दिल्ली में मुफ्त की रेवड़ियों पर लड़ा जा रहा चुनाव.. ‘हाथ’ या खिलेगा ‘कमल’ या फिरेगी ‘झाडू’?

किसकी रेवड़ी ज्यादा मीठी होगी, ये तो चुनाव के बाद पता चल ही जाएगा लेकिन जनता मुफ्त की रेवड़ी के पीछे न भाग अगर अपने विवेक और धैर्य से सरकार चुनने का फैसला ले तो बेहतर रहेगा..

delhi assembly elections 2025 (2)
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दिल्ली में अब विधानसभा चुनाव का प्रचार गति पकड़ चुका है. फिलहाल बड़ी रैलियां शेष हैं लेकिन चुनावी घोषणाओं ने हर एक मतदाता को पशोपेश में डाल दिया है. एक से बढ़कर एक मुफ्त रेवड़ियों की बरसात चारों तरफ से हो रही है. केजरीवाल एंड कंपनी की मुफ्त योजनाओं पर बहस करने वाले खुद भी अब फ्री की चीजों का बेखोफ होकर ऐलान करने में पीछे नहीं रह रहे. कहीं मुफ्त में बिजली-पानी का वायदा किया जा रहा है, तो कहीं महिला सम्मान के नाम पर खातों में ढाई हजार रुपए डालकर महिला वोटर्स को लुभाने का प्रयास हो रहा है. मुफ्त सिलेंडर का वादा भी जोर पकड़ता दिख रहा है. हालांकि ऐसा भी प्रतीत हो रहा है कि बीजेपी हो या कांग्रेस या फिर जीत की हैट्रिक जमाने की कोशिश कर रही आम आदमी पार्टी, तीनों का फोकस महिला मतदाता ही हैं.

बात करें दिल्ली में ​बीते एक दशक से राज करने वाली आम आदमी पार्टी की. केजरीवाल ने महिला सम्मान योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली एक हजार रुपए की राशि को बढ़ाकर 2100 रुपए करने का ऐलान किया है. इसका मतलब ये है कि दिल्ली की हर पात्र महिला के खाते में हर महिने 2100 रुपए की सम्मान राशि जमा होगी. बजट 2024-25 की तुलना में यह राशि दोगुनी से भी अधिक है. इसके साथ ही दिल्ली में सरकार बनने के बाद ऐसी योजना लाने का वायदा किया गया है जिससे किरायेदारों को भी मुफ्त बिजली और मुफ्त पानी का लाभ मिल सके. आम आदमी पार्टी की सरकार की तरफ से पुजारियों, ग्रंथियों एवं मस्जिद के मौलानाओं को हर महीने 1800 रुपए देने का भी ऐलान किया है. मुफ्त बस सेवा और मेट्रो में आधा किराया वाली रेवड़ियों से स्टूडेंट्स को लुभाने का प्रयास भी किया जा रहा है.

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वहीं बीजेपी ने महिलाओं के लिए 2500 रुपए हर महीने देने का वादा किया है. साथ ही गर्भवती महिलाओं को 21 हजार रुपए और 6 पौष्टिक आहार किट देने का भी वादा किया है. गरीब परिवारों को बहनों को सिलेंडर पर 500 रुपए की सब्सिडी और होली-दीवाली पर एक-एक सिलेंडर फ्री देने का ऐलान भी किया गया है.

इधर, दिल्ली में जमीन ढूंढ रही कांग्रेस ने भी हर महिला को 2500 रुपये देने का वादा चुनावी घोषणा पत्र में किया है. अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो 500 रुपए रसोई गैस सिलेंडर देने का ऐलान भी किया गया है. अन्य स्थानीय पार्टियां, जो मैदान में हैं, वे भी महिलाओं को सेंटर पॉइंट बनाकर कुछ इसी तरह की मिली जुली रेवड़ियां बांटती दिख रही है.

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अजीब कश्मकश की स्थिति है कि आखिर किसी रेवड़ी ज्यादा मीठी है. आखिर विश्वास करें तो किस पर करें. आप पर जो पिछली 10 सालों में ज्यादा कुछ नहीं तो कम से कम बिजली-पानी तो मुफ्त दे ही रही है या फिर बीजेपी पर जो केंद्र के साथ दिल्ली में भी कमल खिलाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है या फिर कांग्रेस पर जो शीला दीक्षित के बाद ‘दिल्ली दूर नहीं’ की राह तलाश रही है. खैर जो भी हो, जनता की तो पांचों अंगुलियां घी में है. किसकी रेवड़ी ज्यादा मीठी होगी, ये तो चुनाव के बाद पता चल ही जाएगा लेकिन जनता मुफ्त की रेवड़ी के पीछे न भाग अगर अपने विवेक और धैर्य से सरकार चुनने का फैसला ले तो बेहतर रहेगा.

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