Politalks.News/RajasthanPolitics. राजस्थान में अगले साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उम्मीदवारों की आयु सीमा को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां के बयान से प्रदेश की सियासत में हलचल मच गई है. राजनीति में रिटायरमेंट की उम्र 70 वर्ष होने की वकालत कर पूनियां ने एक नई बहस छेड़ दी है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि अगर डॉ सतीश पूनियां के बयान के 70 वर्ष का फार्मूला लागू हो तो प्रदेश भाजपा के कई बड़े नेताओं को घर बैठना पड़ेगा. वहीं सतीश पूनियां के बयान पर अब कांग्रेस की तरफ से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. प्रदेश सरकार में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, ‘राजनीति कोई सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम है.’ इसके साथ ही खाचरियावास ने ED को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिए गए फैसले को लेकर भी बड़ी बात बोलते हुए कहा कि, ‘जब तक ईडी मंत्रालय के अधीन रहेगी तो उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठते रहेंगे.’
दरअसल राजधानी जयपुर में चल रहे टॉक जर्नलिज्म के 7वे संस्करण में भाग लेते बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने शुक्रवार को नानाजी देशमुख का उदाहरण देते हुए कहा कि, ‘सरकार कर्मचारियों को 60 साल की उम्र में रिटायर्ड कर देती है. नानाजी देशमुख ने कहा था कि राजनीतिक रिटायरमेंट की उम्र 65 साल होनी चाहिए. लेकिन मैं इसमें 5 साल और ऐड कर देता हूं और मेरे हिसाब से 70 साल की उम्र में राजनीतिक सेवानिवृत्ति लेकर नई पीढ़ी को मार्गदर्शन और संरक्षण देने का काम करना चाहिए.’ इस दौरान पूनियां ने बड़ा एलान करते हुए कहा कि, ‘मैं यह कमिटमेंट करता हूं कि 70 साल की उम्र में मैं राजनीतिक जीवन से रिटायरमेंट ले लूंगा.’ पूनियां के इस बयान ने प्रदेश में एक अलग ही बहस छेड़ दी है.
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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के राजनीतिक संन्यास को लेकर आये बयान पर अब कांग्रेस नेताओं की भी प्रतिक्रिया सामने आने लगी है. प्रदेश सरकार में खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, ‘राजनीति कोई सरकारी नौकरी नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम है. राजनीति में हर उम्र का व्यक्ति पंच, सरपंच, प्रधान, जिला प्रमुख, एमएलए, एमपी, मिनिस्टर, चीफ मिनिस्टर और प्राइम मिनिस्टर बन सकता है और मेरा मानना है कि सबको राजनीति करने का अधिकार है. राजनीति में जो उम्र की बात करते हैं वह लोग कमजोर होते हैं. राजनीति योग्यता, संघर्ष, सेवा की सोच के साथ की जाती है. राजनीति जिंदादिली के साथ की जाती है इसमें उम्र की बाधा की बात कोई नहीं कर सकता.’ वहीं पूनियां के भारत मुक्त कांग्रेस के बयान पर खाचरियावास ने प्रतिक्रिया दी है.
प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, ‘कांग्रेस मुक्त भारत की बात करने वाले राजस्थान में हुए उपचुनाव में खुद मुक्त हो गए थे. आटा-चावल जैसी चीजों पर टैक्स लगाने वाले कभी भी इस देश के सगे नहीं हो सकते. कांग्रेस मुक्त भारत का सपना देखने वालों के सपने कभी पूरे नहीं होने वाले. क्योंकि कांग्रेस और इस देश का डीएनए एक है. कांग्रेस के मंच पर सभी धर्मों के लोग खड़े रहते हैं. कांग्रेस का मंच देश के विकास को आगे बढ़ाने वाला है. हम तिरंगे को अपना धर्म मानते हैं, इसलिए इनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे.’ बीजेपी पर निशाना साधते हुए खाचरियावास ने कहा कि, ‘बीजेपी ने पूरे देश में डर और नफरत का माहौल बना रखा है, लेकिन अब जनता समझने लगी है. इनकी नफरत की फैक्ट्री ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है.’
वहीं हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के अधिकारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी खाचरियावास ने अपनी प्रतिक्रिया दी. खाचरियावास ने कहा कि, ‘ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स केंद्र की जांच एजेंसियां हैं. ईडी अगर इतनी ही इमानदार है तो उसे किसी मंत्रालय के अधीन रखने की जगह सुप्रीम कोर्ट के अधीन लाना चाहिए. क्योंकि जब तक ईडी मंत्रालय के अधीन रहेगी तो उसकी निष्पक्षता पर सवाल उठते रहेंगे.’