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Rajasthan Politics: आखिरकार लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए अपने चुनावी उम्मीदवारों की पहली और दूसरी सूची जारी कर ही दी. पहली लिस्ट में सीएम गहलोत और सचिन पायलट सहित 33 नाम हैं. वही बीजेपी ने भी अपनी 83 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी. इनमें से 18 सीटों पर दोनों ही पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. इनमें से 5 सीटों पर चुनावों का महा संग्राम होने जा रहा है. उक्त सीटों पर दिग्गजों की कांटे की टक्कर है. यहां कोई किसी से कम नहीं लेकिन एक दूसरे को हराने का माद्दा किसी दंगल से कम भी नहीं है. इनमें मालवीय नगर, नाथद्वारा, सवाई माधोपुर, लक्ष्मणगढ़ और सांगानेर विस सीटें प्रमुख हैं.

मालवीय नगर में पिछले दो बार से चुनाव हार रही अर्चना शर्मा पर कांग्रेस ने फिर से भरोसा दिखाया है. वहीं सांगानेर से बीजेपी के वर्तमान विधायक एवं पूर्व जयपुर महापौर अशोक लाहौटी की टिकट काटकर भजन लाल को टिकट थमाया है. आइए जानते हैं इन टॉप 5 विस सीटों पर होने जा रहे महा संग्राम के बारे में..

मालवीय नगर : कालीचरण सराफ बनाम अर्चना शर्मा

प्रदेश की राजधानी जयपुर की मालवीय नगर विधानसभा सीट पर अब तक कांग्रेस एक बार भी जीत दर्ज नहीं कर सकी है. इस सीट पर पिछली तीनों बाद से बीजेपी का कब्जा रहा है. 2008 में परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर तीनों बाद बीजेपी विधायक कालीचरण जीतते आ रहे हैं. इस सीट पर तीसरी बार कांग्रेस की अर्चना शर्मा और कालीचरण सराफ आमने-सामने हैं. अर्चना शर्मा ने 2013 और 2018 में भी कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गई थीं. 2018 के पिछले विस चुनावों के कड़े मुकाबले में अर्चना शर्मा करीब 1500 वोटों के अंतर से हारीं थीं. इस बार फिर से कांग्रेस ने अर्चना शर्मा पर विश्चास जताया है जबकि कालीचरण चौथी बार इसी सीट से मैदान में हैं. इस बार फिर यहां रोचक मुकाबला देखने को मिलने वाला है.

सवाई माधोपुर : किरोड़ी लाल मीणा बनाम दानिश अबरार

सवाई माधोपुर सीट पर इस बार रोचक मुकाबला देखने को मिलने वाला है. इस सीट पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ.किरोड़ीलाल मीणा और कांग्रेस उम्मीदवार दानिश अबरार के बीच मुकाबला है. सीएम सलाहकार दानिश वर्तमान विधायक हैं. उन्हें इस सीट पर कांग्रेस ने फिर से मौका दिया है. वहीं सवाई माधोपुर में किरोडी लाल की पुरानी पकड़ है.

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सवाईमाधोपुर में सीमेंट फैक्ट्री के आंदोलन से किरोड़ीलाल मीणा ने सियासी करियर शुरू किया था. मीणा समाज और प्रदेश के युवाओं में किरोड़ी लाल मीणा की खासी पकड़ है. अब देखना है कि सवाई माधोपुर में चुनावी उंट किस करवट बैठता है. हालांकि मुकाबला कांटे का होने की संभावना है.

नाथद्वारा : सीपी जोशी बनाम महाराणा प्रताप के वंशज

वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष और कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सीपी जोशी के सामने इस बार बीजेपी ने नाथद्वारा से मेवाड़ के पूर्व राजघराने के विश्वराज सिंह को उम्मीदवार बनाया है. 2008 में इस सीट पर सीपी जोशी अपने सियासी शिष्य कल्याण सिंह चौहान से एक वोट से हार गए थे. सीपी उस समय मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार थे. कल्याण सिंह ने 2013 में भी सीपी जोशी को हराया. दो बार की हार के बाद 2018 में जोशी नाथद्वारा से जीते. इस बार उनका मुकाबला महाराणा प्रताप के वंशज से है. यहां चुनावी मुकाबला काफी रोचक और करीबी होने के आसार हैं.

लक्ष्मणगढ़ : गोविंद सिंह डोटासरा बनाम सुभाष महरिया

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा लक्ष्मणगढ़ से चुनावी मैदान में हैं. यहां बीजेपी के उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया हैं. लक्ष्मणगढ़ में 10 साल बाद फिर से गोविंद सिंह डोटासरा और सुभाष महरिया आमने-सामने हैं. 2013 में डोटासरा ने बीजेपी उम्मीदवार सुभाष महरिया को 10 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. 10 साल में सियासी हालात काफी बदले हुए हैं. डोटासरा अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष हैं और तीन बार विधायक रह चुके हैं. सुभाष महरिया कांग्रेस में जाकर वापस बीजेपी में आए हैं. डोटासरा के सामने पुराना प्रदर्शन दोहराने की चुनौती है. डोटासरा सार्वजनिक रूप से महरिया को चुनौती मानने से इनकार कर चुके हैं. हालांकि बीजेपी के नाम पर सुभाष महरिया उलटफेर करने का माद्दा रखते हैं.

सांगानेर : पुष्पेंद्र भारद्वाज बनाम भजनलाल शर्मा

सांगानेर विधानसभा सीट पर सबसे अधिक उम्मीदवारों के भाग्य आजमाने का रिकॉर्ड है. पिछले विस चुनावों में इस सीट पर 17 से अधिक प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था. घनश्याम तिवाड़ी के अलग पार्टी बनाने के बाद वसुंधरा खेमे से तत्कालीन महापौर अशोक लाहौटी को यहां से बीजेपी ने अपना प्रत्याशी बनाया था. कांग्रेस ने नए नवेले पुष्पेंद्र भारद्वाज को मैदान में उतारा लेकिन लाहौटी ने भारद्वाज को करीब 28 हजार वोटों से मात दी. इस बार बीजेपी ने लाहौटी की जगह प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा पर दांव खेला है, जबकि कांग्रेस ने फिर से पुष्पेंद्र भारद्वाज को मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने इस सीट पर अंतिम बार 1998 में जीत दर्ज की थी. तब कांग्रेस की इंदिरा मायाराम यहां से विजयी हुई थी. इस बार मुकाबला बराबरी का होते नजर आ रहा है.

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