लगता है लोकसभा चुनाव में करारी हार का काला साया कांग्रेस का जल्द पीछा नहीं छोड़ेगा. कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार पर सत्ता जाने का खतरा थमा भी नहीं था कि गोवा में पता नहीं कहां से ‘साइलेंट ऑपरेशन लोटस’ की आंधी आई और कांग्रेस के विधायकों को बहा ले गयी. यह इतना जल्दी और गुपचुप में हुआ कि किसी को कानोकान खबर तक नहीं हुई. दरअसल गोवा में कांग्रेस के 10 विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. चौकाने वाली बात यह है बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों की लिस्ट में गोवा कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष चंद्रकांत कावलेकर का नाम भी शामिल हैं.

‘हाथ’ का साथ छोड़ ‘कमल’ की शरण में जाने वाले सभी बागी विधायकों ने आज सीएम प्रमोद सावंत के साथ दिल्ली में बीजेपी के चाणक्य अमित शाह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. हालांकि इस बारे में किसी ने भी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है. गोवा सीएम ने इतनाभर जरूर कहा है कि बीजेपी ने किसी कांग्रेस MLA को तोड़ने की कोशिश नहीं की और वे खुद आकर पार्टी में शामिल हुए हैं.

इससे पहले बीजेपी में शामिल होने से पहले कांग्रेस के उक्त सभी 10 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर को अलग ग्रुप बनाने की चिट्ठी दी थी. इसके बाद सभी विधायक बीजेपी में शामिल हो गए. चूंकि पार्टी छोड़ने वाले विधायकों की संख्या 2 तिहाई से ज्यादा है. इस वजह से इन विधायकों पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा.

गोवा में आए ‘साइलेंट ऑपरेशन लोटस’ की सफलता के पीछे सीएम प्रमोद सावंत की अहम भूमिका रही है जिन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद मार्च, 2019 में प्रदेश की सत्ता का भार सौंपा गया है. उनके सारथी का किरदार निभाया अतानासियो मोनसेराते ने, जो कांग्रेस के टिकट पर हाल ही में पणजी सीट से उपचुनाव जीत विधानसभा में पहुंचे हैं. मोनसेराते ने चंद्रकांत कावलेकर के साथ मिलकर बीजेपी के लिए ‘साइलेंट ऑपरेशन लोटस’ को अमली जामा पहना दिया. इसके बाद सत्ताधारी पार्टी ने बहुमत से कहीं ज्यादा विधायकों की संख्या जुटा ली. हालांकि सभी बागी विधायकों का नेतृत्व करते हुए कावलेकर ने सीएम प्रमोद सावंत और गोवा सरकार के अच्छे कार्यों का हवाला देते हुए बीजेपी में शामिल होने की बात कही है.

10 विधायक जाने के बाद अब कांग्रेस के पास गोवा विधानसभा में केवल 5 विधायक बचे हैं. ताज्जुब की बात यह है कि 2017 में हुए गोवा विधानसभा चुनावों में कांग्रेस 15 सीट जीत प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. कुल 40 सीटों में से 13 सीटों पर बीजेपी के विधायक जीतकर आए. कम सीटें होने के बाद भी बीजेपी ने अन्य विधायकों के साथ मिलकर गठबंधन में सरकार बनाई. बाद में 5 सीटों पर हुए उपचुनावों में से बीजेपी ने 4 सीटों पर कब्जा जमा लिया. अब 10 कांग्रेस बागियों के आने के बाद बीजेपी के पास 27 विधायक हो गए हैं. गोवा फॉरवर्ड पार्टी के तीन और 3 निर्दलीय विधायक पहले से ही बीजेपी को समर्थन दे रहे हैं.

खैर जो भी हो लेकिन बीजेपी ने गोवा में ‘साइलेंट ऑपरेशन लोटस’ चलाकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं. पहला तो ये कि उन्होंने गठबंधन सरकार से आगे बढ़ते हुए जादूई बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया. यह संख्या बहुमत से कहीं ज्यादा है. दूसरा, विपक्ष में बैठी कांग्रेस को इतना कमजोर कर दिया है कि अब वह किसी भी मुद्दे पर आवाज तक नहीं उठा पाएगी.

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