Politalks.News/Rajasthan. करौली नगरपरिषद के पूर्व सभापति जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर परिषद के ही स्वास्थ्य निरीक्षक को बंधक बनाकर मारपीट के पुराने मामले में सोमवार को कोतवाली पुलिस ने जयपुर से हिरासत में लिया है. इस मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने राजाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हालांकि इसी मामले में हाईकोर्ट ने 12 फरवरी को राजाराम को अंतरिम जमानत दे दी थी.
इस अंतरिम जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई के दौरान परिवादी के वकील रजनीश गुप्ता ने विरोध करते हुए कहा याचिकाकर्ता आदतन अपराधी है और इस पर पुलिसकर्मियों से मारपीट तक के मामले दर्ज रहे हैं. इस पर सुनवाई बाद न्यायाधीश एनएस ढढ्ढा ने राजाराम गुर्जर की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. इसके बाद करौली कोतवाली थाना पुलिस ने राजाराम गुर्जर को जयपुर से हिरासत में लिया और अपने साथ करौली ले गई.
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अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रकाशचन्द ने बताया कि करौली कोतवाली थाने में पूर्व सभापति राजाराम गुर्जर के खिलाफ परिषद के स्वास्थ्य निरीक्षक मुकेश सैनी ने बंधक बनाकर मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज कराई थी. 13 नवम्बर 2019 को दर्ज करवाई गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि राजाराम ने ठेके के सफाई कर्मियों के बिलों को गलत तरीके से प्रमाणित करने का दवाब बनाया. लेकिन मुकेश सैनी ने 190 ठेका सफाई कर्मचारियों के स्थान पर 340 कर्मचारियों के वेतन बिलों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था. इसके बाद राजाराम गुर्जर द्वारा मुकेश सैनी के साथ मारपीट और गाली-गलौज की गई. इस मामले में पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के प्रयास भी किए थे लेकिन राजाराम इसके बाद भूमिगत हो गए थे.
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कुछ समय बाद राजाराम ने हाईकोर्ट में एक जमानत याचिका लगाई थी. इसमें राजाराम की ओर से कहा गया कि उसे मामले में राजनीतिक मंशा के चलते फंसाया है. जबकि, राज्य सरकार ने उसे कथित घटना के बाद कर्मचारी को निलंबित भी कर दिया. 7 दिसंबर 2019 को स्वायत शासन विभाग ने राजाराम को करौली नगर परिषद सभापति पद से निलंबित कर दिया था. हालांकि इसी मामले में हाईकोर्ट ने 12 फरवरी को राजाराम को अंतरिम जमानत दे दी थी.