टोंक जिले के नगरफोर्ट में 29 मई को हुई परासिया निवासी ट्रैक्टर चालक भजनलाल मीणा की मौत पर बवाल बढ़ता जा रहा है. उनियारी थानाधिकारी मनीष चारण और अन्य पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगाते हुए पिछले तीन दिन से धरने पर बैठे देवली-उनियारी से कांग्रेस विधायक हरीश मीणा ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है. बीजेपी विधायक गोपीचंद मीणा भी उनके साथ धरने पर बैठे हैं. हरीश मीणा ने आज अपने तेवर तल्ख करते हुए कहा कि हमें सरकार और प्रशासन कमजोर ना समझे. हम गरीब जरूर है, लेकिन कमजोर नहीं हैं. हम हर भाषा में जवाब देना जानते हैं.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोडी लाल मीणा, टोंक-सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के अनशन स्थल पर पहुंचने से माहौल और गर्मा गया है. इन नेताओं ने मंच से टोंक पुलिस और जिला प्रशासन को जमकर आड़े हाथों लिया. डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए 5 जून को उनियारा पहुंच महापड़ाव का ऐलान किया. वहीं, टोंक-सवाईमाधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया ने मामले की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की है. पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने कहा कि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो पूरे राजस्थान में आंदोलन होगा.
आपको बता दें कि टोंक जिले के परासिया गांव के भजन लाल मीणा 29 मई को ट्रैक्टर से कहीं जा रहा था. आरोप है कि गणेती गांव के पास पुलिसकर्मियों ने उसे रोका और लकड़ी से फंटे से बेरहमी से पीटकर हत्या कर दी. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो थानाधिकारी सहित आधा दर्जन पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में थे और एक निजी कार में सवार थे. मारपीट के दौरान जब ग्रामीण मौके की ओर दौड़े, तब तक पुलिसकर्मियों ने युवक के शव को नगरफोर्ट अस्पताल पहुंचा दिया. घटना की खबर जब परिजनों को मिली तो ग्रामीण इकट्ठे होकर अस्पताल पहुंचे और बाद में थाने का घेराव किया.
मामले की जानकारी जब विधायक हरीश मीणा को मिली तो वे नगरफोर्ट पहुंचे और पीड़ित परिवार के साथ धरने पर बैठ गए. विधायक और ग्रामीण आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने, शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने, आश्रितों को सरकारी नौकरी देने और मृतक परिवार के दोनों बच्चों के खाते में 20-20 लाख रुपये जमा करवाने के साथ टोंक जिले में चल रहे बजरी के गोरखधंधे में लिप्त दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सीआईडी से जांच करवाने की मांग कर रहे हैं.
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