पौने 7 घण्टे BJP विधायकों के बिना चली सदन की कार्यवाही, घर में देशी शराब की बोतलें रखने की मांग उठी

गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल में यह पहला माैका रहा जब बगैर विपक्ष के सदन इतने लंबे समय तक चला, नाराज स्पीकर जोशी ने विधायक देवनानी को एक दिन के लिए सदन से बाहर निकाल दिया, इसके बाद नाराज सभी बीजेपी विधायक सदन का बहिष्कार कर चले गए, गणेश घोघरा ने मांग की कि हर आदिवासी को 8 बोतल देसी शराब घर में रखने की छूट मिले

Day 9 Rajasthan Vidhansabha
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Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की 15वीं विधानसभा के षष्ठम सत्र के आठवें दिन की कार्यवाही पाैने सात घंटे तक बगैर विपक्ष के चली. गहलोत सरकार के तीसरे कार्यकाल में यह पहला माैका रहा जब बगैर विपक्ष के सदन इतने लंबे समय तक चला. सोमवार को 11 बजे शुरू हुई कार्यवाही के कुछ देर बाद शून्यकाल के शुरू होते ही पूर्व शिक्षामंत्री व भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी और स्पीकर सीपी जोशी के बीच जबरदस्त वाली तकरार हो गई. इससे नाराज स्पीकर जोशी ने विधायक देवनानी को एक दिन के लिए सदन से बाहर निकाल दिया. इसके बाद नाराज सभी भाजपा विधायक सदन का बहिष्कार कर चले गए और शाम 7 बजे तक सदन बिना भाजपा विधायकों के ही चला.

दरअसल, सोमवार को शून्यकाल शुरू होते ही अजमेर से भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर एबीवीपी छात्रों पर हमले का मामला सदन में उठाया. चूंकि देवनानी ने बिना अनुमति बोलना शुरू किया था, इसलिए स्पीकर सीपी जोशी ने खड़े होकर देवनानी को रोका. लेकिन इसके बावजूद भी देवनानी ने बोलना बंद नहीं किया, बल्कि वे स्पीकर से ही उलझ गए. इसके बाद स्पीकर जोशी ने संसदीय कार्यमंत्री से देवनानी को एक दिन के लिए सदन से बाहर निकालने का प्रस्ताव लाने को कहा. इसी बीच नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि यह सही है कि देवनानी को बैठ जाना चाहिए था, लेकिन इतनी छोटी सी बात के लिए विधायक को सदन से निकालना सही नहीं होगा और अगर ऐसा हुआ तो हम सब सदन से चले जाएंगे.

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इस पर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि विधायक देवनानी का आचरण सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है. वहीं नेता प्रतिपक्ष अध्यक्ष पर दबाव बनाना चाहते हैं, देवनानी ने जिस तरह की हरकत की है उसके लिए उन्हें एक दिन के लिए सदन से निकाला जाए और प्रवेश तभी दिया जाए जब वे अपने आचरण के लिए माफी मांगे. इसके बाद धारीवाल ने देवनानी को एक दिन के लिए से बाहर निकालने का प्रस्ताव सदन में रखा. इस प्रस्ताव पर स्पीकर ने सदन की राय ली, जिसे ध्वनिमत से मंजूरी मिल गई. देवनानी को बाहर निकालने का प्रस्ताव सदन से पारित होते ही भाजपा के सभी विधायक सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करके चले गए.

इसके बाद वहां बचे सत्ता पक्ष और निर्दलीय विधायकाें ने बजट पर सीएम अशाेक गहलाेत की तारीफ की. साथ ही खुद के स्थानीय मुद्दे उठाते हुए सीएम गहलोत के बजट रिप्लाई पर खुद के क्षेत्राें से जुड़ी अपेक्षाएं जताई. लेकिन भाजपा विधायकों के वॉकआउट से पहले सहकारी बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों का प्रीमियम काटने के बावजूद बीमा नहीं होने के मुद्दे पर सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना प्रश्नकाल के दौरान सदन में घिरते दिखे. पब्बाराम बिश्नोई के सवाल पर आंजना ने बताया कि बीमा कंपनियों के चयन में गैप की वजह से बीमा नहीं हुआ, देरी के लिए जांच करवाई जा रही है. इस पर गुलाबचंद कटारिया ने मंत्री से कहा कि किसान प्रीमियम दे चुका, उसका क्या दोष, प्रीमियम कटवाने के बाद जिन किसानों की मौत हुई उसका पैसा कौन देगा, मंत्री उदयलाल आंजना इसका सीधा जवाब नहीं दे सके.

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हर आदिवासी को 8 बोतल देसी शराब घर में रखने की छूट मिले- गणेश घोघरा

कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा ने गहलोत सरकार के बजट को ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तुलना सम्राट अशोक से कर दी. इसके साथ ही घोघरा ने आदिवासी क्षेत्रों में अंग्रेजी शराब की दुकानें बंद करने और आदिवासियों को परंपरागत देशी शराब महुआ की 8 से 10 बोतलें घर में रखने की इजाजत देने की मांग कर दी. घोघरा ने कहा कि अंग्रेजी शराब से हमारी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो रही है. आदिवासी 1000 रुपए की बोतल कैसे खरीदेगा. आदिवासी क्षेत्रों में हमारे यहां परंपरा और संस्कृति है कि किसी वार-त्यौहार, मौत मरण पर पूर्वजों को धार चढ़ाते हैं. वह हमारे देसी महुआ होती है जो फूल से बनाई जाती है.

गणेश घोघरा ने कहा कि महुवा से बनी देसी शराब आदिवासी संस्कृति का हिस्सा है. किसी आदिवासी के पास एक बोतल देसी शराब भी मिल जाती है तो पुलिसवाले 8 बोतल शराब रखने का मुकदमा बना देते हैं. ऐसे में हर आदिवासी को 8 बोतल महुवा से बनी शराब रखने की अनुमति दी जाए. आदिवासी क्षेत्र में अंग्रेजी शराब की दुकानें बंद की जाए. पूरा गुजरात अंग्रेजी शराब पीता है और बदनाम आदिवासी को किया जाता है.

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