Politalks.News/Rajasthan. सात सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्व सेवा परिषद के बैनर तले तहसीलदार सेवा परिषद कानूनगो संघ और पटवार संघ की ओर से सम्पूर्ण बहिष्कार करते हुए राजस्व मंडल के बाहर अनशन और धरना रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा. आपको बता दें, पटवार संघ प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र निम्मीवाल के आमरण अनशन का दूसरा दिन है. राजस्व कार्मिकों के इस कार्य बहिष्कार के चलते सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रशासन गांवों के संग और शहरों के संग अभियान में दूसरे दिन भी काम नहीं हुए और साथ ही आमजन के सामान्य काम भी ठप हो जाने से आमजन और किसान वर्ग भी परेशान रहा. इसी बीच प्रशासन गांवों/शहरों के संग अभियान का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व कार्मिकों (पटवारी, गिरदावर और तहसील सेवा के अधिकारियों) से अपील की है और कहा कि संवेदनशीलता दिखाते हुए काम पर लौटें.
प्रदेश के पटवारी, गिरदावर और तहसील सेवा के अधिकारियों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह भी कहा कि कार्य बहिष्कार को समाप्त कर काम पर लौटें. सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्व संबंधी कार्यों में पटवारी, गिरदावर एवं तहसील सेवा के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है, ऐसे में अभियान के दौरान काम नहीं होने ग्रामवासियों में आक्रोश पैदा हो सकता है. इसे ध्यान में रखते हुए संवेदनशील होकर सभी राजस्व कार्मिकों को राज्य सरकार के इस महत्वपूर्ण अभियान में अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करना चाहिए.
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सीएम अशोक गहलोत ने आगे कहा कि गांधी जयंती 2 अक्टूबर, 2021 से राज्य के 29 जिलों में प्रारम्भ हुए प्रशासन गांवों के संग अभियान में ग्रामीणजन काफी उत्साह से विभिन्न विभागों से संबंधी अपने कार्यों के लिए आ रहे हैं. ऐसे में हम सबका उत्तरदायित्व है कि इस मौके पर पूरे मनोयोग से जनता के कार्य करें. राजस्व विभाग से संबंधी बहुत से कार्य इन शिविरों में होने हैं, किन्तु अपनी मांगों को लेकर राजस्व विभाग के पटवारी, गिरदावर और तहसील सेवा के अधिकारी शिविर में उपस्थित नहीं हो रहे हैं. इसके चलते राजस्व विभाग से संबंधित प्रकरणों का निस्तारण बाधित हो रहा है, जबकि अन्य विभागों द्वारा कार्यों का अच्छी तरह निष्पादन किया जा रहा है. सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दो माह पूर्व ही राजस्व कार्मिकों से हुए समझौते के तहत अधिकांश मांगें पूर्ण हुई हैं, शेष मांगों पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार कर सकारात्मक निर्णय लिया जाना प्रक्रियाधीन है.
मांगे नहीं माने जाने तक चलेगा धरना
वहीं दूसरी ओर राजस्व सेवा परिषद ने चेतावनी दी है कि ये धरना प्रदर्शन और अनशन का कार्यक्रम तब तक चलता रहेगा जब तक सरकार परिषद की सात सूत्री मांगे नहीं मान लेती. सरकार द्वारा शुरू किए गए प्रशासन गांवों के संग और शहरों के संग अभियान में दूसरे दिन भी काम नहीं हुए और साथ ही आमजन के सामान्य काम भी ठप हो जाने से आमजन और किसान वर्ग परेशान रहा. इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. परिषद के अनुसार राज्य में कई जगह पर आमजन ने राजस्व कर्मिको के हड़ताल पर जाने पर जाने पर शिविरों में जमकर हंगामा किया.