Politalks.News/Rajasthan/BJPJanHoonkarRally. राजस्थान में बहुसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों, मंदिर तोड़ने, किसान कर्जमाफी, बिगड़ी कानून व्यवस्था, इत्यादि जनहित के मुद्दों को लेकर अलवर में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां की अगुवाई में ‘जन हूंकार रैली’ (Jan Hoonkar Rally) का आयोजन किया गया. बीजेपी द्वारा आयोजित इस रैली में कई बड़े दिग्गज मौजूद रहे तो वहीं भाजपा के अंदर चल रही खेमेबाजी पर इस रैली ने मुहर लगा दी है. अलवर शहर के कंपनी बाग में आयोजित इस हूंकार रैली से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे एवं उनके समर्थक नेताओं ने दुरी बनाए रखी. तो हुंकार रैली में लगे पोस्टर से मैडम राजे का चेहरा भी गायब रहा. वहीं हूंकार रैली के मंच से बीजेपी नेताओं ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना भी साधा. सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘अलवर की रैली से प्रदेश के मुख्यमंत्री व दिल्ली में सोनिया गांधी की धड़कन बढ़ गई है क्योंकि 2023 में कांग्रेस की विदाई तय है.’
गुरुवार को प्रदेश भाजपा नेताओं ने अलवर में हुंकार रैली के जरिए गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्ञानदेव आहूजा, मदन दिलावर समेत कई नेताओं ने एक के बाद एक बोलते हुए गहलोत सरकार पर निशाना साधा. तो वहीं बीजेपी की ‘जन हूंकार रैली’ (Jan Hoonkar Rally) में बीजेपी के भीतर चल रही खेमेबाजी भी साफ़ दिखाई दी. बीजेपी द्वारा आयोजित इस जन हूंकार रैली से पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने दुरी बनाए रखी. इस रैली में लगे पोस्टरों से भी भी मैडम राजे गायब रही. जन हूंकार रैली में लगे पोस्टर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अधयक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के साथ प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां एवं नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया की तस्वीर नजर नहीं आई. वहीं अलवर सांसद बाबा बालकनाथ का एक अलग से होडिंग भी नजर आया. जो बीजेपी में चल रही आंतरिक कलह को बयान करता नजर आया.
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बीजेपी नेताओं ने इस जन हूंकार रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘अलवर की इस रैली से प्रदेश के मुख्यमंत्री व दिल्ली में सोनिया गांधी की धड़कन बढ़ गई है.’ पूनिया ने गहलोत सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि, ‘एक गहलोत सरकार है जो 300 साल पुराने मंदिर पर बुलडोजर चला रही है. वहीं यूपी में योगी सरकार भष्टाचार के खिलाफ बुलडोजर चल रही है. गहलोत सरकार प्रदेश में पिछेल 40 माह से काम कर रही है लेकिन इन्होंने प्रदेश की जनता को केवल जाति के नाम पर धर्म के नाम पर बांटने का काम किया है व जमकर राजनीति की है. देश में सबसे शांत प्रदेश राजस्थान था, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं और प्रदेश बदनाम हो रहा है. राजस्थान में लगातार पीएफआई अपने पैर पसार रही है और इसका जिम्मेदार प्रदेश का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत है.’
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने इस जन हूंकार रैली का अलवर से आयोजन करने की भी वजह बताई. पूनियां ने कहा कि, ‘प्रदेश में अलवर क्राइम का गढ़ बना हुआ है, इसलिए भाजपा ने अपने हुकार रैली की शुरुआत यहीं से की है. प्रदेश का सिंह द्वार कहलाने वाले अलवर की जनता ने यह फैसला लिया है कि आगामी चुनाव में प्रदेश सरकार को उखाड़ फेंकेंगे.’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान कि, ‘जब मैं पहली बार मुख्यमंत्री बना था तभी से सोनिया गांधी के पास मेरा इस्तीफा रखा हुआ है’ पर एक बार फिर तंज कसते हुए कहा कि, सोनिया गांधी के पास अशोक गहलोत का इस्तीफा पड़ा हुआ है ऐसा वो कहते हैं. मैंने सोनिया गांधी से यह निवेदन किया है कि उनका इस्तीफा स्वीकार कर लो तो देश का भला हो जाएगा.
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वहीं सभा को संबोधित करते हुए उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘अलवर के पूर्व कलेक्टर ने खुद तो रिश्वत ली, साथ ही दूसरे कलेक्टर की भी जिम्मेदारी ली. 18 लाख किसानों ने नेशनल बैंक से लोन लिया था, अब उन किसानों की जमीन नीलाम हो रही है.’ राठौड़ ने कहा कि, ‘सरकार का कोई धणी धोरी नहीं है. यहां जंगल राज है. महात्मा गांधी ने कांग्रेस को समाप्त करने की बात कही थी, लेकिन उस समय कांग्रेस को समाप्त नहीं किया गया. अब महात्मा गांधी के अधूरे काम को प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरा करने में लगे हैं.’
अलवर सांसद बाबा बालकनाथ ने कहा कि, ‘यह कांग्रेस की सरकार नहीं यह मुगलों की सरकार है. इस सरकार ने केवल राजस्थान को बदनाम करने का काम किया है. देश में राजस्थान के खिलाफ नेगेटिव प्रतिक्रियाएं होने लगी है. इसका परिणाम राजस्थान के लोगों को झेलना पड़ रहा है. राजस्थान के नेता विधायक व सांसदों को अपमानित होना पड़ रहा है. इसका बदला आने वाले चुनाव में प्रदेश की जनता को लेना होगा.’ वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता मदन दिलावर ने कहा कि, ‘बाहर से आतंकियों को बुलाकर योजनाबद्ध रूप से जोधपुर में घटना को अंजाम दिया गया. जोधपुर में एक पक्ष की तरफ से हमला किया गया. 300 से ज्यादा लोगों ने मीडिया कर्मी व घटनास्थल की फोटो खींचने वाले लोगों के साथ जमकर मारपीट की. स्थानीय लोगों ने कहा 40 से 50 लोग तो स्थानीय थे, लेकिन अन्य लोग बाहर के थे. उनकी वेशभूषा व कदकाठी बिल्कुल अलग थी.’