Politalks.News/राजस्थान. प्रदेश में यूथ कांग्रेस के फरवरी माह में हुए चुनाव शुरूआत से ही विवादों के घेरे में हैं. चुनाव से पहले चुनाव करवाने के ऑनलाइन तरीके, फिर मतदान के समय वोटिंग ऐप में गडबडी और उसके बाद घोषित नतीजों को बदलने से यूथ कांग्रेस का संगठनात्मक चुनाव लगातार सवालों के घेरे में है. यूथ कांग्रेस के इस चुनाव में पहले घोषित हुए प्रदेशाध्यक्ष सुमित भगासरा को 7 अप्रेल को अध्यक्ष पद से वोटिंग में गडबडी का हवाला देते हुए हटा दिया गया और लाडनूं विधायक मुकेश भाकर को अध्यक्ष पद पर निर्वाचित करने की घोषणा की गई. इसको लेकर सुमित भगासरा ने आज पत्रकारों से मुखातिब होते हुए यूथ कांग्रेस की राष्ट्रीय कार्यकारिणी पर जमकर आरोप लगाए.
सुमित भगासरा ने गुरूवार को पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि 7 साल के लंबे अंतराल के बाद प्रदेश में 22 और 23 फरवरी को यूथ कांग्रेस के चुनाव संपन्न हुए. जिसमें प्रदेश के एक लाख 113877 मतदाताओं ने वोटिंग की. चुनाव की पूरी प्रक्रिया के दौरान अनेकों बार चुनाव की तिथि बदली गई, चुनाव से ऐन वक्त पहले वोटिंग का तरीका बदला गया जिसका अधिकांश प्रत्याशियों ने विरोध भी किया. सभी प्रत्याशियों को उम्मीद थी कि मतदान ऑनलाइन प्रक्रिया के होने के चलते नतीजे तुरंत आएंगें. इसके बाद सभी वोटों को चेक कर 10 दिनों के पश्चात 3 मार्च को नतीजे ऑनलाइन जारी हुए. जारी चुनाव परिणामों में मुझे सर्वाधिक 46304 वोटों के साथ विजेता घोषित कर दिया गया. जिसकी सूचना यूथ कांग्रेस की वेबसाइट पर दी गई. इसके साथ ही यूथ कांग्रेस के अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉम्स पर मुझे अध्यक्ष निर्वाचित होने की बधाई भी दी गई.
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भगासरा ने यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे विजेता घोषित होने के 1 महीने से अधिक समय के बाद जब पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा था. उस दौरान 7 अप्रैल को चुनाव परिणाम बदल दिए गए और प्रदेश अध्यक्ष पद पर मुकेश भाकर को विजेता घोषित कर दिया गया. इस पर इलेक्शन कमेटी ने कहा कि वोटों की दोबारा जांच करने पर गड़बड़ पाई गई, जिसकी पूर्ण निष्पक्ष जांच के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ दिल्ली में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है. लेकिन आज तक दिल्ली में इस चुनाव के संदर्भ में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. आखिरकार इतना समय बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज क्यों नहीं करवाई गई है. जबकि पूरा चुनाव परिणाम है उस एफआईआर के आधार पर बदला गया था. उस दौरान यह सूचित भी किया गया था कि संगठन के आगे के निर्णय पुलिस जांच पूरी होने के बाद किए जाएंगे ओर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी.
भगासरा ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया को लेकर शुरू से अंत तक अधिकांश प्रत्याशियों ने राष्ट्रीय नेतृत्व के सामने कई बार सवाल भी उठाए थे. चुनाव से पहले वोटर लिस्ट आउट हुई, चुनाव के दिन सर्वर क्रैश हुआ, मतदान के दौरान कुछ जिलों में वोटिंग का प्रतिशत आश्चर्यजनक रूप से बढा, चुनाव के समय कोड ऑफ कंडक्ट व इलेक्शन के नियमों की भी जमकर अवहेलना हुई, इन सभी मामलों की शिकायत राष्ट्रीय कार्यकारिणी को लिखित में दी गई. जिसका आज तक कोई जवाब नहीं मिला है. बड़ा सवाल यह है कि जब पहली बार में ही रिजल्ट चेक परिणाम घोषित किए गए तो परिणामों में गड़बड़ी की बात कहां से आ गई और अगर गड़बड़ी हुई भी तो नए चुनाव परिणाम की प्रमाणिकता क्या है. इन चुनाव परिणामों को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व की तरफ से हमें कोई जवाब देने के लिए तैयार नहीं है.
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भवासरा ने आगे कहा कि इस चुनाव के सभी बिंदुओं को लेकर मैं आगामी दिनों में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा सोनिया गांधी जी व राहुल गांधी जी के समक्ष अपनी बात रखूंगा ताकि शुरू से ही विवादित इस चुनाव का और अधिक मजाक ना बने. पार्टी आलाकमान से मैं मांग रखूंगा कि इस चुनाव को लेकर जल्द ही यूथ कांग्रेस की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जाए ताकि सच्चाई सामने आ जाए. क्या पुराना रिजल्ट सही था और अगर डाटा में गड़बड़ हुई है तो इसके पीछे जिम्मेदार कोई व्यक्ति विशेष है या तकनीकी खामियां. यूथ कांग्रेस चुनाव की राजस्थान में भी सरकारी एजेंसी से जांच करवाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पीसीसी चीफ उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी निर्देशित करें ताकि जल्द से जल्द निष्पक्ष जांच हो सके.