Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में कांग्रेस की गहलोत सरकार का कोई न कोई मंत्री किसी न किसी कारण से चर्चा में बना रहता है. नए मामले में कृषि विपणन (स्वतन्त्र प्रभार), सम्पदा विभाग (स्वतन्त्र प्रभार), पर्यटन विभाग, नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा (Murari Lal Meena) के तेवर कुछ बदले-बदले नजर आ रहे हैं. मुरारी मीणा ने प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण (Reservation in private sector) की पैरवी की है तो वहीं मंत्रीजी ने निजीकरण का हवाला देते हुए इसे आरक्षित वर्ग के लिए खतरा बताया है.
इससे पहले रविवार को भी मंत्री मीणा ने दौसा में आयोजित एक कार्यक्रम में निजीकरण व नौकरियां खत्म होने को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से केंद्र सरकार पर निशाना साधा था. साथ ही मुरारी मीणा ने राज्य सरकार में पू्र्वी राजस्थान की हिस्सेदारी को लेकर भी बड़ा बयान दिया. मीणा ने केन्द्र सरकार पर तो निशाना साधा ही है साथ ही अपने मंत्री बनने को लेकर भी बड़ी बात कही है. इसी बीच मीणा ने रविवार को अपने सियासी प्रतिद्वंदी किरोड़ी मीणा से भी मुलाकात की है. आपको याद दिला दें कि मीणा ने हालही में कैबिनेट की एक बैठक में सीएम गहलोत पर प्रदेश प्रभारी के सामने पलटवार किया था.
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आरक्षण को लेकर मुरारी के ट्वीट को लेकर सियासी चर्चाएं
गहलोत सरकार में राज्य मंत्री मुरारीलाल मीणा ने सोमवार को एक ट्वीट कर कहा कि, ‘आरक्षण की सीमा में आने वाले सभी ग़रीबों को प्राइवेट सेक्टर में भी मिले आरक्षण, क्योंकि केन्द्र सरकार कर रही है निजीकरण, जिससे आरक्षी वर्ग को होगा भारी नुक़सान‘. मुरारी मीणा ने ट्वीट को प्रधानमंत्री, पीएमओ, मुख्यमंत्री, राहुल गांधी व प्रियंका वाड्रा को टैग किया है.
30 फीसदी वोट से तो बदल जाती है सरकार- मुरारी
इससे पहले रविवार को कोली छात्रावास, दौसा में कोली विकास संस्था द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह एवं नववर्ष स्नेह मिलन समारोह में शिरकत की. इस दौरान राज्यमंत्री मुरारीलाल मीणा ने कहा था कि, ‘देश में 20 प्रतिशत जनसंख्या तो एससी-एसटी की है और 30 फीसदी से वोट में तो सत्ता ही बदल जाती है. जो हमारा भला करे उसके पक्ष में वोट करें चाहे वो कोई भी हो. युवा पीढ़ी को इसका महत्व समझना होगा. जिससे हम पिछड़े लोगों का नुकसान नहीं हो’. मीणा ने कहा कि, ‘पिछले दिनों हुई भर्तियों में 15-20 लाख युवाओं ने परीक्षा दीं, लेकिन नौकरियां तो हैं ही नहीं. हम वोट देते वक्त इन बातों का ध्यान रखें’.
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केन्द्र सरकार की निजीकरण की नीति, आरक्षण खत्म को लेकर जताई चिंता
गहलोत सरकार के मंत्री मुरारीलाल मीणा ने केन्द्र सरकार की निजीकरण की नीति और आरक्षण खत्म होने की चिंता जताते हुए कहा कि, ‘अब हमको प्राइवेट सेक्टर में भी आना पड़ेगा क्योंकि सरकार निजीकरण को बढ़ावा दे रही है. नौकरियां खत्म कर रही हैं और इसका सबसे ज्यादा नुकसान एससी-एसटी के लोगों को हो रहा है. रेलवे, बैंक, पब्लिक सेक्टर आदि में 15-15 लाख नौकरियां होती हैं. ऐसे में सोची-समझी नीति के तहत सरकारी सेक्टर्स का निजीकरण करके आरक्षण को खत्म किया जा रहा है. ऐसे में हमें निजी उद्योग-धंधों की तरफ बढ़ना पड़ेगा’.
10-10 हजार में बनेंगे टीसी- निजीकरण पर मुरारी लाल मीणा की चिंता
आरक्षण खत्म होने की चिंता जताते हुए मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि, ‘रेलवे में टीसी को एक लाख की सैलरी मिलती है, लेकिन जब बड़े-बड़े सेठ इन कंपनियों को चलाएंगे तो हमारे बच्चे 10-10 हजार में टीसी बनेंगे, हमारे लोगों को भावनाओं में नहीं बहकर वोट की ताकत को समझना होगा’. नाम लिए बगैर भाजपा पर निशाना साधते हुए मंत्री मीणा ने कहा कि, ‘वो लोग सीधे तौर पर तो कर नहीं सकते, लेकिन इन डायरेक्ट तरीके से आरक्षण को खत्म कर रहे’.
मुरारी बोले- ‘हमने पूरी ताकत से दिल्ली तक पहुंचाई बात, तब….’
वहीं मंत्री मुरारी मीणा ने राज्य सरकार में पूर्वी राजस्थान की हिस्सेदारी को लेकर बड़ा बयान दिया है. जिला मुख्यालय पर रविवार को एक कार्यक्रम में मीणा ने कहा कि, ‘पूर्वी राजस्थान से कांग्रेस के सबसे ज्यादा एमएलए बने, लेकिन सरकार में उतनी हिस्सेदारी नहीं मिली, इसके बाद यह बात हमने पूरी ताकत के साथ दिल्ली तक पहुंचाई. उसके बाद हमारी बात पर गौर किया गया और आज यहां के 14 मंत्री राज्य सरकार में हैं जिसमें सबसे ज्यादा एससी-एसटी के 9 मंत्री हैं जो देश आजाद होने से आज तक नहीं बने थे. ऐसे में हमें अपनी बात मजबूती के साथ उठाते हुए आगे बढ़ना होगा’.
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सियासी गलियारों में इस मंत्री मुरारी लाल मीणा के बदले बदले तेवरों को लेकर चर्चाएं हो रहीं हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि मुरारी के यह तेवर तब ज्यादा बदले हैं जब कि रविवार सुबह बीजेपी के दिग्गज नेता और खुद मुरारी के प्रतिद्वंद्वी राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा मंत्री मुरारी मीणा से मुलाकात करने उनके जयपुर स्थित आवास पहुंचे थे. तो क्या मुलाकात में किरोड़ी मीणा ने दिया है कोई गुरुमंत्र? सियासी टिप्पणीकारों का कहना है कि, मुरारी मीणा तेज तर्रार नेता रहे हैं और अब मंत्री बनने के बाद उनको प्लेटफॉर्म मिला है.
आपको सबसे पहले याद दिला दें कि सियासी कलह के बाद हुए मंत्रिमंडल पुनर्गठन में मुरारी मीणा को राज्यमंत्री बनाया गया है. सियासी कलह का जिक्र करते हुए सीएम गहलोत कई बार कह चुके हैं कि निर्दलीय और बीएसपी से आए विधायकों की वजह से मेरी सरकार बची है. वरना….इस बात को लेकर हाल ही में हुई मंत्रियों की एक बैठक में सीएम गहलोत से प्रभारी माकन की मौजूदगी में आमने-सामने हो गए थे.