सचिन पायलट के पहले ‘चुनावी’ दौरे ने ही उड़ाई विरोधियों की नींद, खुद गदगद हुए पायलट, कही ये बड़ी बात

जयपुर से ही कोटा तक हर स्टेशन हुआ पायलटमय, कोटा स्टेशन पर बेकाबू भीड़ ने फुलाए प्रशासन के हाथ-पांव, मैडम राजे के गढ़ में सचिन पायलट का ऐतिहासिक स्वागत, कोटा में बोले- कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण सत्ता में आए, उस समय मैं पीसीसी का चीफ था और हमने किया था संघर्ष, तो झालरापाटन में जनता का किया धन्यवाद कहा - इस बार आने में समय लगा, अगली बार नहीं होगी देरी

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Politalks.News/Rajasthan/Pilot. राजस्थान कांग्रेस में बीते माह हुए सियासी घमासान और उसके बाद से लगातार शांत पड़े राजनीतिक गलियारों के बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट एक दिन के दौरे पर सोमवार को झालावाड़ पहुंचे. इससे पहले कोटा रेलवे स्टेशन पहुंचने पर पायलट का अभूतपूर्व स्वागत हुआ. कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भीड़ ने पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फुलवा दिए. इससे पहले पायलट की ट्रेन जिस भी स्टेशन पर रुकी वहां भी इसी तरह का नजारा देखा गया. इसके बाद दिग्गज भाजपा नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के गढ़ झालरापाटन में पहुंचते ही पायलट समर्थकों ने फिर एक बार जोरदार स्वागत किया. उम्मीद से कहीं ज्यादा समर्थकों का हुजूम देखकर खुद सचिन पायलट भी गदगद दिखे. सचिन पायलट ने कहा कि मेरे इंतजार में झालावाड़ के युवा धूप और बारिश के बीच भी खड़े रहे, यह उन लोगों का प्यार है जिसका मैं आभार जताता हूं. इस बार आने में समय लगा, अगली बार देरी नहीं होगी.

आपको बता दें, जयपुर से वाया ट्रेन कोटा के लिए रवाना हुए सचिन पायलट के साथ फ़ोटो खिंचवाने के लिए ट्रेन के अंदर भी होड़ सी मच गई. वहीं कोटा रेलवे स्टेशन पहुंचने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ऐतिहासिक भीड़ ने सचिन पायलट का जोरदार स्वागत किया. रेलवे स्टेशन पर हाड़ौती के एक दर्जन से ज्यादा नेता अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे. बड़ी संख्या में ढोल और घोड़ी नृत्य करने वाले कलाकारों को भी बुलाया गया था. रेलवे स्टेशन के अंदर और बाहर पायलट कांग्रेस कार्यकर्ताओं और समर्थकों की भारी भीड़ मौजूद थी. हालांकि भारी भीड़ के चलते अन्य यात्रियों को स्टेशन पर असुविधा भी हुई. वहीं सचिन पायलट जब ट्रेन से उतरे तो उनसे मिलने के लिए नेताओं के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई. बड़ी मुश्किल से पुलिस और कमांडो ने घेरा बनाकर पायलट को बाहर तक निकाला. यहां तक कि कई कार्यकर्ताओं और नेताओं के जूते-चप्पल भी धक्का-मुक्की में स्टेशन पर ही छूट गए. ये सभी सचिन पायलट से मिलने के लिए का प्रयास कर रहे थे. ऐसे में पायलट ने अपनी कार के बोनट पर खड़े होकर सभी का अभिवादन किया और इसके बाद सड़क मार्ग से होते हुए झालावाड़ के लिए रवाना हो गए.

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इससे पहले कोटा स्टेशन पर मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व पीसीसी चीफ सचिन बपायलट ने कहा कि हम कार्यकर्ताओं की मेहनत के कारण सत्ता में आए हैं. उस समय मैं पीसीसी का चीफ था और हमने संघर्ष किया था. हमने हाड़ौती क्षेत्र में किसान और गरीबों के लिए संघर्ष किया है. पायलट ने कहा कि हम सबका सामूहिक दायित्व है कि आम जनता, कांग्रेस कार्यकर्ता, किसान व नौजवान की उम्मीदों पर खरा उतरें. उस दिशा में मिलकर काम कर रहे हैं. हम सबका ध्येय है कि 2023 में दोबारा कांग्रेस की सरकार बने. इसके साथ ही सचिन पायलट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह के निधन पर शोक जताने के साथ श्रद्धांजलि व्यक्त की. पायलट ने कहा कि मुलायम सिंह ने अपने पूरे जीवन में जनता के लिए काम किया है. उन्होंने गरीब, किसान और पिछड़ों की बात को उठाया है. उनके जाने से हम सब को क्षति पहुंची है. मैं कामना करता हूं कि भगवान उनकी आत्मा को शांति दे और परिजनों को संबल प्रदान करें.

