Politalks.News/Rajasthan. देश के किसानों पर केंद्र सरकार का घातक प्रहार है कृषि कानून- यह कहना है प्रदेश के पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट का. सोमवार को अपने सरकारी आवास पर एक प्रेस वार्ता के दौरान पायलट ने केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. पायलट ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को किसान विरोधी बताया है. सचिन पायलट ने कहा है जब कांग्रेस इन कृषि कानूनों का विरोध कर रही है, तब राजस्थान में इन कानूनों को लागू करने का कोई सवाल ही नहीं है. पायलट ने कहा जब मोदी सरकार अपने साथी अकाली दल को नहीं समझा पाई तो किसानों का क्या समझाएगी.
सदन से पारित कराए कृषि बिलों पर बोलते हुए सचिन पायलट ने कहा कि कृषि राज्य का विषय है. लेकिन किसी भी राज्य की सरकार से कोई चर्चा नहीं की गई है. कोरोना काल के बीच केन्द्र सरकार ने अपने हित साधने के लिए जबर्दस्ती सदन में कृषि बिलों को पारित कराया है. पायलट ने कृषि कहा इसके माध्यम से किसानों पर कड़ा प्रहार किया गया है. जिस तरीके से बिल को राज्यसभा में पारित करवाया गया है, उससे साफ है कि सरकार के पास बहुमत नहीं था. सचिन पायलट ने कहा है कि पूरे देश भर में कांग्रेस इस कानून का विरोध कर रही है.
पायलट ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की थी लेकिन कोरोना के बीच जानबूझकर केंद्र सरकार ने इस बिल को पारित करवाया. पायलट ने कहा राजस्थान का छोटा किसान कैसे मुंबई कोलकाता जाएगा? कैसे वह मल्टीनेशनल कंपनी से समझौता कर पाएगा? इसलिए इस विधेयक का विरोध पूरे देश में हो रहा है.
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सचिन पायलट ने आगे कहा कि जयपुर में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटसरा ने राज्यपाल कलराज मिश्र को ज्ञापन सौंपा है. एनडीए के घटक दल भी इस कानून का विरोध कर रहे हैं. जब कांग्रेस इन कानून का विरोध कर रही है तो कृषि कानून को राजस्थान में कैसे लागू किया जा सकता. पायलट ने आगे कहा सवाल है कि इस कानून की मांग किसने करी थी जब सरकार अपने घटक दल अकाली दल को ही नहीं समझा पाई तो किसानों को क्या समझा पाएंगे. केंद्र सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है. पायलट ने कहा किसान ही नहीं बल्कि मजदूर आढ़ती, ट्रांसपोर्टर्स को इसके बाद भारी नुकसान होगा लेकिन कांग्रेस आखिरी दम तक इसके विरोध में लड़ाई लड़ेगी.
इसके साथ ही डूंगरपुर में हुई हिंसा को लेकर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने कहा कि हिंसा किसी भी मसले का समाधान नहीं है शांतिपूर्ण बातचीत से ही समस्या का समाधान किया जा सकता है. पायलट ने कहा प्रदेश में कोई ना कोई ऐसी ताकत है जो माहौल बिगाड़ना चाहती है कोई ना कोई हित साधने के लिए ऐसी हिंसा की जा रही है. पायलट ने कहा कि सरकार ने कोर्ट में एसएलपी दायर करने की बात कही है. बात करने से ही समस्या का समाधान होगा. सचिन ने कहा सरकार ने संवाद के लिए अपील कर रखी थी, हमारे आदिवासी युवा भाई बहन हिंसा में विश्वास नहीं करते.
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वहीं एनबीसी आरक्षण को लेकर सचिन पायलट ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार का मकसद सभी वर्गों को न्याय दिलाना है. पायलट ने कहा मैंने जो मुद्दे उठाए हैं उन पर बात चल रही है. तीन सदस्यीय कमेटी से लगातार हमारी बात हो रही है. पायलट ने यह भी कहा प्रदेश प्रभारी अजय माकन से भी मेरी चर्चा हुई है. मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के संपर्क मैं हूं. निश्चित तौर पर मेरे उठाए हुए मुद्दों का समाधान जल्द ही होगा.