पॉलिटॉक्स न्यूज़. राजस्थान में युवा कांग्रेस के पांच पदों पर हो रहे सीधे चुनाव के लिए शनिवार को प्रदेश के 106 विधानसभा क्षेत्रों पर मतदान किया गया. सेल्फ वोटिंग एप के जरिए हो रहे इस मतदान को लेकर जो अंदाज लगाया जा रहा था ठीक वैसे ही मतदान के पहले दिन हुआ. सेक्फ वोटिंग एप के क्रेश होने के चलते 106 विधानसभा के लिए पहले 4 बजे तक होने वाले मतदान को 7 बजे तक और फिर रविवार को होने वाले 94 विधानसभाओं के साथ इनके लिए भी मतदान की छूट दी गई है.
पॉलिटॉक्स ने मतदान से ठीक एक दिन पहले यानि 21 फरवरी को ही बताया था कि किस तरह से वोटिंग एप के जरिए हो रहा यह मतदान प्रभावित हो सकता है और किस तरह की खामियां इस एप में आ सकती हैं.
इन चुनावों को लेकर शुक्रवार को प्रदेश चुनाव अधिकारी जगदीप संधू ने प्रदेश युवा कांग्रेस कार्यालय पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए एप के जरिए होने वाले मतदान की विस्तृत जानकारी दी थी. संधू ने इस दौरान एप के जरिए हो रहे मतदान प्रक्रिया कि सराहना भी की थी. लेकिन जब शनिवार को प्रदेश के 106 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग का समय आया तो संधू के द्वारा किये गये सारे दावे फेल हो गए. ऐप के क्रेश हो जाने बाद पहले 4 बजे तक होने वाले मतदान का समय 7 बजे तक बढाया गया. इसके बाद भी एप में मतदान करने में आ रही परेशानी के कारण समय सीमा को बढा दिया गया अब इन 106 विधानसभा क्षेत्र पर मतदान कल भी होगा.
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युवा कांग्रेस में रजिस्टर्ड प्रदेश के चार लाख दस हजार सदस्यों द्वारा दो चरणों में शनिवार और रविवार को मतदान करना सुनिश्चित था. शनिवार को प्रदेश के 106 विधानसभा क्षेत्र के सदस्यों ने मतदान किया. पॉलिटॉक्स को मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को कुल 18 से 20 हजार मतदाता ही मतदान कर सके हैं. इसके बाद दोपहर तीन बजे बाद से एप ने काम करना बंद कर दिया अब इन 106 विधानसभा क्षेत्र सहित बची हुई 94 विधानसभा क्षेत्र के सदस्य भी कल मतदान करेंगे. ऐसे में जब एक साथ 200 विधानसभा क्षेत्रों के सदस्य एक साथ मतदान करेंगे तो क्या यह ऐप काम कर पायेगी? क्योंकि शनिवार को पहले दिन 106 विधानसभा क्षेत्रों के सदस्य ही मतदान नहीं करपाये. ऐसे में इस मतदान प्रक्रिया पर एक बार फिर से सवाल उठ रहे हैं.
युवा कांग्रेस के अब तक के सभी मतदान बैलेट पेपर से होते आए हैं. इस चुनाव में पहली बार मतदान मोबाइल ऐप के जरिए हुआ है. वोटिंग ऐप का प्रदेश अध्यक्ष पर चुनाव लड रहे सभी उम्मीदवारों ने पिछले दिनों प्रभारी पलक वर्मा के समक्ष विरोध भी किया था. मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अशोक चांदना ने भी राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखकर वोटिंग बैलेट पेपर से करवाने की मांग की थी. चांदना ने इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क से संबंधित इश्यू ओर मतदान की गोपनीयता भंग होने की संभावना भी जताई थी.
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ऐप के जरिए हो रही इस वोटिंग का शुक्रवार को भी प्रदेश कार्यकारिणी का चुनाव लड रहे सभी उम्मीदवारों ने प्रदेश चुनाव अधिकारी जगदीप संधू के समक्ष विरोध जताया था. करीब तीन घंटे चली इस बैठक में उम्मीदवारों ने डेटा लीक होने, हेकर द्वारा चुनाव को प्रभावित करने व चुनाव की गोपनीयता को लेकर सवाल उठाये थे. इस बैठक में प्रभारी संधू ने सभी उम्मीदवारों को आशवस्त किया था कि मतदान प्रक्रिया पूर्ण तरीके से ठीक है. आप सभी चुनाव को सही ढंग से करवाने पर सहयोग करें.