आपको बता दें कि कोटा से झालरापाटन के रास्ते में जगह-जगह फिर सचिन पायलट का स्वागत किया गया. पायलट को देखने के लिए समर्थक और कार्यकर्ता घण्टों तक सड़क पर इंतजार करते नजर आए. पूर्व सीएम मैडम राजे के गढ़ में इस तरह का ऐतिहासिक स्वागत देख सचिन पायलट के चेहरे पर गजब का आत्मविश्वास झलक रहा था. दरअसल, सचिन पायलट अखिल भारतीय यादव महासभा के तत्वावधान में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में शामिल होने के लिए झालरापाटन पहुंचे थे. हालांकि, कहने को तो सचिन पायलट का यह पूरा दौरा निजी कार्यक्रम के तौर पर बताया गया, लेकिन पायलट के झालावाड़ से चुनावी शंखनाद के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.

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यादव समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान अपने संबोधन में सचिन पायलट ने कहा कि वे करीब साढे 3 साल बाद झालावाड़ आए हैं, सभी समुदाय का मिल रहा प्यार और स्नेह से मैं अभिभूत हूं. यहां के लोगों ने पूर्व में भी मुझे अपार जन समर्थन दिया था ऐसे में जिन लोगों ने उनके साथ संघर्ष किया उन्हें वे सलाम करते हैं. इसके बाद केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते सचिन पायलट ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली है वह किसी के खिलाफ नहीं है. बल्कि भारत जोड़ो यात्रा तो लोगों में प्यार और मोहब्बत बढ़ाने के पक्ष में है, महंगाई खत्म करने के पक्ष में है, अलगाव और द्वेष की भावना और टकराव खत्म करने के पक्ष में है. पायलट ने कहा कि केंद्र सरकार को जनता के लिए काम करना होगा जुमलेबाजी से काम नहीं चलेगा. महंगाई आसमान को छू रही है ऐसे में केंद्र के नकारा लोगों के खिलाफ जनता को अहिंसात्मक तरीके से सवाल पूछने की क्षमता पैदा करनी होगी.

प्रतिभा सम्मान समारोह में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सेना के परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव तथा गिनीज बुक रिकॉर्ड धारी प्रसिद्ध शंख वादक रामचरण यादव सहित दर्जनों लोगों को सम्मानित किया. कार्यक्रम का आयोजन पीसीसी सदस्य शैलेंद्र यादव द्वारा किया गया था. सम्मान समारोह की शुरुआत सचिन पायलट के मंच पर पहुंचने के बाद शंखनाद के साथ की गई ऐसे में पायलट के झालावाड़ दौरे को सियासी शंखनाद के साथ जोड़कर देखा जा रहा है. सचिन पायलट समर्थकों का हुजूम और पायलट के आत्मविश्वास से भरे दौरे को देखकर नई सियासी गणित की सुगबुगाहट दिखाई दे रही है.

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दरअसल, 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले हाडौती संभाग में सचिन पायलट यह पहला बड़ा कार्यक्रम था. जिस तरह से कोटा से लेकर झालावाड़ तक उनके स्वागत की तैयारियां गुई थीं, उसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. पायलट इस दौरे के जरिए यह संकेत दे सकते हैं कि 2023 में राजस्थान में कांग्रेस की वापसी के लिए वे चुनावी तैयारियों में जुट गए हैं. यहां आपको यह भी बता दें कि सचिन पायलट का झालावाड़ से पुराना रिश्ता है. उनकी मां रमा पायलट 2003 में झालरापाटन विधानसभा सीट से वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था तो वहीं 1993 में खानपुर से सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट ने अपना पहला चुनाव लड़ा था.

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