Politalks.News/Haryana. कृषि कानूनों के विरोध में केंद्र सरकार भले ही किसान संगठनों को दो टूक कह चुकी है कि सरकार तीनों कृषि कानून वापस नहीं लेगी. लेकिन केंद्र सरकार के इस फैसले ने हरियाणा में खट्टर सरकार की मुश्किलें बड़ा दी है. हरियाणा में बीजेपी और जजपा की गठबंधन सरकार है. ऐसे में अगर हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सरकार के खिलाफ जाकर किसानों के समर्थन में अपना इस्तीफा पेश करते है, तो फिर खट्टर सरकार का गिरना तय है. दुष्यंत चौटाला ने पहले ही खट्टर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा था कि ‘मैं जब तक डेप्युटी सीएम हूं तब तक किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने पर काम करूंगा, अगर मैं यह नहीं कर पाया तो इस्तीफा दे दूंगा’. इसी कड़ी में दुष्यंत चौटाला ने आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. चौटाला ने उम्मीद जताई है कि अभी सरकार और किसान संगठनों के बीच 6 चरणों की वार्ता हो चुकी है जल्द ही 7 वें चरण की वार्ता भी होगी.
दिल्ली में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मुलाक़ात करने के बाद दुष्यंत चौटाला ने तीनों कृषि बिलों को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर एवं रेल एवं वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल से भी मुलाक़ात की. मुलाकात के बाद चौटाला ने उम्मीद जताई कि जल्द ही समाधान निकलेगा, सरकार और किसान संगठन की आपसी सहमति से इस पुरे प्रकरण का समाधान निकालना पड़ेगा. चौटाला ने अगले 48 घंटों में समाधान निकलने की उम्मीद जताई. वहीं चौटाला की राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल से मुलाक़ात के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री एमएल खट्टर ने राहत की सांस जरूर ली होगी.
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कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा में उठे दंगल के बीच दो दिन पहले चौटाला ने अपनी चुप्पी तोड़ी और एलान करते हुए कहा था कि ‘हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि किसानों को एमएसपी मिलनी ही चाहिए. केंद्र सरकार ने जो लिखित प्रस्ताव दिए, उसमे एमएसपी शामिल है. मैं जब तक डेप्युटी सीएम हूं, तब तक किसानों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने पर काम करूंगा. अगर मैं यह नहीं कर पाया तो इस्तीफा दे दूंगा.
दुष्यंत चौटाला ने कहा- केंद्र सरकार ने किसानों को एमएसपी की लिखित गारंटी स्वीकार कर लिया है, लिखित आश्वासन मिलने पर आंदोलन जारी रखने का कोई लॉजिक नहीं है. हालांकि जजपा के कई विधायक दुष्यंत के रवैये से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे है. 10 में से 7 जजपा विधायक पहले ही कृषि कानून के खिलाफ किसान आंदोलन का समर्थन कर चुके हैं.
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बता दें 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में जब भाजपा बहुमत से महज 6 सीटें दूर रह गई थी, तो जजपा ने किंगमेकर की भूमिका निभाते हुए 10 विधायकों के साथ भाजपा से गठबंधन किया था.