जो 40 लोग वहां हैं उनके शव वापस आएंगे…- राउत ने दिया बड़ा बयान तो पवार ने फिर की समर्थन की बात

महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच बोले पवार- शिंदे के पास नंबर था तो भागे क्यों? नहीं लगेगा प्रदेश में राष्ट्रपति शासन, वहीं संजय राउत बागी गुट के खिलाफ दिया आक्रमक बयान- हमने संयम बना रखा है नहीं तो हजारों शिवसैनिक हमारे एक इशारे का कर रहे हैं इंतजार

महाराष्ट्र का सियासी घमासान
महाराष्ट्र का सियासी घमासान

Politalks.News/MaharashtraPoliticalDrama. महाराष्ट्र (Maharashtra) में शुरू हुए सियासी संग्राम को करीब एक हफ्ता पूरा हो चूका है लेकिन अब तक स्थिति साफ़ नहीं है. एक तरह जहां शिवसेना से बागी हुए विधायक (Eknath Shinde And MLA) गुवाहाटी में डेरा जमाए बैठे हैं तो वहीं महाराष्ट्र में शिवसेना (Shivsena), NCP और कांग्रेस (Congress) बैठकों पर बैठके कर रही है. वहीं अब शिवसैनिक भी महाराष्ट्र की सड़कों पर दिखाई देने लगे हैं. रविवार को शिवसैनिकों ने राज्य के कई हिस्सों में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के समर्थन में प्रदर्शन किया. तो वहीं कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भी छुट्टी मिल गई है. ऐसे में इस सियासी संग्राम के जल्द ही खत्म होने के आसार नजर आने लगे हैं. वहीं यशवंत सिंन्हा के नॉमिनेशन में शामिल होने दिल्ली पहुंचे NCP प्रमुख शरद पवार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘हम आखिरी लाइन तक उद्धव ठाकरे को समर्थन देंगे.’ वहीं अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले संजय राउत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘जो 40 लोग वहां हैं वे ज़िंदा लाश हैं.’ सूत्रों का कहना है कि उद्धव ठाकरे की पत्नी के सहारे भी विधायकों को साधने की कोशिश की जा रही है.

महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. शिवसेना लगातार इसी जुगत में है कि कैसे जैसे कर के बागी विधायकों को वापस मुंबई लाया जाए. सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कल शाम मुंबई में एक विशाल जनसभा करेंगे. फिलहाल ये साफ़ नहीं है कि वे इसे वर्चुअल संबोधित करेंगे की सभा में खुद पहुंचकर. वहीं महाराष्ट्र में सरकार बचाने को लेकर आज भी NCP प्रमुख शरद पवार ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक की. बैठक के बाद पवार विपक्ष की और राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के नॉमिनेशन में शामिल होने के लिए दिल्ली आ गए. दिल्ली में पवार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘हम आखिरी लाइन तक उद्धव ठाकरे को समर्थन देंगे. शिंदे साहब ने कल एक बयान दिया था, कि हमें नेशनल पार्टी का समर्थन है तो इसका मतलब केवल बीजेपी रहती है. शिंदे के पास नंबर था तो भागे क्यों?’

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पवार ने आगे महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने से जुड़े सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि, ‘ये सच है कि एकनाथ शिंदे ने एक नए गठबंधन की बात कही है लेकिन जहां तक हमारी पार्टी है हमारी नीति साफ है कि हमने सरकार को बनाया है तो उसको ही सपोर्ट करते रहेंगे. राज्य में राष्ट्रपति शासन आया तो जो एमएलए इधर-उधर गए हैं तो फिर कैसे काम चलेगा. मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति शासन लगेगा.’ वहीं शिवसेना के दिग्गज नेता एवं राज्यासभा सांसद संजय राउत ने रविवार को बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘जो 40 लोग वहां हैं वे ज़िंदा लाश हैं, ये मुर्दा हैं. अब उनके शव यहां आएंगे. उनकी आत्मा मरी हुई है. ये 40 लोग जब उतरेंगे तो मन से ज़िंदा नहीं होंगे क्योंकि उन्हें मालूम है कि ये जो आग लगी है उस से क्या हो सकता है अब वे यहां आकर दिखाएं.’

संजय राउत का बागी गुट के खिलाफ ये पहला बड़ा बयान नहीं है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि, ‘हमने संयम बना रखा है नहीं तो हजारों शिवसैनिक हमारे केवल एक इशारे का इंतजार कर रहे हैं. लोग उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर भरोसा रखेंगे.’ वहीं शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि, ‘महाराष्ट्र में जो राजनीतिक परिस्थिति बनी हुई है. वो अब सिर्फ राजनीतिक लड़ाई नहीं है, क़ानूनी लड़ाई भी शुरू हो गई है.’ इसी बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी भी अस्पताल से बाहर आ गए हैं. बता दें कोश्यारी को कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के बाद बुधवार को दक्षिण मुंबई (Mumbai) के एक निजी अस्पताल (Hospital) में भर्ती कराया गया था. अस्पताल से बाहर आने के साथ ही राज्यपाल ने मुंबई पुलिस कमिश्नर और महाराष्ट्र के डीजीपी को लिख कर कहा है कि ‘जितने भी विधायक हैं अन्य राज्य में मौजूद हैं उन्हें सुरक्षा दी जाए.’

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वहीं केंद्र सरकार ने बागी हुए विधायकों और उनके परिवारों को सुरक्षा मुहैया करवाई है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार में गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल का कहना है कि सरकार ने किसी भी विधायक की सुरक्षा वापस नहीं ली है. शनिवार 25 जून को एकनाथ शिंदे गुट ने केंद्रीय गृह सचिव और राज्यपाल को चिट्ठी लिख सुरक्षा मुहैया करवाने की अपील की थी. इसी बीच निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने भी बागी विधायकों के परिवार को सुरक्षा देने कि मांग की थी. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. हालांकि अब हालात को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से बागी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है.

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