Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान के कोटा में काेराेना जागरूकता अभियान की मीटिंग के दौरान मंत्री शांति धारीवाल का गुस्से वाला रूप देखने को मिला. सरपंचों की शिकायत पर फटकारते हुए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने जिला परिषद सीईओ टीकमचंद बाेहरा को कहा ‘ये रवैया सुधार लाे वरना ये सरपंच ही सुधार देंगे‘. दरअसल, काेराेना जागरूकता अभियान की मीटिंग के बाद सरपंचों ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल से जिला परिषद सीईओ टीकमचंद बाेहरा की शिकायत की. सरपंचाें ने कहा कि सीईओ कहते हैं कि तुम्हारा तेल निकाल दूंगा. वे जनप्रतिनिधियाें काे बदनाम कर रहे हैं. सरपंचाें ने कहा कि इनके अभद्रता करने की हमारे पास रिकार्डिंग भी हैं.
सरपंचों की बात सुनकर मंत्री धारीवाल गुस्सा हो गए और वापस हाॅल में जाकर सीईओ काे बुलाया. जैसे ही जिला परिषद सीईओ टीकमचंद बाेहरा आए तो मंत्री महोद्य ने उन्हें फटकार लगाई. इस पर सीईओ ने पूछा कि मैंने किससे अभद्रता की. इस पर मंत्री धारीवाल ने फिर से सीईओ को फटकारते हुए कहा, ‘ये रवैया सुधार लाे वरना जिनसे अभद्रता कर रहे हाे ये सरपंच ही सुधार देंगे’. इस पर सरपंच संघ ने धारीवाल व प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया से सीईओ काे हटाने की मांग की. बाद में सरपंचों ने मिलकर सीईओ का पुतला फूंका.
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बनेठिया के पूर्व सरपंच रवि प्रताप सिंह चंदा ने बताया निरीक्षण एवं जांच के नाम पर जनप्रतिनिधियों एवं कर्मचारियाें को प्रताड़ित किया जा रहा है. विभागीय जांंच के बिना जनप्रतिनिधियों एवं कर्मचारियाें के खिलाफ कार्रवाई करके दहशत पैदा की जा रही है. स्वच्छता अभियान व प्रशासनिक खर्च को अनियमितता बता कर वसूलियां निकाली जा रही हैं. इस पर सफाई देते हुए सीईओ ने कहा कि मैंने किसी के साथ कोई अभद्रता नहीं की. मैंने तो खामियां दूर करके जॉब कार्ड बनाने को कहा था.
इस पूरे मामले पर सीईओ टीकमचंद बोहरा ने विस्तृत तौर पर कहा कि मैंने कभी किसी से इस तरह की भाषा का प्रयाेग नहीं किया। हम खामियां दूर करने के लिए हैं. पिछले सप्ताह ग्राम पंचायत बिनायका में सालाना निरीक्षण करने गया था. वहां स्वीकृत 2 दर्जन काम में से मात्र 4-5 काम चलाए गए थे. लाेगाें ने काम की मांग की तो मैंने समझाइश की. इस पर लाेग जाॅब कार्ड बनवाने सरपंच के पास गए ताे उन्हाेंने लाेगाें काे धमकाया. डरे हुए व्यक्ति ने मुझे फाेन किया. सरपंच ने उसे अतिक्रमण हटाने का नाेटिस दिय जिस पर मैंने सरपंच काे कहा कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कराे, लेकिन पक्षपात नहीं हाे.
सीईओ ने ये भी कहा कि मैंने सरपंच काे अतिक्रमण की सूची लेकर बुलाया ताे वे नहीं आए. सचिव ने बताया कि काेई सर्वे नहीं हुआ है. इस बात काे प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया. शिकायत और ज्ञापन देना सरपंचाें का लाेकतांत्रिक अधिकार है जिस पर जांच की जाएगी.