अब जून माह में भी होगा गेहूं का फ्री वितरण तो सीएम गहलोत के प्रयास से अपने घर लौटने लगे कोटा के छात्र

अब तक 5 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 18 हजार स्टूडेंट्स अपने-अपने घर पहुंच चुके हैं, शुक्रवार को हरियाणा, असम और प्रदेश के विभिन्न जिलों के बच्चे होंगे रवाना, एनएफएसए के लाभार्थी परिवारों को अप्रैल एवं मई माह की तरह ही जून में भी होगा गेहूं का निःशुल्क वितरण

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना कहर के चलते जारी लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी राजस्थानी कामगारों, मजदूरों, कोचिंग विद्यार्थियों आदि की सकुशल घर वापसी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार प्रयासरत हैं. सीएम गहलोत के सार्थक प्रयासों के परिणामस्वरूप कोटा में अटके कोचिंग विद्यार्थियों का अपने-अपने घर लौटना शुरू हो गया है. इन बच्चों की सकुशल घर वापसी के लिए सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार एवं संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा कर सभी जरूरी इंतजाम किए. इसके साथ ही बढ़ते कोरोना संकट को देखते हुए प्रदेश सरकार ने एक और अहम फैसला लिया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के लाभार्थी परिवारों को अप्रैल एवं मई माह की तरह ही जून में भी गेहूं का निःशुल्क वितरण किया जाएगा.

प्रदेश सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश चन्द मीना ने बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी परिवारों को अप्रैल माह के गेहूं का शत प्रतिशत निःशुल्क वितरण कर दिया गया है. मई महीने में निर्धारित समय अवधि में गेहूं के निःशुल्क वितरण के लिए विभाग द्वारा आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है. मीणा ने आगे बताया कि अप्रैल एवं मई महीने में निःशुल्क वितरण किए जाने वाले गेहूं पर होने वाले व्यय का वहन राज्य सरकार द्वारा किया गया है. अब इसी तरह जून माह में भी गेहूं के निःशुल्क वितरण पर होने वाले व्यय का वहन भी राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा.

इसके साथ ही कोटा में अटके अन्य राज्यों के छात्रों को उनके घर पहुंचाने के उद्देश्य से सीएम गहलोत द्वारा किए गए सार्थक प्रयास रंग लाया रहे हैं. कोटा से अब तक 5 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के करीब 18 हजार स्टूडेंट्स अपने-अपने घर पहुंच चुके हैं. इनमें उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के करीब 12 हजार 500, मध्यप्रदेश के 2800, गुजरात के 350 तथा दादर एवं नागर हवेली के 50 बच्चे अपने परिवारों के पास पहुंच गए हैं. इसी प्रकार कोटा संभाग के अन्य जिलों के 2200 बच्चों को भी सकुशल उनके घर पहुंचाया गया है.

कोटा से शुक्रवार को हरियाणा के 1000, असम के 400 तथा राजस्थान के विभिन्न जिलों के 1500 बच्चे अपने-अपने घरों के लिए रवाना होंगे. इसी तरह शनिवार को हिमाचल प्रदेश के 100, राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के 500 बच्चे बसों के जरिए तथा 300 बच्चे अपने निजी साधनों से घर जाएंगे. कोटा जिला प्रशासन ने घर लौटने के इच्छुक राजस्थान के अन्य जिलों के कोटा में पढ़ रहे कोचिंग विद्यार्थियों के लिए एक गूगल फॉर्म भी जारी किया है. इस पर घर जाने के इच्छुक कोटा में रह रहे कोचिंग छात्र को अपना मोबाइल नंबर, कोचिंग आईडी प्रूफ तथा जिस माध्यम से वह घर जाना चाहता है दर्शाना होगा. इसके साथ ही एक हैल्पलाइन नंबर भी शुरू की गई है. इस पर अपने घर जाने के इच्छुक कोटा के कोचिंग छात्र सम्पर्क कर सकते हैं.

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गौरतलब है कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ही कोटा में लगभग 40 हजार कोचिंग विद्यार्थी फंस गए थे. अभी भी बिहार के करीब 11 हजार, झारखण्ड के 3 हजार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ के 2500-2500 बच्चे, महाराष्ट्र के 1800 एवं ओडिशा के करीब एक हजार बच्चे कोटा में मौजूद हैं. जम्मू-कश्मीर से बच्चों की सकुशल वापसी के लिए वार्ता की जा रही है. सीएम गहलोत ने अपील की है कि जिन राज्यों के बच्चे अभी कोटा में हैं, वे भी मानवीय आधार पर उन्हें अपने-अपने परिवार के पास ले जाने के लिए राज्य सरकार का सहयोग करें.

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