गहलोत सरकार का रिपोर्ट कार्ड झूठा, 5 फीसदी वादे भी पूरे नहीं हुए: राजेंद्र राठौड़

कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता और बिजली दरों में बढ़ोतरी को लेकर साधा कांग्रेस पर हमला, जन घोषणा पत्र को बताया निजी दस्तावेंज और झूठ का पुलिंदा

Rajendra Rathore Vs Ashok Gehlot
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Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने हाल में सरकार द्वारा जारी 22 महीनों के कार्यकाल के रिपोर्ट कार्ड को झूठ का पुलिंदा बताया. राठौड़ ने कहा कि सत्य व अहिंसा का संदेश देने वाले महात्मा गांधी की जयंती पर असत्य व झूठे रिपोर्ट कार्ड को जारी कर कांग्रेस सरकार ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया है. बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल वायदों में से 5 फीसदी भी अब तक पूरे नहीं हुए जबकि गहलोत सरकार 50 फीसदी का दावा कर रही है.

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राठौड़ ने कहा कि सरकार द्वारा जन घोषणा पत्र को नीति दस्तावेज बताया गया है जबकि वास्तव में सरकार का यह दस्तावेज जनता को मृग-मरीचिका दिखाने का दस्तावेज है जिसका वास्तविकता से कोई लेना-देना नहीं है, ना इसमें रीति है ना नीति है. राठौड़ ने कहा कि सरकार ने जन घोषणा पत्र की 501 घोषणाओं में से 252 घोषणा पूरी करने के कपोल कल्पित दावे प्रस्तुत किए है जबकि वस्तुस्थिति में धरातल पर 5 प्रतिशत जनता से किये वादों का भी क्रियान्वयन नहीं हो सका है.

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राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस सरकार का 10 दिन के भीतर 20 लाख किसानों के 7692 करोड़ रुपये अल्पकालीन फसली ऋण माफ करने का झूठा दावा गरीब किसान के जख्म पर नमक छिड़कने के समान है. प्रदेश में 18 लाख किसान जिन्होंने राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित बैंकों व विभिन्न ग्रामीण बैंकों से अल्पकालीन फसली ऋण लिया है, उसे 10 दिन में माफ करने का दावा करने वाली सरकार ने मात्र मंत्री बी.डी. कल्ला की अध्यक्षता में कमेटी बना कर इसकी इति श्री कर ली. कमेटी 22 महीनों में भी अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत नहीं कर सकी, यह किसानों के साथ सरासर धोखा है.

बीजेपी नेता राठौड़ ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद का पुख्ता दावा करने वाली सरकार की पोल उस समय खुल गयी जब केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम मूल्यों पर फसल खरीद के लिए निर्धारित रबी 2019-20 में सरसों, चने, मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की 65 फीसदी फसलों को राज्य सरकार न्यूनतम मूल्यों पर नहीं खरीद पाई. केंद्र सरकार द्वारा न्यूनमत मूल्य पर सरसों की उपज खरीदने का लक्ष्य 8.5 लाख टन निर्धारित किया गया था. दुर्भाग्य है कि राज्य सरकार केन्द्र द्वारा निर्धारित लक्ष्य में से मात्र 5 लाख 65 हजार लाख टन सरसों ही खरीद पाई. वहीं चने में केंद्र सरकार द्वारा आवंटित लक्ष्य 4.25 लाख टन की जगह पर मात्र 1 लाख 20 हजार टन ही खरीद कर पाई. इसी प्रकार अन्य फसलों की भी न्यूनतम मूल्य पर केन्द्र सरकार के लक्ष्यानुसार फसल नहीं खरीदना किसानों के साथ वादाखिलाफी है.

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राठौड़ ने कहा कि 2 हजार करोड़ के कृषक कल्याण कोष स्थापित करने का दावा करने वाली सरकार ने आज भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 764 करोड़ का राज्यांश संबंधित बीमा कंपनी में जमा नहीं कराने के कारण वर्ष 2018-19 के 2 लाख से अधिक पात्र किसान फसल बीमा योजना के लाभ से वंचित है. यह सरकार का किसान विरोधी चेहरा है.

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री युवा संबल योजना के तहत प्रदेश में मात्र 62 हजार युवाओं को 3000 रुपये बेरोजगारी भत्ता देकर 18 लाख नौजवान जो 10+2 करके, बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने की योग्यता रखते हैं, के साथ सरकार का क्रूर मजाक है. दुर्भाग्य है कि कोरोना काल में यह भत्ता माह अप्रैल 2020 से पूर्णतया बंद है.

राठौड़ ने कहा कि 5 साल तक कृषि कनेक्शनों की दरों में इजाफा न करने का दावा करने वाली सरकार ने 3 बार आम उपभोक्ता की विद्युत दरों में अलग-अलग समय पर विद्युत दर, फ्यूल चार्ज, फिक्स चार्ज सहित कुल मिलाकर 28 फीसदी की विद्युत दरों में बढ़ोतरी कर कोरोना काल में डगमगाई अर्थव्यवस्था को धक्का दिया है.

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