आपातकाल को लेकर पीएम मोदी की ‘मन की बात’- ‘लोकतंत्र को हुआ था कुचलने का प्रयास’

मन की बात कार्यक्रम के जरिए पीएम मोदी ने देश वासियों को किया संबोधित- 'इमरजेंसी के भयानक दौर को देश के युवाओं को नहीं भूलना चाहिए, भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से ही इमरजेंसी को हटाकर वापस की थी लोकतंत्र की स्थापना,' इस दौरान पीएम मोदी ने खेलो इंडिया यूथ गेम्स उत्सव और प्रतियोगिता के दौरान एथलीटों द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड के बारे में की चर्चा तो की गुजरात साधने की कोशिश

Mann Ki Baat, 26-6-2022
Mann Ki Baat, 26-6-2022

Politalks.News/NarendraModi/MannKiBaat. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 90 वें संस्करण में देश के लोगों से कई मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान पीएम मोदी ने जहां 1975 में भारत में लगे आपातकाल को याद करते हुए इशारों इशारों में कांग्रेस को आड़े हाथ लिया तो वहीं स्पेस स्टार्टअप्स के साथ साथ खेल जगत से जुड़ी कई बातों का भी अपने कार्यक्रम में जिक्र किया. पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि, ‘इस कार्यक्रम में हम सभी की कोशिश रहती है कि एक दूसरे के प्रेरणादायी प्रयासों की चर्चा करें, जन-आंदोलन से परिवर्तन की गाथा, पूरे देश को बताएँ.’

इस दौरान आपातकाल का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मैं आज आपसे, देश के एक ऐसे जन-आंदोलन की चर्चा करना चाहता हूँ जिसका देश के हर नागरिक के जीवन में बहुत महत्व है. लेकिन, उससे पहले मैं आज की पीढ़ी के नौजवानों से, 24-25 साल के युवाओं से, एक सवाल पूछना चाहता हूँ और सवाल बहुत गंभीर है, और मेरे सवाल पर जरुर सोचिये.  क्या आपको पता है कि आपके माता-पिता जब आपकी उम्र के थे तो एक बार उनसे जीवन का भी अधिकार छीन लिया गया था! आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? ये तो असंभव है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इशारों इशारों में अपने मन की बात कार्यक्रम के सहारे कांग्रेस का बिना नाम लिए निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मेरे नौजवान साथियो, हमारे देश में एक बार ऐसा हुआ था. ये बरसों पहले उन्नीस सौ पिचहत्तर की बात है. जून का वही समय था जब भारत में इमरजेंसी लगाई गई थी, आपातकाल लागू किया गया था. उसमें, देश के नागरिकों से सारे अधिकार छीन लिए गए थे. उसमें से एक अधिकार, संविधान के Article 21 के तहत सभी भारतीयों को मिला ‘स्वतंत्रता का अधिकार’ भी था. उस समय भारत के लोकतंत्र को कुचल देने का प्रयास किया गया था और देश की अदालतें, हर संवैधानिक संस्था, प्रेस, सब पर नियंत्रण लगा दिया गया था. सेंसरशिप की ये हालत थी कि बिना स्वीकृति कुछ भी छापा नहीं जा सकता था.’ इस दौरान पीएम मोदी फिल्म जगत के मशहूर गया किशोर कुमार का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘मुझे याद है, उस समय मशहूर गायक किशोर कुमार जी ने सरकार की वाह-वाही करने से इनकार किया तो उन पर बैन लगा दिया गया और उनके गानों पर उस समय बैन लगा दिया गया.’

पीएम मोदी ने कहा कि, ‘उस समय बहुत कोशिशों, हजारों गिरफ्तारियों और लाखों लोगों पर अत्याचार के बाद भी, भारत के लोगों का, लोकतंत्र से विश्वास डिगा नहीं, रत्ती भर नहीं डिगा. भारत के लोगों में, सदियों से, जो लोकतंत्र के संस्कार चले आ रहे हैं, जो लोकतांत्रिक भावना हमारी रग-रग में है आखिरकार जीत उसी की हुई. भारत के लोगों ने लोकतांत्रिक तरीके से ही इमरजेंसी को हटाकर, वापस, लोकतंत्र की स्थापना की. तानाशाही की मानसिकता को, तानाशाही वृति-प्रवृत्ति को लोकतांत्रिक तरीके से पराजित करने का ऐसा उदाहरण पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है. उस समय लोकतंत्र के एक सैनिक के रूप में देशवासियों के संघर्ष का, गवाह रहने का, साझेदार रहने का, सौभाग्य, मुझे भी मिला था. आज, जब देश अपनी आज़ादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहा है, अमृत महोत्सव मना रहा है, तो आपातकाल के उस भयावह दौर को भी हमें कभी भी भूलना नहीं चाहिए.’

