Politalks.News/UttarPradesh. सियासी गलियारों में आज अगर कोई मुद्दा सबसे ज्यादा गरम है तो फिर वो है लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा का मामला. बीजेपी नेता के बेटे की गाड़ी से हुए सड़क हादसे के बाद हुई हिंसा में 4 किसानों सहित 9 लोगों की मौत हो चुकी है. लखीमपुर खीरी मामले पर अब राजनीति ने एक अलग ही रूप ले लिया है. इस पुरे मामले के सामने आने के बाद पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने किसानों के समर्थन में कथित रूप से अपने सोशल मीडिया अकाउंट ट्विटर के बायो से ‘भाजपा’ शब्द हटा लिया है. इसके साथ ही वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख इस पुरे मामले की CBI से जांच कराने की मांग उठाई है. वरुण ने लिखा कि गांधी जयंती के अगले दिन हमारे अन्नदाताओं की जिस घटनाक्रम में हत्या की गई वह किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य हैं.
आपको बता दें, पिछले कुछ समय से सांसद वरुण गांधी अपनी ही सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं. अक्सर किसानों के समर्थन में बयान देने वाले पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने एक बार फिर अपनी आवाज उठाई है. लेकिन इस बार वरुण गांधी ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ‘भाजपा‘ शब्द ही हटा लिया है. वरुण गांधी द्वारा अपने ट्विटर बायो से ‘भाजपा‘ शब्द हटाने के बाद सियासी चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है. बता दें, वरुण गांधी एक बार ही नहीं कई बार किसानों की मांग को लेकर यूपी सरकार के खिलाफ मुखर हो चुके हैं.
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बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने लखीमपुर खीरी घटना को दुखद बताया और कहा कि विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को निर्दयतापूर्वक कुचलने की जो हृदय विदारक घटना हुई है, उससे सारे देश के नागरिकों में एक पीड़ा और रोष है. लखीमपुर खीरी मामले को लेकर वरुण गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिख इस पुरे मामले की सीबीआई जांच कराने की भी मांग उठाई है. सीएम योगी को लिखे अपने पत्र में वरुण ने लिखा कि इस घटना से एक दिन पहले ही देश ने अंहिसा के पुजारी महात्मा गाँधी जी की जयंती मनाई थी. अगले ही दिन लखीमपुर खीरी में हमारे अन्नदाताओं की जिस घटनाक्रम में हत्या की गई वह किसी भी सभ्य समाज में अक्षम्य हैं.
वरुण गांधी ने अपने पत्र में आगे लिखा कि आन्दोलनकारी किसान भाई हमारे अपने नागरिक हैं. यदि कुछ मुद्दों को लेकर किसान भाई पीड़ित हैं और अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के तहत विरोध प्रर्दशन कर रहें हैं तो हमें उनके साथ बड़े ही संयम एवं धैर्य के साथ बर्ताव करना चाहिए. हमें हर हाल में अपने किसानों के साथ केवल और केवल गाँधीवादी व लोकतांत्रिक तरीके से कानून के दायरे में ही संवेदनशीलता के साथ पेश आना चाहिये. वरुण गांधी ने आगे लिखा कि इस घटना में शहीद हुए किसान भाईयों को श्रद्धांजलि देते हुए मैं उनके परिजनों के प्रति अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट करता हूँ.
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सीएम योगी से निवेदन करते हुए वरुण गांधी ने पत्र में लिखा कि मेरा आपसे निवेदन है कि इस घटना में संलिप्त तमाम संदिग्धों को तत्काल चिन्हित कर आईपीसी की धारा 302 के तहत हत्या का मुकदमा कायम कर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए. इस विषय में आदरणीय सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में सीबीआई द्वारा समयबद्ध सीमा में जाँच करवाकर दोषियों को सजा दिलवाना ज्यादा उपयुक्त होगा. इसके अलावा पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रूपये का मुआवजा भी दिया जाए. कृपया यह भी सुनिश्चित करने का कष्ट करें कि भविष्य में किसानों के साथ इस प्रकार का कोई भी अन्याय या अन्य ज्यादती ना हो.
हालांकि, आपको बता दें कि फिलहाल सरकार और किसान संगठनों के बीच इस मामले में सुलह हो चुकी है. सरकार ने मृतकों के परिवार को 45 लाख की आर्थिक मदद और साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है. साथ ही घायलों को 10 लाख रूपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा कि है.
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दरअसल, लखीमपुर खीरी में रविवार को आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को आना था. डिप्टी सीएम के पहुंचने से पहले किसान, कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन करने लगे थे. इस दौरान किसानों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा और उसके समर्थकों ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर गाड़ियां चढ़ा दीं. जिससे चार किसानों की मौत हो गई. जिसके बाद गुस्साए किसानों ने 2 SUV कार को आग के हवाले कर दिया. इस पुरे मामले के सामने आने के बाद राजनीति तेज हो गई है. वहीं आज तड़के लखीमपुर खीरी में मृतकों के परिवारों से मिलने जा रही प्रियंका गांधी को नजरबंद कर दिया गया. यही नहीं, उसके बाद बसपा नेता सतीश मिश्रा, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, राज्यसभा सांसद और आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह, चन्द्रशेखर आजाद रावण, रालोद के जयंत चौधरी सहित कई दिग्गज नेताओं को नजरबंद कर दिया गया.