Uniform Civil Code: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में समान नागरिकता संहिता कानून (UCC) का ड्राफ्ट पेश किया. इसके साथ ही यूसीसी पर ड्राफ्ट लाने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है. सीएम धामी का कहना है कि इस बिल में सभी धर्मों और वर्गों का ध्यान रखा गया है. उन्होंने ड्राफ्ट पेश करते हुए कहा कि यह कानून महिला उत्थान को मजबूत करने की दिशा में पहला कदम है जिसमें हर समुदाय, हर वर्ग, हर धर्म के बारे में विचार किया गया है. वहीं इस बिल को लेकर विपक्ष के नेताओं सहित AIMIM सुप्रीमो असदुद्दीन औवेसी ने विरोध किया है और ड्राफ्ट को देश के मुस्लिमों के खिलाफ साजिश बताया है.
उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने बिल को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री धामी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को खुश करने के लिए इसे लेकर आए हैं. वहीं बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने भी यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट (UCC) को लेकर आपत्ति जताई है. शहजाद ने कहा कि चुनाव की वजह से बीजेपी सरकार यूसीसी बिल को जबरन प्रदेश की जनता पर थोपना चाहती है जबकि ड्राफ्ट को बनाने से पहले किसी भी विधायक की कोई राय नहीं ली गयी. बसपा विधायक ने आगे कहा कि प्रदेश में अफसर शाही हावी है और सरकार ने बिना किसी जानकारी के कमेटी का गठन किया है. कमेटी ने ड्राफ्ट में किन बिंदुओं को शामिल किया है, इसकी जानकारी अभी तक विधायकों को नहीं दी गयी है.
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इसके जवाब में सीएम धामी का कहना है कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने प्रदेश की जनता से समान नागरिक संहिता कानून लाने का जो वादा किया था, उसका पालना की जा रही है. इसको लेकर सरकार ने एक कमेटी का गठन किया है और अब यह वादा पूरा होने जा रहा है.
इधर, ड्राफ्ट को लेकर विपक्ष की ओर से कई बिंदुओं पर आपत्ति जताई जा रही है. सदन के भीतर विपक्ष द्वारा इन बिंदुओं पर सहमति न जताने की परिस्थितियों में यूनिफॉर्म सिविल कोड का विधेयक अटक सकता है. हालांकि सरकार के पास विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल है, जिसके आधार पर इस विधोयक का पास होने निश्चित है. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह ड्राफ्ट का पास होना निश्चित है. ऐसे में उत्तराखंड विधानसभा में हंगामा होने की पूरी पूरी उम्मीद है.