Politalks.News/Punjab/Haryana. कृषि से जुड़े तीन कानूनों का विरोध अभी ठंडा नहीं हुआ है बल्कि सुलग रहा है. कृषि कानूनों के विरोध में हरियाणा और पंजाब के किसानों ने गुरुवार को दिल्ली कूच किया जहां अंबाला से होते हुए किसानों ने हरियाणा में प्रवेश किया. यहां पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए वॉटर कैनन और आंसू गोलों का इस्तेमाल कर भीड़ को खदेडने की कोशिश की जिस पर उग्र किसानों ने पत्थरबाजी की और बेरिकेट्स तोड़कर पुल से नीचे फेंक दिए. इस घटनाक्रम के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के बीच ट्वीटर पर वॉर छिड़ गई. एक ओर जहां सीएम खट्टर ने राजनीति छोड़ने की धमकी की तो कैप्टन ने हरियाणा सरकार से किसानों को रोकने की कोशिश की जगह उन्हें रास्ता देने की बात कही. इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आंदोलन कर रहे किसानों को वार्ता के लिए बुलाया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिल्ली कूच कर रहे हरियाणा और पंजाब के किसानों को रोकने के लिए बीजेपी की हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके खिलाफ बल प्रयोग करना पूरी तरह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है. लगातार ट्वीट करते हुए कैप्टन ने कहा, ‘खट्टरजी, लगभग 2 महीने से किसान बिना किसी समस्या के पंजाब में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. हरियाणा सरकार बल प्रयोग कर उन्हें क्यों उकसा रही है? क्या किसानों को सार्वजनिक राजमार्ग से शांतिपूर्वक गुजरने का अधिकार नहीं है?’
For nearly 2 months farmers have been protesting peacefully in Punjab without any problem. Why is Haryana govt provoking them by resorting to force? Don't the farmers have the right to pass peacefully through a public highway? @mlkhattar pic.twitter.com/NWyFwqOXEu
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 26, 2020
कैप्टन ने कहा कि यह एक दुखद विडंबना है कि संविधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकार को इस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है. अमरिंदर सिंह ने हरियाणा मुख्यमंत्री एमएल खट्टर से निवेदन करते हुए कहा कि किसानों को जाने दिया जाए, उन्हें इस कगार पर मत लाइए और उनकी आवाज को शांति से दिल्ली ले जाने दें. पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं भाजपा से उनकी राज्य सरकार को किसानों के खिलाफ क्रूर बल का इस्तेमाल ना करने का निर्देश देने का आग्रह करता हूं. जो हाथ देश को खाना खिलाते हैं उन्हें थामा जाना चाहिए, धकेला नहीं जाना चाहिए.
इस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री खट्टर ने कई ट्वीट कर कहा, ‘कैप्टन अमरिंदर जी, मैंने पहले ही कहा है और मैं इसे फिर से कह रहा हूं..अगर एमएसपी पर कोई परेशानी हुई तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. कृपया निर्दोष किसानों को उकसाना बंद करें.’
.@capt_amarinder ji, I've said it earlier and I'm saying it again, I'll leave politics if there'll be any trouble on the MSP – therefore, please stop inciting innocent farmers.
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 26, 2020
सीएम खट्टर ने आगे कहा कि मैं पिछले 3 दिनों से आपसे संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन दुख की बात है कि आपने दूरी बनाने का फैसला किया. इससे पता चलता है कि आप किसान के मुद्दों के प्रति कितने गंभीर हैं? आप केवल ट्वीट कर रहे हैं और बातचीत से भाग रहे हैं.
Time for your Lies, Deception and Propaganda is over – let the people see your real face. Please stop putting the lives of people in danger during the Corona pandemic. I urge you to not play with the lives of the people – atleast avoid cheap politics during the time of pandemic.
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 26, 2020
सीएम खट्टर यहीं नहीं रूके. बीजेपी के मुख्यमंत्री ने कैप्टन से कहा कि आपके झूठ, झूठे प्रचार का समय अब खत्म हो गया है. लोगों को अपना असली चेहरा देखने दें. कृपया कोरोना महामारी के दौरान लोगों के जीवन को खतरे में डालना बंद करें. मैं आपसे लोगों के जीवन के साथ नहीं खेलने का आग्रह करता हूं. कम से कम महामारी के समय सस्ती राजनीति से बचें.
