Politalks.News/GujratRiots/NarendraModi. 2002 में हुए गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री की विधवा ज़किया जाफ़री की याचिका को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ख़ारिज कर दिया है. शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली क्लीन चिट को बरकरार रखा है. याचिकाकर्ता जाफरी के पति एहसान जाफ़री की इन्हीं दंगों में मौत हो गई थी. जाफरी की तरफ से कपिल सिब्बल ने उनका पक्ष रखा लेकिन सिब्बल एसआईटी रिपोर्ट में कोई खामी नहीं ढूंढ पाए. यह क्लोजर रिपोर्ट फरवरी, 2012 में एसआईटी ने मोदी और 63 अन्य को क्लीन चिट देते हुए दाखिल की थी. वहीं भाजपा के नेता सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने इस मामले को लेकर पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जो ईकोसिस्टम चल रहा था, उसे झटका लगा है.’
गुजरात दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट देने वाली SIT रिपोर्ट के खिलाफ याचिका को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान याचिका करता ज़किया जाफ़री की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील पेश करते हुए कहा कि, ‘गुजरात दंगे की जांच के लिए बनी SIT के चीफ आरके राघवन को बाद में उच्चायुक्त बनाया गया. अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर पीसी पांडेय को बाद में गुजरात का डीजीपी बनाया गया और छानबीन में एसआईटी ने कई खामियां कीं और अहम साक्ष्य को नजरअंदाज किया…. कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में कई दलीलें रखी लेकिन वे काम नहीं आई. सुप्रीम कोर्ट ने जाफरी की याचिका को ये कहकर ख़ारिज कर दिया कि इसमें कोई मेरिट नहीं है. एक तरफ तो जहां गुजरात दंगों के पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से निराशा हाथ लगी है तो वहीं भाजपा खेमे में ख़ुशी की लहर है.
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने शुक्रवार को कोर्ट का फैसला सामने आने के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, ‘आज सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला आया है. जाकिया जाफरी ने एक केस किया था कि नरेन्द्र मोदी जी की गुजरात के दंगों में भूमिका पर जांच होनी चाहिए. कांग्रेस और कुछ पार्टियों की मदद से अपनी दुकान चलाने वालों को आज सुप्रीम कोर्ट से झटका मिला, सच देश के सामने है.’ इस दौरान बीजेपी नेता ने नेशनल हेराल्ड केस में ED द्वारा राहुल गांधी से की जा रही पूछताछ के विरोध में हुए कांग्रेस के प्रदर्शन को लेकर भी निशाना साधा. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, ‘SIT ने गुजरात के उस समय के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को 9 घण्टे तक इंटेरोगेट किया, लेकिन एक दिन भी भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध नहीं किया. जबकि आज देश में कांग्रेस के जो भी एक दो मुख्यमंत्री बचे हैं, वो कामधाम छोड़कर दिल्ली में धरना दे रहे हैं.’
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, ‘आज हम कांग्रेस, वामपंथियो और अन्यों से पूछना चाहते हैं कि आपकी पूरी दुकान जो पिछले 20 साल से नरेन्द्र मोदी जी के विरोध पर चल रही थी, अब कितने दिन और चलाएँगे आप.’ गौरतलब है कि पूरा मामला अहमदाबाद की गुलबर्गा सोसायटी में साल 2002 के 28 फरवरी में हुए दंगों से जुड़े हैं. यहां अपार्टमेंट में हुई आगजनी में कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी सहित 68 लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी ने दंगों की जांच की. जांच के बाद तब के गुजरात मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी गई. अहमदाबाद सहित गुजरात के कई शहरों कस्बों में दंगे भड़के थे क्योंकि दो दिन पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे में आग लगाई गई जिससे 59 लोग जिंदा जल गए थे. ये लोग अयोध्या से कारसेवा कर लौट रहे थे.
यह भी पढ़े: शिवसेना की चिठ्ठी पर भड़के शिंदे- कानून हमें पता है, 54 MLA और 12 MP का हो सकता है बागी कुनबा
दंगों के दस साल बाद 2012 में एसआईटी ने जांच रिपोर्ट दाखिल की थी. रिपोर्ट में नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को क्लीन चिट दी गई थी. याचिका में इसी रिपोर्ट को चुनौती दी गई थी और दंगों में बड़ी साजिश की जांच की मांग की गई थी, जिसे अब कोर्ट ने खारिज कर दिया है.