Politalks.News/ByElectionResult. 23 जून को देश की 7 विधानसभा और 3 लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं. उत्तरप्रदेश में जहां बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की तर्ज पर बड़ा उलटफेर करते हुए आजमगढ़ और रामपुर दोनों ही सीटों पर हुए लोकसभा उपचुनाव में जीत हासिल कर ली है तो वहीं पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही ‘आप’ का मान थोड़ा कम जरूर हो गया है. पार्टी ने विधानसभा चुनाव में तो प्रचंड जीत हासिल की लेकिन सीएम मान के संगरूर लोकसभा सीट से इस्तीफा देने के बाद पार्टी अपना जादू नहीं चला पाई और यहां से अकाली दल (अमृतसर) ने जीत दर्ज कर ली. वहीं 7 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में से कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत हासिल की है जो कि उसके लिए संजीवनी बूटी से कम नहीं है. वहीं 3 सीटों पर बीजेपी, एक पर आप और एक सीट पर YSRCP ने जीत दर्ज की है.
उत्तरप्रदेश लोकसभा उपचुनाव (आजमगढ़ और रामपुर)
सबसे पहले अगर हम बात करें उत्तरप्रदेश लोकसभा उपचुनाव की तो यहां आजमगढ़ और रामपुर में बीजेपी सपा का किला ढहा दिया है. बीजेपी की लहर में भी जिन सीटों पर समाजवादी पार्टी ने लगातार जीत हासिल की थी, अब वह सीटें भी उसके हाथों से निकल गई हैं. सपा के गढ़ कहे जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ में भाजपा ने बड़ी सेंधमारी करते हुए जीत हासिल कर ली है. रामपुर में जहां बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने सपा उम्मीदवार आसिम राजा को करीब 30 हजार से ज्यादा वोटों से हार का स्वाद चखाया है तो वहीं आजमगढ़ में भी नतीजे बीजेपी के पक्ष में रहे. आजमगढ़ में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव को करीब 7 हजार वोटों से हराया है. सियासी नजरिये से देखा जाए तो ये नतीजे सपा के लिए किसी भी तरह से सही नहीं. दोनों सीटों पर जीत के बाद भाजपा समर्थकों में काफी उत्साह है.
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सियासी जानकारों का मानना है कि आजगमगढ़ और रामपुर में सपा की हार का मुख्य कारण सपा प्रमुख अखिलेश यादव का ओवर कॉन्फिडेंट रहा. आजमगढ़ से तो खुद अखिलेश यादव सांसद रहे हैं लेकिन बावजूद इसके उन्होंने एक दिन भी आजमगढ़ और रामपुर में सपा प्रत्याशियों के समर्थन में कोई सभा नहीं की. वहीं सूत्रों का तो ये भी कहना कि रामपुर सपा की हार के पीछे आजम खान का हाथ है. आजम खान ने अपनी रामपुर लोकसभा सीट पर अपने परिवार के किसी भी सदस्य को लड़ाने से इनकार कर दिया. हालांकि सपा ने आजम के करीबी आसिम रजा को यहां से मैदान में उतारा था. वहीं पॉलिटॉक्स ने ये पहले ही कहा था कि अगर रामपुर से सपा प्रत्याशी की जीत होती है तो आजम खान कुछ और अपनी पार्टी के राजनीति करेंगे लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो फिर वे सपा से अलग होंगे.
सूत्रों का कहना है कि अब आजम खान कभी भी बसपा में शामिल हो सकते हैं. आजम खान ने भले ही अपने प्रत्याशी के समर्थन में मेहनत कम ना कि हो लेकिन कुएं भी उतने ही खोदे. आजम खान द्वारा नवाबों को लेकर दिए गए बयान और कांग्रेस नेता नवाब काजिम अली खान की ओर से भाजपा को समर्थन का ऐलान भी सपा प्रत्याशी के लिए मुसीबत बन गया. रामपुर लोकसभा सीट पर भाजपा की जीत के पीछे बसपा के वोटों का ट्रांसफर होना भी माना जा रहा है. वहीं सूत्रों का कहना है कि कई बसपा नेता आजम खान से मुलाकात कर चुके हैं और मायावती भी चाहती है कि आजम खान बसपा में आ जाएं. क्योंकि ऐसा करने से बसपा तो मजबूत होगी ही साथ ही साथ 2024 लोकसभा चुनाव में बसपा मजबूत पार्टी के रूप में निकल कर सामने आएगी.
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पंजाब लोकसभा उपचुनाव (संगरूर)
पंजाब की तो यहां संगरूर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. हाल ही में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत हासिल कर के आप ने सरकार बनाई और संगरूर से पूर्व सांसद भगवंत मान को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन मान का जादू पंजाब की जनता पर चलता हुआ नहीं दिखाई दिया. संगरूर लोकसभा उपचुनाव में अकाली दल (अमृतसर) के प्रत्याशी सिमरनजीत सिंह मान ने 5,822 वोटों से जीत दर्ज की है. यहां आप पार्टी के प्रत्याशी गुरमेल सिंह दूसरे नंबर पर रहे, जबकि कांग्रेस के दलवीर गोल्डी तीसरे नंबर पर पर रहे. यहां पर अकाली दल और BJP के उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है.’
विधानसभा उपचुनाव (त्रिपुरा-4, दिल्ली, झारखंड, आंध्रप्रदेश-1)
वहीं त्रिपुरा की 4 और दिल्ली, झारखण्ड और आंध्रप्रदेश की एक एक सीट पर विधानसभा चुनाव में से 3 सीटों पर बीजेपी, 2 पर कांग्रेस और एक एक सीट पर आम आदमी पार्टी और YSRCP ने जीत दर्ज की है. सबसे पहले बात करें त्रिपुरा की तो यहां 4 सीटों पर हुए उपचुनाव में बोरदोवाली टाउन, जुबाराजगर और सूरमा से भाजपा प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है तो वहीं अगरतला सीट पर BJP के पूर्व विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. बात करें बोरदोवाली टाउन सीट की तो यहां मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कांग्रेस के आशीष कुमार साहा के खिलाफ जीत हासिल की है. माणिक ने 6,104 वोटों से जीत दर्ज की है. जुबाराजगर सीट पर भाजपा के मलिना देबनाथ और सूरमा सीट से भाजपा के स्वप्न दास ने जीत हासिल की है.
वहीं बात करें कि दिल्ली के राजेंद्र नगर विधानसभा सीट की तो यहां आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी दुर्गेश पाठक ने जीत दर्ज कर ली है. AAP के राघव चड्ढा के राज्यसभा सांसद चुने जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव हुआ था. भाजपा प्रत्याशी राजेश भाटिया दूसरे नंबर पर रहे और कांग्रेस की प्रेम लता तीसरे नंबर पर रहे. वहीं झारखंड की मांडर सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी प्रत्याशी को मात दे दी है. कांग्रेस प्रत्याशी शिल्पी नेहा टिर्की ने बीजेपी की गंगोत्री कुजूर को करीब 17000 वोटों से शिकस्त दी है. वहीं आंध्र प्रदेश के आत्मकुर में कांग्रेस के विधायक मेकापति गौतम रेड्डी की मृत्यु के बाद खाली हुई सीट पर YSR कांग्रेस ने उनके भाई विक्रम रेड्डी को मैदान में उतारा है. इस सीट पर YSR कांग्रेस ने 82,888 वोटों से जीत हासिल की है. वहीं, भाजपा के जी भरत कुमार यादव दूसरे नंबर पर रहे.