Wednesday, January 22, 2025
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राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति में फिर नया मोड़

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राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति नया मोड़ लेगी. सचिन पायलट की सक्रियता से इसके आसार दिखने लगे हैं. अगर गहलोत गांधी परिवार के निकट हैं तो पायलट भी गांधी परिवार से दूर नहीं है. राजीव गांधी जयंती पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुए कार्यक्रम में संगठन के महत्व पर जोरदार तरीके से प्रकाश डालते हुए उन्होंने संकेत दे दिया था वह अब चुपचाप उप-मुख्यमंत्री बने नहीं रह सकते. शायद वह सोच रहे होंगे, गहलोत अकेले सरकार नहीं चलाएंगे, मैं भी कुछ न कुछ करूंगा.

सचिन पायलट बुधवार को अलवर जिले के झिवाणा पहुंच गए और हरीश जाटव, रतिराम जाटव के परिवार से मिले. हरीश जाटव की एक हादसे में मौत हो गई थी. उसके पिता रतिराम ने आरोप लगाया था कि हरीश की मौत भीड़ की पिटाई से हुई है. लेकिन पुलिस ने इस मामले को मॉब लिंचिंग नहीं माना ना ही आरोपियों के खिलाफ आज तक कुछ कर पाई है. पुलिस के इस रवैये से दुखी होकर रतिराम ने स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त को जहर खाकर आत्महत्या कर ली. इसके बाद यह मामला मीडिया की चर्चा में आया था. सचिन पायलट ने जाटव परिवार से मिलने के बाद घोषणा की कि यह घटना मॉब लिंचिंग है या नहीं, इसकी नए सिरे से जांच भिवाड़ी के नए एसपी डॉ. अमनदीप सिंह करेंगे.

इस दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने पहलू खां की मौत के मामले में गहलोत सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पहलू खां मामले में यदि आठ माह पहले सरकार बनते ही एसआईटी का गठन कर जांच करवाई जाती तो अदालत का फैसला कुछ और होता. हालांकि अदालत के फैसले के बाद सरकार ने एसआईटी गठित कर दी है. अब कोई दोषी बच नहीं पाएगा. पायलट ने अलवर में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सभी के लिए आत्मचिंतन का विषय है. कानून हर जाति, समुदाय के लिए बराबर है.

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रतिराम जाटव की मौत के बाद दलित समाज के लोगों और भाजपा नेताओं ने टपूकड़ा सीएचसी के सामने तीन दिन तक धरना दिया था. इसके बाद यह मामला मीडिया में उछला और भाजपा ने कांग्रेस पर तीखे हमले शुरू कर दिए थे. भाजपा का आरोप था कि कांग्रेस के नेता हरीश जाटव के परिवार से मिलने तक नहीं गए. सरकार सिर्फ पहलू खां मामले में ही जुटी है. इसके बाद सचिन पायलट कांग्रेस की तरफ से सबसे पहले झिवाणा पहुंचे और पीड़ित परिवार को ढाढ़स बंधाया.

पायलट के पहुंचते ही हरीश जाटव की पत्नी रेखा उनके पैरों से लिपट गई और न्याय की गुहार करने लगी. पायलट ने रेखा की चारों बेटियों के लालन-पालन, पढ़ाई और अन्य आर्थिक मदद के लिए सरकार से हर संभव सहायता दिलवाने की बात कही. हरीश के परिजनों ने पायलट से एफआईआर के आधार पर जांच कराने और दोषी पुलिस कर्मियों को हटाने की मांग की. पायलट ने आश्वासन दिया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. पायलट के साथ राज्य के श्रम मंत्री टीकाराम जूली, जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह, अलवर एसपी परिघ देशमुख सहित कई अधिकारी और स्थानीय नेता मौजूद थे.

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इस बीच पुलिस ने रतिराम जाटव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट जारी कर दी है, लेकिन उसमें मौत का कारण का खुलासा नहीं है. डॉक्टरों का कहना है कि फोरेंसिक जांच होने के बाद मौत के कारणों का खुलासा होगा. रतिराम की मौत 15 अगस्त की शाम को जहरीला पदार्थ खाने से हुई थी. इसके बाद दलित समाज के लोगों ने टपूकड़ा में धरना देते हुए शव लेने से इनकार कर दिया था. धरने को भाजपा का भी समर्थन था. तीन दिन बाद धरना खत्म होने के बाद रतिराम का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया था. अब एफएसएल से विसरा की रिपोर्ट का इंतजार है.

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