Sharad Pawar big statement: महाराष्ट्र की राजनीति में बीते पांच छह महीनों से एनसीपी के शरद पवार ही छाए हुए हैं. शरद पवार के अध्यक्ष पद छोड़ने से लेकर वापस से पद ग्रहण करने, अजित पवार के पार्टी छोड़कर जाने एवं उप मुख्यमंत्री बनने और पार्टी के सिंबल को लेकर कानून लड़ाई, इन सभी में शरद पवार ही मुख्य भूमिका में नजर आ रहे हैं. प्रदेश की राजनीति की जाजम पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व अजित पवार से ज्यादा अब भी शरद पवार ही दिख रहे हैं. फिर चाहें वो सत्ताधारी संगठन पर जुबानी हमला हो या फिर विपक्षी एकता की बैठकों की अगुवाई करना, सभी में एनसीपी अध्यक्ष की सक्रियता स्पष्ट नजर आ रही है. इसी कड़ी में शरद पवार ने एक बार फिर से मोदी सरकार और बीजेपी पर सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए निशाना साधा है.
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि देश की जनता उन दलों और नेताओं के साथ नहीं है, जो बीजेपी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं. पवार ने कहा कि आप देश का नक्शा निकालकर देखिए दक्षिण भारत के एक भी राज्य में बीजेपी सत्ता में नहीं है. राजस्थान, पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और बंगाल में भाजपा सत्ता में नहीं है. उत्तर प्रदेश और कुछ अन्य राज्यों को छोड़कर देश के अन्य सभी हिस्सों में बीजेपी की राजनीतिक ताकत कम हो रही है. बीजेपी के सत्ता खोने का कारण सत्ता का दुरुपयोग है.
यह भी पढ़ें: तेलंगाना में छात्रा के सुसाइड को राहुल गांधी ने बताया हत्या! बीजेपी पर भी बोला धावा
शरद पवार ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अविभाजित शिवसेना को विभाजित करके बीजेपी राज्य की सत्ता में आई है. इसके बाद महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गयी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना विभाजित हो गयी. इसी तरह का फॉर्मूला गोवा के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी लागू किया गया था. मध्य प्रदेश में मार्च 2020 तक कांग्रेस सत्ता में थी और फिर उसकी सरकार गिर गई थी. पवार ने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग भाजपा का फॉर्मूला है. महाराष्ट्र में भी इसी फॉर्मूले को लागू किया गया लेकिन इस बार के आगामी चुनाव के बाद राजनीतिक तस्वीर साफ हो जाएगी.
गौरतलब है कि 2019 महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अविभाजित शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार बनवाने में शरद पवार ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. पवार चिर विरोधी शिवसेना और कांग्रेस को एक साथ लेकर आए थे और उसके बाद उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री की भूमिका के लिए भी राजी किया था. हालांकि शिवसेना के नेता एकनाथ शिंदे ने पार्टी तोड़ बीजेपी से मिल गए और खुद सीएम बन बैठे. इसके बाद शिवसेना का तीर-धनुष वाला सिब्बल भी हासिल कर लिया. बिलकुल यही कहानी एनसीपी के साथ भी दोहरायी गयी है. शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने सत्ता में हिस्सेदार बनने के लिए अपन चाचा से दगा कर सीएम एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस से हाथ मिला लिया और खुद डिप्टी सीएम बन गए.