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इससे पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सीएम खट्टर के लिए कहा कि क्या आप भूल गए हैं कि यह भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ही थी जिसने महामारी के बीच किसानों के जीवन को खतरे में डालने के लिए कृषि कानूनों के माध्यम से कोविड-19 को बढ़ावा दिया. क्या वो हमारे किसानों पर पड़ने वाले कोविड-19 के प्रभाव के बारे में नहीं जानते थे? तब आप क्यों नहीं बोले एमएल खट्टर जी.
Sharing my interview regarding farmers being wrongly stopped in Haryana while they were on their way to Delhi for a peaceful dharna. pic.twitter.com/3fi3ZMUOOE
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 26, 2020
आगे सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि खट्टरजी, मुझे आपकी आपकी प्रतिक्रिया पर हैरानी हो रही है. ये वो किसान हैं जिन्हें एमएसपी पर आश्वस्त होना है, मुझे नहीं. आपको उनके ‘दिल्ली चलो’ से पहले उनसे बात करने की कोशिश करनी चाहिए थी. अगर आपको लगता है कि मैं किसानों को उकसा रहा हूं तो हरियाणा के किसान दिल्ली का रुख क्यों कर रहे हैं?
Shocked at your response @mlkhattar ji. It's the farmers who've to be convinced on MSP, not me. You should've tried to talk to them before their #DilliChalo. And if you think I’m inciting farmers then why are Haryana farmers also marching to Delhi?
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 26, 2020
खैर, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तनातनी अभी जारी रह सकती है. वहीं किसान संगठनों और किसानों ने कानूनों के विरोध में आज ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया. हरियाणा और पंजाब के किसानों ने सैंकड़ों ट्रेक्टर ट्रोलियों पर सवाल होकर दिल्ली का रूख किया लेकिन अंबाला-पटियाला बॉर्डर पर पुलिस और किसानों में टकराव शुरु हो गया. इधर, अंबाला बॉर्डर से होते हुए पंजाब के किसान भी हरियाणा में दाखिल हो गए. किसानों की भीड़ को तितर बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन के साथ आंसू गैंस के गोले छोड़े जिस पर उग्र हो किसानों ने बैरिकेट्स तोड़ दिए और पुलिस व सुरक्षाबलों पर पथराव कर दिया.
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वहीं कई राज्यों के किसान नेताओं ने दोनों राज्यों के किसानों को समर्थन दिया है. वहीं पश्चिम बंगाल में सीपीआई समर्थकों ने किसानों के समर्थन में ट्रेन रोको आंदोलन चलाया है. प्रदेश भर में कृषि बिलों के विरोध में रैलियां निकाली जा रही हैं. इसी बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को बातचीत के लिए बुलाया है. तोमर ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों के साथ है. केंद्रीय मंत्री तोमर ने किसानों को तीन दिसम्बर को वार्ता के लिए वक्त दिया है. तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों से आंदोलन न करने की अपील करते हुए कहा कि हम मुद्दों के बारे में बात करने और मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार हैं. केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद किसानों के साथ संवाद का सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद जताई.
New farm laws were the need of the hour. In the coming time, it's going to bring revolutionary changes. We've spoken at the secretary level in Punjab to dispel wrong notions of our farmer brothers there. We'll talk on Dec 3: Union Agriculture Minister pic.twitter.com/u4PMwuBaNx
— ANI (@ANI) November 26, 2020
इधर, किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली-एनसीआर में जाम की स्थिति पैदा हो गई है. कई कई किलोमीटर तक जाम लगा हुआ है. दिल्ली पुलिस बॉर्डर पर वाहनों की चेकिंग कर रही है, ताकि किसान दिल्ली में प्रवेश न कर सकें. लंबे जाम के कारण कई लोगों को पैदल ही सफर करना पड़ रहा है. शाहबाद से दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया है.