rajasthan election
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राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों पर मुकाबला अब घमासान मोड़ पर जा रहा है. मुकाबले की तस्वीर एकदम क्लियर है. एक ओर जहां कांग्रेस रिपीट मोड़ पर आकर राजस्थान में इतिहास रचने की दिशा में अग्रसर है. वहीं बीजेपी सत्ता वापसी को लालायित है. हालांकि इस बार मुकाबला घमासान और टक्कर का होने की संभावनाएं जताई जा रही है. इस बार 53 से अधिक सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बागियों ने निर्दलीय ताल ठोकर प्रमुख राजनीतिक पार्टियों की परेशानियां बढ़ा दी है. वहीं करीब 80 सीटों पर छोटे-बड़े दलों से दोनों ही पार्टियों को बराबर की चुनौती मिल रही है.

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP), जनता जननायक पार्टी (JJP) बहुजन समाज पार्टी (BSP), आजाद समाज पार्टी (ASP) और ट्राइबल बेल्ट में मजबूत दिखने वाली BAP और BTP जैसी छोटी पार्टियां भी कई सीटों पर दोनों राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस-बीजेपी को कड़ी टक्कर दे रही है. यही वजह है कि 68 से अधिक सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय मोड़ पर जाते दिख रही है.

कांग्रेस के लिए 23 सीटों पर बागियों ने बढ़ाई मुश्किलें

राजस्थान की 200 में से 23 सीटों पर कांग्रेस बागियों से परेशान है. चौरासी से महेंद्र बारजोड़, सादुलशहर से ओम बिश्नोई, मनोहरथाना से कैलाश मीणा, खींवसर से दुर्ग सिंह खींवसर, देवाराम रोत बिछीवाड़ा से, राजकरण चौधरी सरदारशहर विधानसभा सीट से, अजीजुद्दीन आजाद, सवाई माधोपुर विधानसभा से, राकेश बोयत केशवरायपाटन से, रामनिवास गोयल महुआ से, नरेश मीणा छबड़ा से, करुणा चांडक गंगानगर से, गोपाल गुर्जर मालपुरा से और ब्यावर से मनोज चौहान कांग्रेस से बगावत करके मैदान में हैं.

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वहीं अन्य कांग्रेसी नेताओं में शिव से फतेह खान, बसेड़ी से खिलाड़ीलाल बैरवा, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से जौहरीलाल मीणा, शाहपुरा से आलोक बेनीवाल, पुष्कर से गोपाल बाहेती, परबतसर से लच्छाराम बडारड़ा, सिवाना से सुनील परिहार, जालोर से रामलाल मेघवाल, नागौर से हबीबुर्रहमान और लूणकरणसर से वीरेंद्र बेनीवाल बागी बनकर कांग्रेस उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं.

30 सीटों पर अपनों से ही घिरती नजर आ रही बीजेपी

प्रदेश की 30 सीटों पर बीजेपी अपनों से ही घिरती नजर आ रही है. यहां बागी उम्मीदवार मुकाबले को त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय बनाते दिख रहे हैं. झोटवाड़ा से आशुसिंह सुरपुरा, सुजानगढ़ से राजेंद्र नायक, सीकर से ताराचंद धायल, सवाई माधोपुर से आशा मीणा, संगरिया से गुलाब सिंवर, सांचौर से जीवाराम चौधरी, मसूदा से जसवीर सिंह खरवा, ब्यावर से इन्द्र सिंह, मकराना से हिम्मत सिंह राजपुरोहित और लूणकरणसर से प्रभुदयाल सारस्वत ने बीजेपी से बगावत की है.

इसी तरह, कोटपूतली से मुकेश गोयल, जालोर से पवनी मेघवाल, बस्सी से जितेंद्र मीणा, फतेहपुर से मधुसूदन भिंडा, पिलानी से कैलाश मेघवाल, डग से रामचंद्र सुनेरीवाल मैदान में हैं. बयाना से ऋतु बनावत, भीलवाड़ा से अशोक कोठारी, अजमेर उत्तर से ज्ञानचंद सारस्वत, बूंदी में रूपेश शर्मा, जैतारण से योगी लक्ष्मण नाथ भी बीजेपी के बागी हैं.

शिव विधानसभा से रविंद्र सिंह भाटी बीजेपी को बड़ी चुनौती दे रहे हैं. चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान आक्या, डीडवाना से यूनुस खान, बाड़मेर से प्रियंका चौधरी, झुंझूनू से राजेंद्र भांबू, सूरतगढ़ से राजेंद्र भादू, शाहपुरा से कैलाश मेघवाल, लाडपुरा से भवानी सिंह राजावत और खंडेला से बंशीधर बाजिया बागी हैं. हालांकि बीजेपी राजपाल सिंह शेखावत और अशोक लाहौटी सहित अपने कई बगावती नेताओं को मनाने में कामयाब रही है लेकिन पिछली बार जिस अंतर से बीजेपी को हार मिली थी, उतनी सीटों पर इस बार भी चुनौती मिल रही है.

प्रदेश की 10 सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला बना रहे बेनीवाल

हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) भले ही सरकार बनाने का दावा कर रही हो लेकिन 81 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के ​बावजूद महज 10 सीटों पर ही प्रभाव डालती दिख रही है. खींवसर, मेड़ता और भोपालगढ़ में पार्टी के मौजूदा विधायक ही चुनावी मैदान में है. वहीं परबतसर, मसूदा, बायतु, आसींद, चौमूं, कोलायत और सिवाना में बेनीवाल एंड पार्टी के प्रत्याशी बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए ही परेशानी बने हुए हैं. यहां मुकाबला त्रिकोणीय बनता दिख रहा है.

बसपा, बाप, जजपा और आप भी दे रही कड़ी टक्कर

छोटे मोटे दल भी इस बार कांग्रेस और बीजेपी को अकेले दम पर सरकार बनाने से रोकते दिख रहे हैं. इस बार प्रदेश में आधा दर्जन से अधिक मान्यता प्राप्त दल चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में 6 सीट हासिल करने वाली बहुजन समाज पार्टी (BSP) इस बार उतनी मजबूत तो नहीं लेकिन करीब 5 सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी को फंसाती दिख रही है. बसपा प्रदेश की धौलपुर, बाड़ी, हिंडौन, उदयपुरवाटी और सादुलपुर सीट पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है. वहीं रालोपा के साथ गठबंधन में लड़ रही आजाद समाज पार्टी (ASP) अलवर जिले की बानसूर और थानागाजी में मुकाबले को त्रिकोणीय बना रही है.

हरियाणा सरकार में हिस्सेदार जजपा ने दांतारामगढ़ और सूरतगढ़ विधानसभा सीट पर मजबूत प्रत्याशी उतार मुकाबले को रोचक बना दिया है. वहीं बाप उदयपुर ग्रामीण, खेरवाड़ा, प्रतापगढ़, धरियावद, आसपुर, चौरासी और सागवाड़ा में मजबूत दिख रही है. AIMIM ने भी 10 सीटों पर उम्मीदवार उतार मुस्लिम वोटर्स को टारगेट किया है जिससे कांग्रेस को थोड़ी सी दिक्कत हो रही है.

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