उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर होने वाले उप चुनाव के चुनावी समर में उतरने के लिए नेताओं ने एक-दूसरे की काट ढूंढनी शुरू कर दी है. इसी कड़ी में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच पोस्टर वॉर शुरू हो गयी है. इन दिनों सपा का एक पोस्टर काफी वायरल हो रहा है जिसमें लिखा है, ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’. इसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव का फोटो भी लगा हुआ है. इस पोस्टर को प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ के जवाब में समाजवादी पार्टी ने जवाब माना जा रहा है. राजनीति विशेषज्ञ इसे ‘राहुल अखिलेश’ के जुड़ने और आम चुनाव में इसी जोड़ी द्वारा बीजेपी को पटखनी देने का संदेश भी मान रहे हैं. ये भी कहा जा रहा है कि बीजेपी के ‘बटेंगे तो कटेंगे’ की काट के तौर पर समाजवादियों ने ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ का नया नारा दिया है.
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समाजवादी पार्टी ने लखनऊ में ‘जुड़ेंगे तो जीतेंगे’ के नारे वाले कई पोस्टर लगवाए हैं. इस पोस्ट वॉर से सियासी माहौल गरमा रहा है. इससे पहले सपा ने बीजेपी से पोस्टर वॉर शुरू करते हुए ‘न बंटेंगे, न कटेंगे’ के पोस्टर पूरे प्रदेश में लगवाए थे. सीएम योगी का ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाला नारा हरियाणा चुनाव में बीजेपी के लिए वरदान साबित हुआ था. योगी आदित्यनाथ ने 26 अगस्त को पहली बार इस नारे का इस्तेमाल किया था. इसके बाद पीएम मोदी ने भी इसका समर्थन भी किया था. हाल में आरएसएस भी इस मुद्दे पर साथ दिख रहा है. ऐसे में यूपी में सपा अकेले ही न केवल योगी, बल्कि बीजेपी से भी टक्कर ले रही है.
सपा-कांग्रेस को बताया रावण-दुर्योधन
उत्तर प्रदेश उप चुनावों से पहले बीजेपी और सपा एक दूसरे पर हमलावर हैं. सीएम योगी भी समाजवादी पार्टी के नेताओं पर निशाना साधने से नहीं चूकते. दिवाली पर भी योगी आदित्यनाथ ने समाज को बांटने वालों को रावण और दुर्योधन के डीएनए वाला बताया. सीएम योगी ने कहा, ‘आज कोई जाति, कोई क्षेत्र और कोई भाषा के नाम पर बांट रहा है. इन बांटने वाले तत्वों में रावण और दुर्योधन का ही DNA काम कर रहा है.’
अखिलेश ने किया पलटवार
इधर, सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी बीजेपी के हर वार पर पलटवार देने में पीछे नहीं हट रहे हैं. सपा अध्यक्ष ने बीजेपी पर पलटवार में कहा कि बीजेपी की बौखलाहट बता रही है कि उसकी हार निश्चित है. बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से चुनाव नहीं लड़ रही है, अधिकारियों के माध्यम से लड़ रही है और जो अधिकारियों के साथ चुनाव लड़ने लगे तो समझ लो उसकी हार निश्चित है.
13 नवंबर को यूपी में उप-चुनाव
यूपी की 10 में से 9 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होनेा है. इनमें फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां, खैर, मीरापुर, सीसामऊ, कटेहरी, करहल और कुंदरकी शालि है. इसमें कानपुर की सीसामऊ सीट को छोड़कर सभी सीटें विधायकों के सांसद बन जाने की वजह से खाली हुई हैं. सीसामऊ से इरफान सोलंकी के सजायाफ्ता हो जाने की वजह से सीट पर उपचुनाव हो रहा है. अयोध्या की मिल्कीपुर सीट को लेकर कोई ऐलान नहीं हुआ है. 13 नवंबर को इन सभी विधानसभा सीटों पर वोटिंग होनी है. 23 नवंबर को परिणाम जारी होने के साथ ही ये पता चल जाएगा कि यूपी की जनता ने इस बार किसे अपना आशीर्वाद दिया है. हालांकि उप चुनाव के परिणामों से बीजेपी की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है लेकिन आम चुनाव के परिणामों से उत्साहित सपा के लिए ये एक बूस्टर डोज की तरफ काम कर सकता है.