Politalks.News/Rajasthan/Solar-Power/Ashok-Gehlot. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा राजस्थान वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड और हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा कर लेगा. प्रदेश में वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश की प्रक्रिया को आसान बनाकर निवेशकों को विशेष सुविधाएं देने की रणनीतियों के चलते ये संभव हो पाएगा. शुक्रवार को वीसी के माध्यम से जुड़े तीसरे वैश्विक अक्षय ऊर्जा निवेशक सम्मेलन री इंवेस्ट में सीएम अशोक गहलोत ने निवेशकों से राजस्थान में निवेश करने का आह्वान किया.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां सौर ऊर्जा उत्पादन के अनुकूल हैं. इस कारण हमारे यहां वैकल्पिक ऊर्जा क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं. वर्तमान में 10 हजार मेगावाट क्षमता की सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं. सीएम गहलोत ने बताया कि 27 हजार मेगावाट की क्षमता के संयत्र स्थापित किए जा रहे हैं. प्रदेश के साल 2024-25 तक के अक्षय ऊर्जा उत्पादन लक्ष्यों को समय पूर्व हासिल कर इन्हें पुनर्निधारित कर बढ़ाया जाएगा. राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता है. हम इस लक्ष्य को दीर्घावधि में हासिल करने के लिए भी निरंतर प्रयासरत हैं.
यह भी पढ़ें: सत्ता के लालच में अंधी हो चुकी बीजेपी केंद्र के इशारे पर कर रही है नकारात्मक राजनीति- सीएम गहलोत
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि प्रदेश के जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर सहित अन्य जिलों में 1.25 लाख हैक्टेयर भूमि मरूस्थलीय एवं बंजर जमीन के रूप में उपलब्ध है. इसमें से अधिकतर भूमि राजस्व विभाग की है, जिसका उपयोग वैकल्पिक ऊर्जा परियोजनाओं के लिए किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने निवेशक सम्मेलन में उपस्थित अक्षय ऊर्जा उत्पादकों, विकासकर्ताओं और निवेशकों से आह्वान किया कि वे इस क्षेत्र में निवेश के लिए राजस्थान आएं और राज्य सरकार की विभिन्न निवेश प्रोत्साहन नीतियों का लाभ लेते हुए अक्षय ऊर्जा संयत्र स्थापित करें.
मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे बताया कि राज्य सरकार ने अक्षय ऊर्जा उत्पादन में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीतियां बनाकर सरकारी भूमि डीएलसी दरों पर आवंटित करने, 10 वर्ष तक परियोजना के लिए विद्युत शुल्क में पूर्ण छूट देने, सौर ऊर्जा उपकरण निर्माताओं को स्टाम्प शुल्क में छूट देने और राज्य जीएसटी में 90 प्रतिशत तक निवेश अनुदान देने जैसी रियायतें घोषित की हैं. साथ ही, निजी कृषि भूमि पर सौर अथवा पवन ऊर्जा परियोजना स्थापित करने पर भू-रूपान्तरण की अनिवार्यता समाप्त करने तथा भूमि खरीद के लिए सीलिंग लिमिट में छूट का प्रावधान किया गया है.
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि लगभग 20 वर्ष पहले जब दुनिया में सौर ऊर्जा तकनीक का उदय हुआ, तभी से राजस्थान ने इस क्षेत्र में परियोजना स्थापना के लिए पहल की. सही समय पर इस दिशा में कदम उठाने के चलते आज राजस्थान वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में है.