राष्ट्रपति (President) रामनाथ कोविंद (RamNath Kovind) ने देश के कई राज्यों में बड़ा फेरबदल करते हुए नये राज्यपालों की नियुक्ति कर दी है. राष्ट्रपति कोविंद ने कई राज्यपालों का तबादला किया है साथ ही कुछ को नया नियुक्त किया गया है. कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) को हिमाचल (Himachal Pradesh) प्रदेश से हटाकर राजस्थान (Rajasthan) का राज्यपाल (Governor) नियुक्त किया गया है. वहीं बंडारू दत्तात्रेय (Bandaru Dattatrey) को मिश्र की जगह हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को महाराष्ट्र (Maharashtra) का नया राज्यपाल बनाया गया है. साथ ही आरिफ मोहम्मद खान (Aarif Md. Khan) अब केरल (Kerala) में राज्यपाल पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. डा. तमिलिसाई सुंदरराजन को तेलंगाना का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. राष्ट्रपति के आदेश के बाद से सभी नवनियुक्त राज्यपालों को बधाई देने वालों का तांता लग गया है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एयर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कलराज मिश्र को बधाई दी.
राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किये गए इन पांचों राज्यपालों में एक नाम ने सबको चौंका दिया है और वो नाम है आरिफ मोहम्मद खान का नाम. आरिफ खान का नाम तब चर्चा में आया था जब अभी हाल ही में सदन में 26 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में कांग्रेस पर मुस्लिमों को धोखा देने का आरोप लगाया और 34 साल पुराने शाहबानो केस का हवाला दिया. पीएम मोदी ने उस वक्त कांग्रेस के एक पूर्व मंत्री का जिक्र करते हुए कहा था कि, “उस वक्त कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे एक नेता ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि मुसलमानों के उत्थान की जिम्मेदारी उसकी नहीं है, अगर वो गटर में पड़े रहना चाहते हैं तो पड़े रहने दो.” यहां प्रधानमंत्री मोदी जिस इंटरव्यू की बात कह रहे थे वो एबीपी न्यूज़ चैनल के शो प्रधानमंत्री में दिया गया आरिफ मोहम्मद खान का ही इंटरव्यू था.
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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में मंत्री का नाम तो नहीं लिया लेकिन बता दें कि मोदी ने जिस मंत्री का जिक्र किया वो आरिफ मोहम्मद खान ही थे. खुद आरिफ मोहम्मद खान ने इसकी पुष्टि की थी. पीएम मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई धन्यवाद चर्चा का जवाब दे रहे थे. बता दें कि आरिफ मोहम्मद खान केरल के गवर्नर के तौर पर पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पी सदाशिवम की जगह लेंगे.
बता दें कि, आरिफ खान ने तीन तलाक को गौरकानूनी घोषित करने के फैसले पर केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन किया था साथ ही अनुच्छेद 370 पर भी उन्होंनें केंद्र सरकार के फैसले का साथ दिया था. आरिफ खान कांग्रेस में दो बार, जनता दल और बसपा से एक-एक बार लोकसभा सदस्य रह चुके हैं. 2004 में वह भाजपा में शामिल हो गए थे. 2007 में उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी. इसके बाद उन्होंने संसदीय राजनीति से दूरी कर ली थी.
वहीं, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में नियुक्त होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने मोदी और शाह का आभार जताते हुए कहा कि, ‘मैं पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभारी हूं। उन्होंने मुझे हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में यह जिम्मेदारी दी है और मैं संविधान के अनुसार काम करूंगा.’
इनके अलावा राष्ट्रपति कोविंद ने महाराष्ट्र में भगत सिंह कोश्यारी को राज्यपाल नियुक्त किया है. अब से हिमाचल के नए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय होंगे. वहीं आरिफ मोहम्मद को केरल का राज्यपाल बनाया गया है. तमिलसाईं सौदरराजन को तेलंगाना के राज्यपाल के तौर पर कमान सौंपी गई है. बता दें कि इससे पहले सौंदरराजन तमिलनाडु भाजपा की प्रदेश अध्यक्ष थीं.
राजस्थान के नये राज्यपाल कलराज मिश्र:
कलराज मिश्र इससे पहले हिमाचलप्रदेश के राज्यपाल थे. कलराज राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ पूर्णकालिक प्रचारक भी रह चुके हैं. मिश्र भाजपा की केंद्र और यूपी सरकार में वह कैबिनेट मंत्री भी थे. वर्ष 2010 से 2012 तक वह उत्तरप्रदेश के प्रदेश भाजपा प्रभारी भी रहे. पिछले लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा के प्रभारी थे. वह तीन बार राज्यसभा सांसद और एक बार देवरिया से लोकसभा सदस्य भी रह चुके हैं.
भगत सिंह कोश्यारी
भगत सिंह कोश्यारी का जन्म 17 जून 1942 को उत्तराखंड के बागेश्वर जिले स्थित नामती चेताबागड़ गांव में हुआ था. वह उत्तराखंड के बड़े भाजपा नेता हैं. जब उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड़ बना तो कोश्यारी को ही राज्य का पहला प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था. 2001 से लेकर 2002 तक वह राज्य के मुख्यमंत्री रहे. फिर 2002 से लेकर 2007 तक उन्होंने विपक्ष के नेता के तौर पर जिम्मेदारी निभाई. वे 2008 से 2014 तक वह राज्यसभा सांसद भी रहे हैं.कोश्यारी एक जिम्मेदार पत्रकार और शिक्षक भी रहे हैं.
बंडारू दत्तात्रेय
बंडारू दत्तात्रेय भारतीय जनता पार्टी की संयुक्त आंध्र प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान वह श्रम और रोजगार मंत्री थे. वर्ष 1965 में उन्होंने आरएसएस ज्वाइन कर ली थी. आपातकाल के वक्त बंडारू जेल भी गए थे.