Politalks.News/Bihar/PrashantKishore. देश के कई बड़े राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अब सकल राजनीति में उतरने का पूरा मन बना लिया है. प्रशांत किशोर हमेशा पर्दे के पीछे रहकर अपनी चुनावी रणनीति को अंजाम देते आए हैं, लेकिन इस बार वे खुद जनता का मन टटोलने के लिए मैदान में उतरेंगे. हालांकि प्रशांत किशोर ने गुरूवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान साफ़ कर दिया कि वे अभी कोई भी पार्टी बनाने के मूड में नहीं है. लेकिन भविष्य में जरूरत पड़ने पर पार्टी का गठन भी किया जा सकता है. इस दौरान पीके ने ये भी साफ़ किया कि उनकी टीम ने करीब 17 हजार लोगों को चिन्हित किया है जिनसे वो बात करेंगे और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. पत्रकार वार्ता के दौरान PK ने बिहार के पूर्व व वर्तमान मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के तीस साल के कार्यकाल का जिक्र तो किया ही साथ ही साथ कांग्रेस पार्टी को लेकर अपने मन की बात कहते हुए तंज भी कसे हैं.
मिशन बिहार की घोषणा कर चुके प्रशांत किशोर ने अब ऐलान किया है कि वो 2 अक्टूबर से बिहार में 3000 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकलेंगे. जहां उनका फोकस लगभग हर गांव और कस्बे में जाने पर होगा. पत्रकार वार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि, बिहार में बदलाव और नई सोच की जरूरत है और इसे लेकर पिछले कुछ दिनों में समाज के हर तबके से बात हुई है. वह बिहार में नई सोच, बदलाव और सुराज का हिमायती है. अगर ज्यादातर लोग सुराज और नई सोच के पक्ष में रहते हैं और किसी राजनीतिक पार्टी के ऐलान की जरूरत पड़ती है तो उसका ऐलान भी किया जाएगा लेकिन ये पार्टी उन सभी लोगों कि होगी जो बिहार को आगे ले जाने का काम करेंगे. ये पार्टी प्रशांत किशोर की कभी नहीं होगी.’ पत्रकार वार्ता के दौरान राहुल गांधी से जुड़े सवाल पर भी पीके ने अपनी प्रतिक्रिया दी.
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प्रशांत किशोर ने कांग्रेस पार्टी से उनकी बात नहीं बनने को लेकर कहा कि, ‘राहुल गांधी बहुत बड़े आदमी हैं और मैं बहुत ही साधारण परिवार का बेटा हूं. अगर वो कहेंगे कि मुझसे बात करनी है तो मैं उनसे बात करूंगा और अगर वो मुझसे नहीं मिलना चाहेंगे तो फिर मैं उनसे नहीं मिल सकता. कांग्रेस देश की बहुत बड़ी पार्टी है उनके यहां उनका खुद का संविधान है जिसके अनुरूप काम होता है.’
पीके ने आगे कहा कि, ‘मीडिया में जो बातें चल रही थी कि मैं ही पूरे फैसले लेने का इच्छुक था वो गलत हैं. मैंने कभी नहीं कहा कि मैं ही सब फैसले लूंगा या फिर वो ही सभी फैसले लेंगे. लेकिन मैं पार्टी में ऐसी जिम्मेदारी चाहता था जिसमें अलग विंग हो. कांग्रेस के संविधान के अनुरूप वहां लंबे समय तक इस बात की संभावना नहीं है कि वो पार्टी के अंदर ही अलग विंग बनाकर काम कर सके. इसलिए मैंने खुद ही अपने पैर पीछे ले लिए.’ वहीं पीके ने कहा कि, ‘कांग्रेस को यह तय करने की जरूरत है कि वे आगे कैसे काम करना चाहती है, मुझे नहीं. कांग्रेस को किसी प्रशांत किशोर की आवश्यकता नहीं है, पार्टी के पास और भी अधिक सक्षम लोग हैं और वे जानते हैं कि उन्हें क्या करना है.‘
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वहीं पत्रकार वार्ता के दौरान पीके बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर भी निशाना साधा. पीके ने कहा कि, ‘बिहार आज 30 साल के लालू और नीतीश के राज के बाद भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य है. विकास के कई मानकों पर बिहार आज भी देश के सबसे निचले पायदान पर है. बिहार अगर आने वाले समय में अग्रणी राज्यों की सूची में आना चाहता है तो इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है. जिन रास्तों पर बिहार चल रहा है उन रास्तों से आने वाले 10 से 15 सालों में बदलाव लाना असंभव है.
कास्ट पॉलिटिक्स को लेकर पूछे गए सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि, ‘कई लोगों का मानना है कि बिहार में केवल जाति के आधार पर वोट मिलता है. मैं जाति नहीं बल्कि समाज के सभी लोगों को जोड़ने की कोशिश कर रहा हूं. मैं कोरोना के खत्म होने का इंतजार कर रहा था ताकि किसी नई योजना पर काम कर सकूं. अगर मैं कोरोना के दौरान यात्रा की शुरुआत करता तो लोग मुझपर सवाल खड़ा करते.’ पीएम मोदी को अगर बिहार में वोट मिलते हैं तो क्या वो जाति के हिसाब से मिलते हैं नहीं ऐसा बिलकुल भी नहीं है.