Mp Election 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के महासंग्राम के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों ने अपने आधे से ज्यादा चुनावी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. इस चुनाव में इंदौर जिले का चुनाव काफी अहम होने वाला है. इंदौर जिले की सभी नौ विधानसभा सीटों पर भाजपा कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है. किसी भी सीट पर इन दोनों राजनीतिक पार्टियों के अलावा कोई तीसरा महत्वपूर्ण प्रत्याशी नजर नहीं आ रहा. इनमें से तीन विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा कांग्रेस के उन्हीं प्रत्याशियों के बीच मुकाबला है जिनमें वर्ष 2018 में मुकाबला हुआ था. यहां खिताबी टक्कर बीजेपी और कांग्रेस के बीच में ही है.
इन तीनों सीटों पर चुनावी मुकाबला भले ही नया हो लेकिन आमने सामने की लड़ाई पुराने प्रत्याशियों के बीच में ही लड़ी जा रही है. इन तीन सीटों में से एक भाजपा और दो कांग्रेस के खाते में गई थीं.
इंदौर विधानसभा 5 : महेंद्र हार्डिया बनाम सत्यनारायण पटेल
इंदौर की विधानसभा पांच पर पुराने विरोधी फिर आमने सामने हैं. इंदौर विधानसभा 5 में एक ओर बीजेपी ने चार बार के विधायक रहे महेंद्र हार्डिया को मैदान में उतारा है तो कांग्रेस ने दो बार के विधायक सत्यनारायण पटेल पर दाव लगाया है. पटेल 2018 में इसी सीट से महेंद्र हार्डिया से 1100 मतों से हार चुके हैं. हार्डिया इस सीट से चार बार विधायक रह चुके हैं. पिछले चुनाव में उन्होंने पटेल को 1133 वोट के अंतर से शिकस्त दी थी. सत्यनारायण पटेल भी 1998 में इस सीट से कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं.
महेंद्र हार्डिया की बेदाग छवि की वजह से उन्हें एक बार फिर से मौका दिया गया है. वे एंटी इंकेमबेंसी से जूझ रहे थे और खुद भी कह चुके थे कि पार्टी किसी को भी टिकट दे वे उसकी चुनाव जीतने में मदद करेंगे. इस सीट से बीजेपी के कई बड़े नेता टिकट की होड़ में थे. महेंद्र हार्डिया अपने पिछले कार्यकालों में बिना किसी विवाद के संगठन के काम करते रहे हैं और मंत्री पद पर रहते हुए भी लोकप्रियता बटोर चुके हैं. यही वजह रही कि बीजेपी ने एक बार फिर उन पर दाव खेला है.
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वहीं पिछले चुनाव में मात्र 1133 वोट के करीबी अंतर से हार का स्वाद चखने वाले सत्यनारायण पटेल इस बार चुनाव के बहुत पहले से सक्रिय हो चुके थे. उन्होंने क्षेत्र में जया किशोरी, प्रदीप मिश्रा के अलावा कई बड़े धार्मिक गुरुओं के कार्यक्रम करवाए. वे सामाजिक कार्यक्रमों में भी लगातार सक्रिय हैं और हर वार्ड में टीम बनाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं. इस सीट पर रहने वाले पटेल समुदाय के अलावा उन्हें बड़ी संख्या में पुराने कांग्रेसियों का भी सपोर्ट है. वे भी अपनी बेदाग छवि की वजह से जाने जाते हैं. प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से सीधे संपर्क की वजह से कांग्रेस संगठन में भी उनके अच्छे संबंध हैं. ऐसे में दो बेदाग छवि वाले उम्मीदवारों में एक बार फिर करीबी जंग देखी जा सकती है.
राऊ विधानसभा : मधू वर्मा बनाम जीतू पटवारी
राऊ विधानसभा सीट इंदौर की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट मानी जाती है. 3 लाख 70 हजार मतदाताओं वाली राऊ विधानसभा सीट में अब तक कांग्रेस ने 2 बार जीत दर्ज की है. वहीं बीजेपी केवल एक बार ही जीत का मजा चखने में कामयाब हो सकी है. राऊ सीट पर वर्तमान विधायक और कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी काबिज हैं. इस सीट पर कांग्रेस के कद्दावर नेता जीतू पटवारी का अभेद किला भेदने के लिए बीजेपी ने आईडीए के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता मधु वर्मा को मैदान में उतारा है. मधु वर्मा IDA के सबसे अच्छी कार्य शैली वाले अध्यक्ष माने जाते रहे हैं. मधु वर्मा पिछली बार बेहद कम वोट से हारे थे.
देपालपुर विधानसभा : मनोज पटेल बनाम विशाल पटेल
देपालपुर विधानसभा क्षेत्र में सुपर काॅरिडोर का हिस्सा भी आता है. वहां बड़े शैक्षणिक व आईटी संस्थान है. वहां नया इंदौर बस रहा है. उसका भी व्यवस्थित विकास किया जा रहा है. गांधी नगर सोसायटी की रजिस्ट्री के मामले में भी जल्दी निर्णय होगा. यहां कांग्रेस के विशाल पटेल और बीजेपी के मनोज पटेल के बीच मुकाबला है. विशाल पटेल ने वर्ष 2018 में जीत हासिल की थी. वहीं बीजेपी ने फिर मनोज पटेल को उम्मीदवार बनाया है. वे पिछला चुनाव इस विधानसभा क्षेत्र से 9 हजार 44 वोटों से हारे थे.