Politalks.News/UmaBharati. भारतीय जनता पार्टी की दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अपनी पूरानी शराबबंदी की मांग को लेकर अब शिवराज सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गई हैं. उमा भारती ने राज्य में अपने शराबबंदी अभियान को और तेज करने का मन बना लिया है, जिसके तहत उमा भारती अब अक्टूबर के महीने में गांधी जयंती के दिन से पूरे प्रदेश में मार्च करेंगी और इस अभियान को धार देंगी. जाहिर है भारती के इस अभियान से शिवराज सिंह चौहान सरकार की टेंशन जरूर बढ़ेगी. इसी बीच उमा भारती ने इसे लेकर अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक चिट्ठी भी लिखी है. वहीं दो दिन पहले उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर अपने आंदोलन की जानकारी देते हुए सिलसिलेवार ट्वीट भी किए थे.
अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अपनी ही पार्टी की दिग्गज नेता द्वारा शराबबंदी के खिलाफ आंदोलन शुरू करने के ऐलान के बाद मध्य प्रदेश की नई शराब नीति को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान की मुश्किल बढ़ने वाली है. आपको बता दें शराबबंदी को लेकर अपने आंदोलन की घोषणा में सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए उमा भारती ने कहा कि, ‘अक्टूबर में गांधी जयंती पर भोपाल की सड़कों पर मैं महिलाओं के साथ इस राक्षस जैसी सामाजिक बुराई के खिलाफ मार्च करूंगी. मध्यप्रदेश में नशामुक्ति (जिसमें शराब बंदी भी शामिल है) अभियान भाजपा का ही वायदा है और मैं उसी का अनुसरण कर रही हूं.’
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उमा भारती ने आगे कहा कि, ‘जैसे हमारी मध्यप्रदेश की सरकार के कई निर्णय देश के कई राज्यों ने अपनाए एवं लागू किए इसी तरह से मध्यप्रदेश ही एक जन हितैषी शराब नीति का मॉडल बने.’ इसके साथ ही उमा भारती ने अपनी नाराजगी जताते हुए यह भी कहा कि, ‘मध्यप्रदेश में तो मेरे बड़े भाई शिवराज एक सात्विक व्यक्ति हैं जब नई शराब नीति की घोषणा हुई. इससे मेरा भरोसा एवं सम्मान तो कम नहीं हुआ किन्तु मुझे गहरा आघात लगा.’
उमा भारती यहीं नहीं रुकीं, आगे लिखा कि, ‘मैं चाहती हूं कि हमारी सरकार इस नीति में संशोधन करे और जो कानून विरूद्ध, नियम विरूद्ध, जन विरूद्ध, महिला विरूद्ध इसके अंश हैं उन्हें अलग करके नई शराबनीति प्रस्तुत करें. मैं तो गंगा के समस्त कार्य योजना का 2016 में ही शुभारम्भ करने के बाद मंत्री पद छोड़कर गंगा के किनारे की पैदल यात्रा करके पूरे विश्व को गंगा की जिम्मेवारी की ओर ध्यान दिलाना चाहती थी. मुझे पार्टी एवं प्रधानमंत्री जी से इसकी सहमति जब नहीं मिली, तब मैंने ही पांच साल के लिए अपने आप को चुनावी राजनीति से अलग करके गंगोत्री से गंगा सागर तक की यात्रा का निश्चय किया.’
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इसके साथ ही बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इस सम्बंध में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को एक पत्र भी लिखा है, जिसको उमा भारती ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘मैंने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नड्डा जी को एक पत्र लिखा है, मैं उसको सार्वजनिक कर रही हूं.’ आपको बता दें, इस खत में उमा भारती ने लिखा कि, ‘आप इसके स्वयं साक्षी हो कि मैंने मार्च में इस जागरुकता अभियान का प्रारंभ किया जो कि हमारी पार्टी की नीति के अनुसार है. उसके बाद 13 अप्रैल से लेकर हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की हैदाराबाद में हुई बैठक में भी मैंने निर्णायक लोगों से मुलाकात कर इस विषय में चर्चा की थी.
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उमा भारती ने आगे लिखा है कि, ‘शराबबंदी मेरे निजी अहंकार का विषय नहीं है लेकिन मध्य प्रदेश की महिलाओं का सम्मान एवं उनके परिवार की सुरक्षा, युवाओं की रोजी-रोटी एवं भविष्य से जुड़ा मुद्दा है. इस विषय पर जब कोई मुलाकात हुई तो मैंने उसे कभी सार्वजनिक नहीं किया, क्योंकि मुझे भरोसा था कि कोई सकारात्मक परिणाम आएगा. इस कारण मैं मौन रही लेकिन इसकी वजह से मैं निंदा, उपहास एवं आलोचना की पात्र बनी.’ इसके साथ ही मौजूदा शिवराज सरकार की शराब नीति का उल्लेख करते हुए उमा भारती ने लिखा है कि मध्य प्रदेश की नई शराब नीति प्रदेश को हर तरह से विनाश की दिशा में ले जा सकती है.