Politalks.News/Rajasthan. मुख्यंमत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने हर सरकारी भर्ती पर खड़े हो रहे सवालिया निशानों को लेकर चिंता जाहिर की है. सीएम गहलोत ने भर्ती एजेंसियों को और ज्यादा परफेक्शन के साथ काम करने की सलाह दी है ताकि युवाओं को निराशा का सामना ना करना पड़े. सीएम गहलोत ने सोमवार को वर्चुअल रूप से आयोजित कार्यक्रम में आरपीएससी के नए ब्लॉक का शिलान्यास किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, ‘समय के साथ भर्ती एजेंसियों को ऐसे नवाचार अपनाने की जरुरत है जिससे काम में पारदर्शिता आए’. सीएम गहलोत ने ये भी कहा कि, ‘सरकार जब भर्तियां निकालती है तो युवाओं में खुशी की लहर होती है. लेकिन जब ये भर्तियां कोर्ट में अटकती हैं तो निराशा का भाव पैदा होता है. यह माहौल खत्म होना चाहिए’. आपको बता दें कि राजस्थान में हालही में हुईं REET, SI और JEN परीक्षा (examinations) में धांधली को लेकर कई खबरें आईं थी. कई नकल गिरोह और पेपर वायरल होने जैसी खबरें भी आई थी. सरकार ने खुद कई सरकारी कारिदों और स्कूलों पर कार्रवाई की है.
‘RPSC और सरकार की क्रेडिबिलिटी का सवाल’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘प्रतियोगी परीक्षा देने वाले बच्चों को भी लगता है कि उसका क्या होगा? ये सवाल उठते हैं इन पर सोचना होगा. परीक्षाओं का काम बहुत गोपनीय तरीके से करना होगा’. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘आरपीएससी (Rajasthan Staff Selection Board ) अध्यक्ष और मेंबर जितनी ज्यादा बारीकी से ध्यान रखेंगे उतने ही सही रिजल्ट आएंगे और उससे उतना ही जनता का विश्वास भी कायम होगा. यह आरपीएससी और सरकार की क्रेडिबिलिटी का सवाल है. लोगों में धारणा है कि सलेक्शन में यह हालत क्यों पैदा हो रही है? लोगों में धारणा है कि जहां सलेक्शन होते हैं वहां यह स्थिति क्यों पैदा हो रही है? इस स्थिति को बदलने के लिए काम करना होगा’.
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‘पेपर लीक होना बड़ी चुनौती’
यूपी में टीईटी पेपर लीक होने के बाद निरस्त किए जाने पर सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘पेपर लीक होना बड़ी चुनौती बन गया है. अब यूपी में भी पेपर लीक हो गया. राजस्थान में हर परीक्षा पर सवालिया निशान लगने लगा है, चाहे वह सही ही क्यों न हो. परीक्षा में कोई कमी रह गई है तो एक अवसर मिल जाता है. मीडिया ट्रायल शुरू हो जाता है’ .
‘UPSC की तर्ज पर जारी हो भर्तियों का कैलेंडर’
सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘यूपीएससी की तर्ज पर आरपीएससी में भी नियमित रूप से भर्तियों का कैलैंडर तैयार हो. पहले इसके प्रयास हुए थे. कार्मिक विभाग को भी चाहिए कि वह समय पर नई भर्तियां निकालने की रिक्वेस्ट आरपीएससी को भेज दे. समय पर भर्ती की सूचना दें. परीक्षाओं में इंटरव्यू के बारे में भी सोचें कि किस हद तक इन्हें रखा जाए? जितना ज्यादा भर्तियों में इंटरएक्शन कम होगा उतना ही ज्यादा ठीक रहेगा’.
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यूपीएससी से भर्ती दोगुनी, स्टाफ चौथाई- यादव
कार्यक्रम में आरपीएससी चेयरमैन भूपेन्द्र यादव ने कहा कि, ‘हम साल में यूपीएससी से लगभग दोगुनी भर्तियां करते हैं लेकिन हमारे यहां कर्मचारियों की संख्या एक चौथाई है’. यादव ने भर्ती विवाद रहित पूरी करवाए जाने के लिए नियमों को अपडेट करने की जरुरत बताई. आरपीएससी अध्यक्ष ने कहा कि, ‘अभी जो भर्तियां केवल साक्षात्कार के जरिए हो रही हैं उन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं में बदला जाना चाहिए. इसके साथ ही साक्षात्कार को भी 12 प्रतिशत तक सीमित किया जाना चाहिए’.