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भारतीय स्पेस सेक्टर का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘आज हमारा भारत जब इतने सारे क्षेत्रों में सफलता का आकाश छू रहा है, तो आकाश, या अन्तरिक्ष, इससे अछूता कैसे रह सकता है. बीते कुछ समय में हमारे देश में स्पेस सेक्टर से जुड़े कई बड़े काम हुए हैं. देश की इन्हीं उपलब्धियों में से एक है In-Space नाम की एजेंसी का निर्माण. आज से कुछ साल पहले तक हमारे देश में, स्पेस सेक्टर में, Start-Ups के बारे में, कोई सोचता तक नहीं था लेकिन आज इनकी संख्या 100 से भी ज्यादा है. चेन्नई और हैदराबाद के दो Start-Ups हैं- अग्निकुल और स्काईरूट. ये Start-Ups ऐसे Launch Vehicle विकसित कर रही हैं जो अन्तरिक्ष में छोटे payloads लेकर जायेंगे. इससे Space Launching की कीमत बहुत कम होने का अनुमान है.’

खेल जगत का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘बीते दिनों, हमारे ओलंपिक गोल्ड मेडल विजेता नीरज चोपड़ा फिर से सुर्ख़ियों में छाए रहे. फ़िनलैंड में नीरज ने पावो नुर्मि गेम्स में सिल्वर जीता और यही नहीं, उन्होंने अपने ही जेवलिन थ्रो के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. हाल ही में आयोजित हुए खेलो इंडिया युथ गेम्स में भी हमारे खिलाड़ियों ने कई रिकॉर्ड बनाए. खेलो इंडिया यूथ गेम्स में इस बार भी कई ऐसी प्रतिभाएं उभरकर सामने आई हैं, जो बहुत साधारण परिवारों से हैं. इन खिलाड़ियों ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया.’ वहीं महिला क्रिकेट का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ‘मैं आज, भारत की सर्वाधिक प्रतिभाशाली क्रिकेटरों में से एक मिताली राज की भी चर्चा करना चाहूंगा.  उन्होंने, इसी महीने क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है, जिसने कई खेल प्रेमियों को भावुक कर दिया है. मैं, मिताली को उनके भविष्य के लिए ढ़ेर सारी शुभकामनाएं देता हूं. ‘

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, ‘हमारे उपनिषदों का एक जीवन मंत्र है- ‘चरैवेति, चरैवेति, चरैवेति…, इसका अर्थ है- चलते रहो, चलते रहो… एक समाज के रूप में, हम हमेशा, नए विचारों, नए बदलावों को स्वीकार करके आगे बढ़ते आए हैं. इसके पीछे हमारे सांस्कृतिक गतिशीलता और यात्राओं का बहुत बड़ा योगदान है. 1 जुलाई से भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध यात्रा शुरू होने जा रही है. ओड़िसा में, पुरी की यात्रा से तो हर देशवासी परिचित है, लोगों का प्रयास रहता है कि इस अवसर पर पुरी जाने का सौभाग्य मिले. दूसरे राज्यों में भी जगन्नाथ यात्रा खूब धूमधाम से निकाली जाती हैं. “हमारे ग्रंथों में ‘आषाढस्य द्वितीयदिवसे… रथयात्रा’, इस तरह संस्कृत श्लोकों में वर्णन मिलता है. गुजरात के अहमदाबाद में भी हर वर्ष आषाढ़ द्वितीया से रथयात्रा चलती है. मैं गुजरात में था, तो मुझे भी हर वर्ष इस यात्रा में सेवा का सौभाग्य मिलता था. मेरे लिए इसलिए भी ये दिन बहुत खास है- मुझे याद है, आषाढ़ द्वितीया से एक दिन पहले, यानी, आषाढ़ की पहली तिथि को हमने गुजरात में एक संस्कृत उत्सव की शुरुआत की थी, जिसमें संस्कृत भाषा में गीत-संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं.

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