Rajasthan Politics: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी ने अपनी 39 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी है. दूसरी सूची में मोदी सरकार में शामिल तीन केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते को भी प्रत्याशी बनाया गया है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर विधानसभा क्रमांक 1 से टिकट दिया गया है. इनके अलावा, 4 सांसदों को भी विधानसभा चुनावों में उतारा है. इनमें से तीन पर बीजेपी के विधायक विराजमान हैं लेकिन इनका टिकट काट सांसदों को थमाया गया है. चूंकि इस साल राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि जो खेल बीजेपी ने मध्य प्रदेश में खेला है, वैसा ही खेल राजस्थान में भी खेला जा सकता है.
राजस्थान की बात करें तो यहां की सभी 25 की 25 सीटें बीजेपी सांसदों के कब्जे में हैं. इनमें से बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी, अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ और राजसमंद सांसद दीया कुमारी पर बीजेपी दांव खेल सकती है. इनके अलावा, दौसा सांसद जसकौर मीना पर भी दौसा सीट से मैदान में उतारा जा सकता है. यह एक मीणा बाहुल्य क्षेत्र है और यहां जसकौर मीणा या किरोड़ी लाल मीणा पर दांव लगाना फायदे का सौदा साबित होगा. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी एक मजबूत चेहरा है लेकिन उनके विधानसभा चुनाव में उतरने की संभावना काफी कम है.
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अलवर से सांसद बाबा बालकनाथ को यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के समकक्ष माना जाता है. सियासी गलियारों में यह भी खबर तेजी से फैल रही है कि बीजेपी हिंदूत्व को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान को भी यूपी और एमपी के समकक्ष अगर खड़ा करती है तो यहां से अंतिम समय पर बाबा बालकनाथ को सीएम फेस घोषित किया जा सकता है. इससे राजस्थान को क्राइम फ्री किया जा सकता है. इसी तरह से अगर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को पार्टी से साइड लाइन रखा जाता है तो राजसमंद सांसद दीया कुमारी को राजसमंद या फिर उनकी पुरानी निर्वाचन सीट सवाई माधोपुर से विधानसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है.
इसी तरह केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को बाड़मेर से चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है. अजमेर से सांसद भागीरथ चौधरी, बांसवाड़ा से सांसद कनकमल कटारा और भरतपुर से सांसद रंजीता कोली को भी विधानसभा चुनावों में उतारा जा सकता है.
4 सांसदों को टिकट, 3 विधायकों के टिकट कटे
बीजेपी ने दूसरी लिस्ट में जिन 39 सीटों पर नामों का ऐलान किया है, उनमें से 36 सीटें 2018 के चुनाव में हारी हुई हैं. 3 सीटें पार्टी के कब्जे में हैं. इनमें मैहर से नारायण त्रिपाठी, सीधी से केदारनाथ शुक्ला और नरसिंहपुर से जालम सिंह पटेल वर्तमान विधायक हैं. इन तीनों का टिकट काटकर तीन सांसदों को दिया गया है. जबलपुर पश्चिम से राकेश सिंह, सतना से गणेश सिंह, सीधी से रीति पाठक और गाडरवारा से उदय प्रताप सिंह को विस चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार बनाया गया है. केंद्रीय मंत्रियों में मुरैना की दिमनी सीट से नरेंद्र सिंह तोमर, नरसिंहपुर से प्रह्लाद पटेल और निवास से फग्गन सिंह कुलस्ते को प्रत्याशी बनाया गया है. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का नाम भी इस सूची में शामिल है. उन्हें इंदौर विधानसभा क्रमांक 1 से टिकट दिया गया है.
शिवराज सिंह और सिंधिया को नहीं मिलेगा टिकट
सियासी गलियारों से खबर आ रही है कि एमपी के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इस बार बीजेपी टिकट देने के मूड में नहीं है. उन्हें प्रदेश की राजनीति की जगह केंद्र की राजनीति में सक्रिय करने पर पार्टी विचार कर रही है. शिवराज सिंह ने प्रदेश की राजनीति में दो दशकों से अधिक समय बिताया है. ऐसे में अब केंद्रीय आलाकमान मध्यप्रदेश की बागड़ौर नरेंद्र सिंह तोमर या फिर कैलाश विजयवर्गीय के हाथों में सौंपने पर विचार कर रही है. शिवराज बीजेपी के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. ऐसे में उन्हें राज्यसभा से केंद्रीय राजनीति में लाया जा सकता है. इसी तरह से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी टिकट मिलने की संभावना काफी कम है. उन्हें लोकसभा चुनावों में तरजीह दी जा सकती है.