राजस्थान मेंं तमाम लोकसभा सीटों पर मतदान होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने भितरघात करने वालों के साथ मंत्रियों-विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट तलब की है. प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय से राहुल गांधी ने फीडबैक रिपोर्ट मांगी है. आलाकमान के निर्देशों पर पांडेय ने तमाम उम्मीदवारों से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है. रिपोर्ट में खास बात यह है कि हाईकमान ने चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं की लिस्ट भी मांगी है. पहले चरण की 13 सीटों केे उम्मीदवारों ने तो भितरघात करने वाले नाम भी पांडेय को बता दिए हैं.

इन प्रत्याशियों ने सौंपे नाम
सूत्रों के मुताबिक, जालौर-सिरोही से रतन देवासी नेे निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा की खुलकर खिलाफत करने की शिकायत आलाकमान से की है. बाड़मेर से उम्मीदवार मानवेंद्र सिंह ने मंत्री हरीश चौधरी पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. पाली से बद्री जाखड़ ने विधायक दिव्या मदेरणा पर मदद नहीं करनेे के आरोप जड़े हैं. वहीं, उदयपुर लोकसभा प्रत्याशी रघुवीर मीणा ने गिरिजा व्यास और स्पीकर सीपी जोशी की निष्क्रियता की शिकायत की है.

इसी प्रकार, चितौड़गढ़ उम्मीदवार गोपाल ईडवा ने विधायक आरएस विधुड़ी पर मदद नहीं करने की शिकायत की है. बांसवाड़ा से प्रत्याशी ताराचंद भगौरा ने विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय पर पार्टी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप लगाए है. बताया जा रहा है कि भीलवाड़ा प्रत्याशी रामपाल शर्मा ने विधायक रामलाल जाट और धीरज गुर्जर पर सहयोग नहीं करने की शिकायत की है. इसी तरह की शिकायतें अजमेर और झालावाड़ के प्रत्याशियों ने भी की हैं.

दूसरे चरण में ये करेंगे शिकायत
पहले चरण की तरह दूसरे चरण की स्थिति भी कुछ ज्यादा अलग नहीं है. कई कांग्रेस उम्मीदवारों को पार्टी नेताओं ने सहयोग प्रदान नहीं किया. जल्द ही ये प्रत्याशी भी हाईकमान को अहयोग करने वाले नेताओं की रिपोर्ट सौंपेंगे. बीकानेर प्रत्याशी मदन मेघवाल अपनी लिस्ट में विधायक गोविंद चौहान, वीरेंद्र बेनीवाल और मंंगालाराम गोदारा का नाम शामिल कर सकते हैं. उम्मीदवार भरत मेघवाल श्रीगंगानगर में शंकर पन्नू और विनोद गोठवाल को लेकर आपत्ति दर्ज करा सकते है. झुंझुनूं से श्रवण कुमार विधायक बृजेन्द्र ओला और हाकिम खान, वहीं जयपुर शहर से उम्मीदवार ज्योति खंडेलवाल पार्टी विधायक अमीन कागजी, महेश जोशी और अर्चना शर्मा की शिकायत कर सकती हैं.

तीन स्तर पर मांगी रिपोर्ट
कांग्रेस हाईकमान ने तीन स्तर पर पार्टी नेताओं पर सीसीटीवी की तरह निगरानी बनाए रखी. इसके लिए दूसरे राज्य के नेताओं को विधानसभा क्षेत्रों में पर्यवेक्षक नियुक्त किया था. प्रदेश प्रभारी पांडेय को भी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए थे. प्रत्याशियों से भी फीडबैक देने के लिए कहा था. तीनों की रिपोर्ट के मिलान के बाद हर लोकसभा सीट की एक विस्तृत रिपोर्ट तैयारी की जाएगी जिसे बाद में पांडेय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंपेंगे.

मंत्रियों-विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के थे निर्देश
लोकसभा चुनाव से पहले हाईकमान ने तमाम प्रभारियों को निर्देश दिए थे कि जिस भी विधायक और मंत्री की विधानसभा में परफॉर्मेंस खराब होगी, उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी. कार्यवाही से मतलब मंत्री पद से छुट्टी और भविष्य में टिकट नहीं देने के सख्त निर्देश दिए गए थे. कड़े निर्देश के पीछे हाईकमान की मंंशा पार्टी के खिलाफ जाकर काम नहीं करने देने का संदेश था. अब देखना है कि विपरित परिणाम आने पर हाईकमान कड़ी कार्यवाही करते है या नहीं.

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