग्रेस नेता का वीडियो हुआ था वायरल
हाल में बीजेपी द्वारा सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया गया था, जिसमें एक कथित कांग्रेस नेता लोगों से कह रहे थे, ‘नौजवान भाइयों, मैं अपना यहां नंबर देकर जाऊंगा. आप लोग केवल अपना पर्चा ले आना जिस पर रोल नंबर लिखा हो. चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के पास आपकी नौकरी का आवेदन मैं लेकर जाऊंगा. वो नौकरियां आप तक मैं लेकर आऊंगा.’ इसके बाद खर्ची और पर्ची सिस्टम फिर से उछाल मारने लगा.
अब आया बीजेपी का अटैची सिस्टम
बीजेपी द्वारा पूर्ववर्ती सरकार पर खर्ची और पर्ची का आरोप लगाने के बाद कांग्रेस ने सत्ताधारी पक्ष पर अटैची सिस्टम की शुरूआत करने के आरोप जड़े हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाए हैं कि बीजेपी सरकार ने नौकरियां देने के लिए अटैची सिस्टम की शुरुआत की है. इस बारे में हरियाणा कांग्रेस के प्रवक्ता केवल धींगरा ने कहा, ‘यहां कोई खर्ची और पर्ची सिस्टम नहीं है. भाजपा झूठ बोल रही है और फर्जी वीडियो शेयर कर रही है. कांग्रेस सरकार नियुक्तियों में पारदर्शिता लाई है. यह भाजपा सरकार है, जिसने नौकरियां देने के लिए ‘अटैची कल्चर’ की शुरूआत की है.
5 अक्टूबर को जनता करेगी फैसला
हरियाणा की कुल 90 विधानसभा सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान होना है. उस वक्त बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर अन्य दल, सभी का फैसला जनता के हाथों में होगा. बहुमत के लिए 46 सीटों का होना अनिवार्य है. पिछली बार कोई भी राजनीति दल बहुमत पाने में समर्थ नहीं हुआ था. ऐसे में 10 सीटों वाली जजपा ने ‘किंगमेकर’ बनते हुए बीजेपी से हाथ मिलाकर सरकार बनाई थी. इस बार भी किसी भी दल को बहुमत मिलने नजर नहीं आ रहा है. ऐसे में जजपा, आम आदमी पार्टी, इनेलो-बसपा आदि के हाथ सत्ता के ताले की चाबी लग सकती है. हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. अब देखना रोचक होगा कि कांग्रेस पर खर्ची पर्ची सिस्टम कांग्रेस पर भारी पड़ता है या खुद बीजेपी अपने आरोपों तले दबी हुई नजर आती है.