Politalks.News/Maharashtra/PoliticalCrisis. महाराष्ट्र में जारी सत्ता का संग्राम कब ख़त्म होगा ये किसी को नहीं पता लेकिन सत्ता का यह मुकाबला अब और भी ज्यादा रोचक हो चला है. सियासी गलियारों से आ रही ख़बरों को मानें तो इस पुरे सियासी घटनाक्रम के पीछे की तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ होती नजर आ रही है. विशिष्ट मीडिया सूत्रों के मुताबिक शिवसेना के बागी नेताओं के लीडर एवं दिग्गज नेता एकनाथ शिंदे की भाजपा नेता एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बीच वड़ोदरा में मुलाकात हुई है. वहीं इन सबके बीच खबरें ये भी आ रही है कि इस मुलाकात के समय केंद्रीय गृहमंत्री एवं बीजेपी के चाणक्य अमित शाह भी वड़ोदरा में मौजूद थे. हालांकि अभी ये सपष्ट नहीं है कि फडणवीस और शिंदे की बैठक में अमित शाह मौजूद थे. वहीं कुछ मीडिया हाउस तीनों नेताओं की मुलाकात की खबरों को गलत बता रहे हैं. लेकिन अगर ये बैठक हुई है तो फिर जल्द ही महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार की जगह भाजपा की सरकार बनने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं.
महाराष्ट्र में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम में लगातार दिलचस्प मोड़ आ रहे हैं. एक तरफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बागियों पर सख्त कार्रवाई का ऐलान कर चुके हैं तो वहीं दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे गुट झुकने को तैयार नहीं है. इसी सियासी घटनाक्रम के बीच शिंदे और फडणवीस के बीच मुलाकात की खबरें भी आ रही हैं. सूत्रों से जानकारी मिली है कि असम के गुवाहाटी में शिवसेना के 38 बागी विधायकों के साथ डेरा जमाए एकनाथ शिंदे ने गुजरात जाकर वडोदरा में भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है. सूत्रों का कहना है कि रात करीब 10.30 देवेंद्र फडणवीस को मुंबई एयरपोर्ट पर देखा गया था. बताया जा रहा है कि प्राइवेट जेट से एकनाथ शिंदे शुक्रवार रात को गुवाहाटी से वडोदरा रवाना हुए थे और मुलाकात के बाद शनिवार सुबह करीब 6.45 बजे वो गुवाहाटी लोट आये. दोनों नेताओं के बीच देर रात दो बजे मुलाकात हुई थी.
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वहीं सूत्रों का तो ये भी कहना है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के चाणक्य अमित शाह भी रात 10 बजे तक उसी गेस्ट हाउस में मौजूद थे जहां फडणवीस और शिंदे के बीच मुलाकात हुई थी. हालांकि अभी तक ये सपष्ट नहीं हो पाया है कि अमित शाह शिंदे और फडणवीस की मुलाकात के समय वहां मौजूद थे. हालांकि कुछ मीडिया हाउस इन खबरों का खंडन जरूर कर रहे हैं लेकिन अगर ये सही है तो फिर महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार पर मंडरा रहे खतरे का जल्द ही पटाक्षेप हो जाएगा. इन खबरों का अगर वास्तविकता से कुछ जुड़ाव है तो फिर बीजेपी के वे दावे पूरी तरह झूठे साबित हो जाएंगे कि महाराष्ट्र में जो भी चल रहा है उसके पीछे बीजेपी का कोई हाथ नहीं है.
फिलहाल फडणवीस और एकनाथ शिंदे की मुलाकात के बाद सीएम उद्धव ठाकरे की कुर्सी जाने की चर्चाएं भी तेज हो गई हैं. दोनों नेताओं की इस कथित मुलाकात को लेकर अलग अलग कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार पहले बैकफुट पर दिखाई दे रहे थी वहीं अब उसने अपने रूख आक्रमक कर लिए हैं. शिवसेना अब बागी विधायकों के खिलाफ एक्शन लेने की तैयारी कर रही है. डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस जारी कर दिया है. सभी बागी विधायकों को 27 जून, शाम 5:30 बजे तक जवाब देने के लिए कहा गया है. जारी नोटिस के मुताबिक, अगर बागी विधायक जवाब नहीं देते हैं तो मान लिया जाएगा कि इनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है. फिर आगे की प्रक्रिया के मुताबिक कार्यवाही होगी.
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वहीं शनिवार को शिवसेना भवन में हुई शिवसेना कार्यकारिणी की बैठक में चार प्रस्ताव पास किए गए हैं. चार प्रस्तावों में कहा गया कि मराठी अस्मिता और हिंदुत्व के मुद्दे पर शिवसेना बनी रहेगी. बैठक में सभी ने उद्धव ठाकरे की नेतृत्व पर भरोसा जताया. साथ ही फैसला किया गया कि बाला साहेब के नाम का दुरुपयोग न हो, इसके लिए शिवसेना चुनाव आयोग का रूख करेगी. वहीं, बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा, शिंदे पहले नाथ थे, अब दास हो गए हैं. अगर शिंदे में हिम्मत है तो वे अपने पिता के नाम पर वोट मांगकर दिखाएं.