Politalks.News/Bharat. राजनीति में बड़े बड़े दिग्गजों के गुरु माने जाने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने अब एक बड़ा दांव चला है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार मंगलवार को गैर-कांग्रेसी विपक्षी दलों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक करेंगे. सूत्रों की मानें तो शरद पवार ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ ‘एकजुट’ होने के संभावना तलाशने के लिए विपक्षी पाटियों की यह बैठक बुलाई है. बैठक में कांग्रेस को आमंत्रित नहीं किया गया है. दरअसल, मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 2018 में यशवंत सिन्हा ने ‘राष्ट्रमंच‘ का गठन किया था. यशवंत सिन्हा अब टीएमसी के उपाध्यक्ष हैं. दिल्ली में कल शाम 4 बजे शरद पवार के आवास पर होने वाली बैठक में यशवंत सिन्हा के अलावा कुछ और नेता भी शामिल होंगे. बैठक में राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव को भी न्योता दिया गया है. बता दें, चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सोमवार को शरद पवार के साथ मुलाकात के बाद इस बैठक का ब्यौरा आया है.
आपको वता दें, राष्ट्रमंच की स्थापना करने वाले यशवंत सिन्हा अब टीएमसी के उपाध्यक्ष हैं और बंगाल में टीएमसी की जीत हुई जिसमें प्रशांत किशोर की भूमिका भी अहम रही है. हालांकि, राष्ट्रमंच कोई राजनीतिक मंच नहीं है, लेकिन भविष्य में इसके माध्यम से किसी तीसरे विकल्प की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता, क्योंकि राष्ट्र मंच में सरकार के खिलाफ राजनीतिक समेत अन्य मसलों पर चर्चा होती है. शरद पवार पहली बार राष्ट्र मंच की बैठक में शिरकत करेंगे, ऐसे में राष्ट्र मंच के फैसले और गतिविधियां महत्वपूर्ण हो जाती हैं.
वहीं पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभा चुके प्रशांत किशोर की पिछले दिनों ही मुंबई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात हुई थी. प्रशांत किशोर (पीके) की पवार के साथ हुई बैठक के बाद अनुमान लगने लगा था कि शायद पार्टी उन्हें कोई अहम जिम्मेदारी दे सकती है. हालांकि, एनसीपी ने इसे खारिज कर दिया था. एनसीपी नेता नवाब मलिक ने साफ कर दिया था कि प्रशांत को एनसीपी में कोई भी जिम्मेदारी नहीं दी गई है. साथ ही, मलिक ने यह भी कहा है कि बीजेपी के खिलाफ देश की विभिन्न विपक्षी पार्टियां एकजुट होने जा रही हैं, एनसीपी बीजेपी के खिलाफ एक मजबूत मोर्चा बनाने की कोशिश कर रही है और निकट भविष्य में ऐसा किया जाएगा.
नवाब मलिक के इस बयान से साफ हो गया था कि शरद पवार अब राष्ट्रीय राजनीति में विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. इसमें उनकी मदद कर रहे हैं प्रशांत किशोर. प्रशांत किशोर एक हफ्ते के अंदर दो बार शरद पवार से मिल चुके हैं. दोनों की रणनीति 2024 में मोदी के विजय रथ को रोकने की होगी.
उधर, राष्ट्रमंच पर ममता बनर्जी की मुहर पहले से है. मंच की पूर्व की बैठकों में टीएमसी से दिनेश त्रिवेदी हिस्सा लेते रहे हैं, लेकिन अब वे टीएमसी का दामन छोड़ चुके हैं और यशवंत सिन्हा अब टीएमसी में हैं. ऐसे में टीएमसी के प्रतिनिधि के तौर पर और राष्ट्रमंच के संस्थापक के तौर पर वो बैठक में मौजूद रहेंगे.
साल 2018 में यशवंत सिन्हा ने देश की आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर चर्चा के लिये राष्ट्र मंच शुरू किया था. इसमें विपक्षी दलों के विभिन्न नेताओं के अलावा गैर राजनीतिक लोग भी हिस्सा लेते रहे हैं. राष्ट्रमंच का मकसद केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाना है.