जब शिंदे का बेटा सांसद है तो फिर मेरे बेटे पर सवाल क्यों? मुझे नहीं है सत्ता का मोह- ठाकरे का बड़ा बयान

महाराष्ट्र में सत्ता का संग्राम जारी, पार्टी के जिला प्रमुखों की बैठक से सीएम ठाकरे की बागी विधायकों को दो टूक- मैंने मुख्यमंत्री आवास वर्षा छोड़ा है लेकिन लड़ाई नहीं, शिवसेना के लिए मरने की बात करने वाले बागी होकर चले गए गुवाहाटी, मैंने शिंदे को अपने पास से दिए दो विभाग, क्या ठाकरे के बिना वो कुछ नहीं है, हमारा हिंदुत्व बीजेपी की तरह नहीं कि अपना फायदा देखा तो कर लिया बदलाव

'मुझे नहीं सत्ता का मोह'
'मुझे नहीं सत्ता का मोह'

Politalks.News/MaharashtraPoliticalDrama. महाराष्ट्र का सियासी संग्राम अब धीरे धीरे अपने चरम पर पहुंचने लगा है. गुवाहाटी में बैठे बागी विधायकों एवं शिवसेना के दिग्गज नेताओं के बीच वार्ता तो चल रही है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकल रहा. भारतीय राजनीति के वर्तमान के सबसे बड़े चाणक्य शरद पवार एवं शिवसेना प्रमुख एवं सूबे के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सरकार बचने की पुरजोर कोशिश में जुटे हैं लेकिन अब तक नतीजा कुछ नहीं निकला. शिवसेना नेता कह रहे हैं कि बागी विधायकों में से कई विधायक हमारे संपर्क में हैं तो वहीं बागी होकर गुवाहाटी के होटल रेडिसन ब्लू में बैठे एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि ठाकरे सरकार अल्पमत में है. वहीं शिंदे के बागी रुख अख्तियार करने पर महाराष्ट्र में कई जगह उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. यहीं नहीं शिंदे के समर्थन में लगे पोस्टर पर स्याही भी फेंकी गई है. तो वहीं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने आवास मातोश्री पर पार्टी के जिला प्रमुखों की बैठक में कहा कि, ‘मुझे सत्ता का मोह नहीं है. मैंने मुख्यमंत्री आवास छोड़ा है लड़ाई नहीं.’ वहीं आदित्य ठाकरे ने भी बागी विधायकों पर निशाना साधा है.

महाराष्ट्र की सियासत में आये सियासी बवाल को आज 4 दिन होने को आये लेकिन इस घमासान का पटाक्षेप होता नजर नहीं आ रहा है. एक तरफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मुंबई में मौजूद विधायकों की संख्या में जहां कमी होती जा रही है तो वहीं शिंदे का बागी कुनबा लगातार बढ़ रहा है. इसी बीच अपने आवास मातोश्री पर जिला प्रमुखों की बैठक में मुख्यमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आगे की रणनीति पर विचार किया. इस दौरान ठाकरे ने बागी विधायकों को साफ संदेश देते हुए कहा कि, ‘मुझे सत्ता का मोह नहीं है. शिवसेना और ठाकरे परिवार हमेशा अपने ऊसूलों के लिए लड़ा है. मैंने मुख्यमंत्री आवास वर्षा छोड़ा है लेकिन लड़ाई नहीं. शिवसेना के लिए मरने की बात करने वाले बागी होकर गुवाहाटी चले गए. दम था हिम्मत थी तो यहीं अपनी बात कहते उसका समाधान होता. उन्होंने जो कुछ भी किया वो सही नहीं किया. हम कानूनी तरीके से अपनी लड़ाई लड़ेंगे.’

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यहीं नहीं उद्धव ठाकरे ने एक बार फिर कहा कि, ‘जब मैं बीमार था तब लोग दुआ कर रहे थे कि मैं जल्द ठीक न होऊं. मुझे एकनाथ शिंदे पर भरोसा था इसी कारण मैंने उन्हें अपने पास से दो विभाग दिए. सबसे बड़ा सवाल तो ये है कि जब शिंदे का बेटा सांसद है तो फिर मेरे बेटे पर सवाल क्यों? जिस तरह से बगावत हुई वो ठीक नहीं है. अगर वो लोग चाहते हैं कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ दूँ या शिवसेना प्रमुख का पद छोड़ दूँ तो छोड़ दूंगा लेकिन क्या ठाकरे के बिना वो कुछ कर पाएंगे. मैं वापस कहूंगा कि हिंदुत्व के साथ शिवसेना ने कभी कोई समझौता नहीं किया. हमारा हिंदुत्व बीजेपी की तरह नहीं कि अपना फायदा देखा तो कर लिया बदलाव.’

सीएम उद्धव ठाकरे के अलावा उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने भी बागी विधायकों पर निशाना साधा. ठाकरे ने कहा कि, ‘परिवार के सदस्यों ने ही हमारे साथ धोखा किया और वो भी सिर्फ पैसे के लिए. सत्ता आती जाती रहती है लेकिन हम सत्ता के लालची नहीं है. कुछ लोगों ने उद्धव ठाकरे सरकार को धोखा दिया है. इससे पहले भी कुछ लोगों ने शिवसेना को धोखा दिया लेकिन उनकी स्थिति क्या है ये सब जानते हैं. आज ज्यादा बोली लगी तो कुछ और विधायकों ने धोखा दे दिया. लोग काम पर आपका समर्थन करते हैं दल बदलने से नहीं.’ आदित्य ठाकरे ने ये सभी बाते शिवसेना के युवा सेना कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करते हुए कही. वहीं शिवसेना संजय राउत इस बगावत के लिए बीजेपी को जिम्मेदार बता रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि, ‘गुवाहाटी में मौजूद कई विधायकों को प्रवर्तन निदेशालय का नोटिस मिला हुआ है और ED का डर दिखाकर विधायकों को आने नहीं दिया जा रहा.’

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सूत्रों के अनुसार बागी होकर गुवाहाटी गए एकनाथ शिंदे अब कभी भी मुंबई आ सकते हैं. शिंदे के साथ अन्य बागी विधायकों के मुमाई आने की खबर है. हालांकि शिंदे गट की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. वहीं कल ही शिवसेना (Shiv Sena) ने विधायक दल की बैठक में भाग नहीं लेने पर शिंदे खेमे के 12 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने की मांग की है. आज भी शिवसेना ने चार विधायकों पर कार्रवाई की मांग की. इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के विधायक दल के नेता पद से एकनाथ शिंदे को हटा दिया गया था. उनकी जगह शिवसेना ने अजय चौधरी को यह पद सौंपा. पार्टी के इस अनुरोध को डिप्टी स्पीकर ने स्वीकार कर लिया है.

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