Politalks.News/Rajasthan. शनिवार को आए पंचायती राज चुनावों के नतीजों में अपना खोया हुआ वर्चस्व वापस हासिल करने में सफल हुई कांग्रेस के अब बीजेपी पर जुबानी हमले तेज हो गए हैं. प्रदेश कांग्रेस के दिग्गजों गोविंद सिंह डोटासरा और प्रताप सिंह खाचरियावास के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी रविवार को उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुई किसान रैली को चुनाव परिणामों से जोड़कर भाजपा पर जोरदार निशाना साधा. सीएम गहलोत के बयान पर बीजेपी के दिग्गज नेता और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने पलटवार करते कहा कि मुख्यमंत्री जी की गणित कमजोर है, प्रदेश में डेढ़ वर्ष से लगातार अलग-अलग चरणों में चल रहे पंचायत राज चुनावों के नतीजों के आंकड़े को तो झुठलाया नहीं जा सकता.
दरअसल, रविवार को केन्द्र कर तीनों कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 9 महीने से धरने पर बैठे किसान संगठनों ने और देशभर के किसानों ने उत्तरप्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक किसान महापंचायत का आयोजन किया था, जिसमें जबरदस्त भीड़ इकट्ठा हुई थी. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ‘मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत में उमड़ी किसानों की भारी भीड़ दिखाती है कि उत्तर प्रदेश और देश का किसान भाजपा से त्रस्त हो चुका है. राजस्थान में कल आए पंचायतीराज के नतीजों से साफ हो गया है कि किसानों में भाजपा के खिलाफ भारी नाराजगी है और वो भाजपा को सबक सिखाने के मूड में हैं.’
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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘पहले 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का झूठा वादा एवं अब किसानों को विश्वास में लिए बिना किसान विरोधी कृषि कानून थोपकर खेती को बड़े व्यापारियों के हवाले करने के प्रयास को किसान पूरी तरह पहचान चुके हैं. NDA सरकार की किसानों के प्रति सोच जगजाहिर है. समय आने पर देश के किसान BJP को सबक सिखाने में पीछे नहीं रहेंगे.’
मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान पर पलटवार करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि शायद मुख्यमंत्री जी की गणित कमजोर है, इसलिए कांग्रेस की हार में भी उनको जीत नजर आती है. सरकारी तंत्र का गलत इस्तेमाल कर दूसरे चरण में भाजपा से मामूली बढ़त व कुल हुए मतदान में मात्र 35.2 प्रतिश मत लेकर कांग्रेस का यह छद्म अभियान ज्यादा टिकने वाला नहीं है. राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार के कार्यकाल का आधे से ज्यादा समय बीतने के बाद अच्छा रहता कि सरकार प्रदेश के किसानों के हितों में लिए गए एक भी सार्थक निर्णय की चर्चा करती. मुख्यमंत्री जी द्वारा केन्द्र सरकार पर झूठे वादों का आरोप लगाने से पहले अपने जन घोषणा पत्र में किए गए वादे किसानों का संपूर्ण कर्जमाफी, 5 वर्ष में विद्युत दरें नहीं बढ़ाने, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा याद कर लेते तो उचित होता.
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राजेन्द्र राठौड़ ने आगे कहा कि प्रदेश में डेढ़ वर्ष से लगातार अलग-अलग चरणों में चल रहे पंचायतीराज चुनावों के नतीजों के आंकड़े को तो झुठलाया नहीं जा सकता. अब तक भाजपा के 14 जिला प्रमुख बने हैं. पहले चरण में भाजपा के 443 और दूसरे चरण में 90 जिला परिषद सदस्य यानी कुल 533 जिला परिषद सदस्यों ने विजय हासिल की है. वहीं कांग्रेस के मात्र 5 जिला प्रमुख व पहले चरण में 352 व दूसरे चरण में 99 जिला परिषद सदस्य यानी कुल 451 सदस्य जीते हैं.
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को गर्त में ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. जनहित से जुड़े हर मुद्दों पर राज्य सरकार विफल साबित हुई है. यदि सत्तारुढ़ कांग्रेस की यही स्थिति रही तो आने वाले समय में कांग्रेस प्रदेश से अदृश्य हो जाएगी. ग्रामीण मतदाताओं ने वोट की चोट से कांग्रेस सरकार को करारा सबक सिखाया है जिससे स्पष्ट हो गया है कि एक तरह से सरकार जन विश्वास खो चुकी है.